Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
गाजियाबाद के अभिभावकों के लिए राहत भरी खबर है और दूसरी ओर प्राइवेट स्कूलों के लिए काम की खबर है। अगर प्राइवेट पब्लिक स्कूलों ने बच्चों के अभिभावकों पर फीस का दबाव बनाया तो अब कड़ी कार्रवाई होगी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रजभूषण चौधरी ने फीस का दबाव बना रहे स्कूलों को चेतावनी दी है कि अगर स्कूल फीस का दबाव बना रहे हैं तो उस पर अर्थदंड लगेगा। साथ ही उसके प्रबंधकों को जेल भी हो सकती है।
गाजियाबाद के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्र के स्कूलों पर नजर रखें। देखें कि उनके क्षेत्र का कोई स्कूल फीस का दबाव तो नहीं बना रहा है। बीएसए ने कहा कि देश में 30 जून तक लॉकडाउन लागू है। ऐसे में स्कूल अभिभावकों को फीस जमा कराने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। किसी बच्चे को फीस जमा नहीं कराने पर ऑनलाइन क्लास से वंचित कर सकता है। इस आदेश का उल्लंघन करने पर अर्थदंड और 1 वर्ष की सजा होगी। बच्चों को पढ़ाई की क्षति होने पर 2 साल की सजा हो सकती है।
आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर प्रदेश में अभिभावक प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ लामबंदी कर रहे हैं। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के अभिभावक तो लॉकडाउन पीरियड के दौरान फीस की वसूली माफ करने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए ट्विटर, फेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया माध्यमों पर पिछले 2 महीनों से अभियान चल रहा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग को आदेश दिया है कि अभिभावकों को ज्यादा से ज्यादा राहत दी जाए।
किसी भी अभिभावक पर फीस जमा करने के लिए प्राइवेट स्कूल दबाव ने बनाने पाएं। फीस जमा नहीं होने के कारण किसी भी बच्चे की पढ़ाई छूटनई नहीं चाहिए। दरअसल, लॉकडाउन पीरियड के दौरान बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां जा रही हैं। वेतन में कटौती भी हो रही है। जिसके चलते अभिभावक फीस जमा करने में असहज हैं।