BIG NEWS: डीएम गौतमबुद्ध नगर का बड़ा आदेश, कोई प्राइवेट या सरकारी अस्पताल मरीज को बिना इलाज नहीं लौटाएगा

BIG NEWS: डीएम गौतमबुद्ध नगर का बड़ा आदेश, कोई प्राइवेट या सरकारी अस्पताल मरीज को बिना इलाज नहीं लौटाएगा

BIG NEWS: डीएम गौतमबुद्ध नगर का बड़ा आदेश, कोई प्राइवेट या सरकारी अस्पताल मरीज को बिना इलाज नहीं लौटाएगा

Tricity Today | Suhas LY IAS

गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने एक बड़ा आदेश जारी किया है। उन्होंने नोएडा और ग्रेटर नोएडा के सभी सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों को एडवाइजरी जारी की है। जिसमें कहा है कि किसी भी मरीज को इलाज देने से इनकार नहीं करेंगे। अस्पताल मरीजों को भर्ती करेंगे और उपचार करेंगे। बिना वजह कोविड-19 का बहाना बनाते हुए मरीजों को वापस नहीं भेजा जाएगा। ऐसा करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश मुख्य चिकित्सा अधिकारी को दिया गया है।

पांच जून की रात नोएडा में एक गर्भवती महिला नीलम को इलाज नहीं मिलने के कारण उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने मंगलवार को जिम्मेदार अस्पतालों के अधिकारियों, डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश जारी किया है। इस मामले में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों की बड़ी लापरवाही खुलकर सामने आई है। जिसके बाद जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को मामले में कड़ाई से काम करने का आदेश दिया है।

सुभाष हलवाई ने प्रेस बयान जारी कर कहा, "सभी प्राइवेट अस्पताल और सरकारी अस्पताल यह सुनिश्चित करेंगे कि आपातकालीन परिस्थितियों में आने वाले किसी भी मरीज को इलाज के बिना वापस नहीं लौटाया जाएगा। मरीज को भर्ती किए बिना अस्पताल वापस नहीं करेगा। इसके लिए कोविड-19 के निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। इसकी व्यवस्था सभी चिकित्सालयों में मजबूत ढंग से की जानी चाहिए। इस बारे में ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक को निर्देश दिया गया है कि वह सभी अस्पतालों के डॉक्टरों को दोबारा प्रशिक्षण दें।"

डीएम ने कहा, "यदि चिकित्सकीय कारणों से अस्पताल किसी मरीज का इलाज नहीं कर पा रहा है तो वह मरीज को दूसरे अच्छे अस्पताल में रेफर करेगा। यह अपरिहार्य होगा और ऐसी स्थिति में रेफर करने से पहले अस्पताल की जिम्मेदारी होगी कि आगे वाले अस्पताल से समन्वय स्थापित करे। जब आगे वाला अस्पताल मरीज को भेज देने के लिए कह देगा, तब मरीज को रेफर किया जाएगा। इससे मरीज को अनावश्यक रूप से इधर-उधर भटकना न पड़ेगा।" डीएम ने कहा कि इन नियमों का पालन नहीं करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आदेश का अनुपालन करवाने के लिए गौतमबुद्ध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दीपक ओहरी को जिम्मेदारी दी गई है।

आपको बता दें कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पिछले 2 सप्ताह के दौरान ऐसे 3 मामले सामने आए हैं, जिनमें मरीजों को इलाज नहीं मिलने के कारण मौत हो गई हैं। सबसे पहले 25 मई की रात नोएडा के सेक्टर 37 में रहने वाले राजकुमार के नवजात शिशु को सही समय पर इलाज नहीं मिल पाया। जिसके कारण उसकी रास्ते में ही मौत हो गई थी। इसके बाद 2 जून की रात निठारी की रहने वाली गर्भवती महिला को नोएडा के जिला अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया था। महिला ने अस्पताल के बाहर ही बच्चे को जन्म दिया और थोड़ी देर बाद ही बच्चे की मौत हो गई थी। 

अब 5 जून की रात खोड़ा गाजियाबाद की रहने वाली नीलम को नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद के 8 अस्पतालों में इलाज नहीं मिल पाया था। नीलम ने भी एंबुलेंस में दम तोड़ दिया था। जिसके बाद पूरा अमला हरकत में आया और अब जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने यह आदेश जारी किया है।

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