Noida News : नोएडा में धर्मांतरण का मामला सामने आया है। पुलिस ने चार युवितयों समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि आरोपी इन दिनों एक बीटेक छात्रा और उसकी कजिन बहन को धर्मांतरण करने के लिए उकसा रहे थे। थाना एक्सप्रेसवे पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की है।
यह है पूरा मामला
थाना एक्सप्रेसवे में जितेंद्र बहादुर ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि वह जेपी विश टाउन सोसायटी में रहते हैं। उनकी बेटी बीटेक की पढ़ाई कर रही है। जब वह बस से उतरकर घर आती है तो गुलशन माल के पास इशु, रूथ सहित कई लोग उसे मिलते हैं। ये लोग उसे बाइबल पढ़ने के लिए बुलाते हैं। उससे कहते हैं कि आप हमारे घर पर आओ। पीड़ित के अनुसार उनके साले की बेटी के साथ भी उन्होंने इसी तरह वारदात की है। ये लोग बाइबल पढ़ने के बहाने घर पर बुलाकर धर्म परिवर्तन कराने का रैकेट चलाते हैं। पुलिस ने मामले में वाई वाई बोन, अभी रैना, ऋषभ नायर, रवि तेजा, ईशु, रिथु को गिरफ्तार कर लिया है। एसीपी शैव्या गोयल का कहना है कि धार्मिक पुस्तक पढ़ने के लिए उकसाने के मामले में पुलिस ने चार युवतियों सहित छह को गिरफ्तार किया है। युवतियां तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और मिजोरम की रहने वाली हैं।
जानिए कैसे खुला राज
आरोप है कि इस तरह से धर्मांतरण कराने का प्रयास करने वाली कुछ महिलाएं और युवतियां आंध्र प्रदेश, केरल, कोलकाता और तमिलनाडु की रहने वाली है. वहीं, एक अन्य व्यक्ति ने पुलिस को बताया कि आरोपी युवतियां और महिलाएं आसपास की युवतियों को घर पर बुलाती हैं, ताकि उनका धर्म परिवर्तित किया जा सके। उनकी बेटी भी कुछ इसी तरीके से शिकार हुई थी, पर उसने घर जाने से मना कर दिया। बाद में फोन नंबर पर कॉल आने लगी।
आरोपियों का खंगाला जा रहा बैकग्राउंड
शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच के लिए एक टीम गठित कर दी गई है। युवतियों का बैकग्राउंड खंगाला जा रहा है। पुलिस इनके मोबाइल की भी जांच करने की बात कह रही है। युवतियां दूसरे राज्य से कब और क्या करने के लिए आई टीम इसकी जानकारी जुटा रही है। 6 के अलावा कई अन्य लोगों की भी इसमें संलिप्तता बताई जा रही है। युवतियों ने बीते कुछ दिन में जिनसे संपर्क किया उनका ब्यौरा एकत्र किया जा रहा है।
पहले भी सामने आया ऐसा मामला
2021 में नोएडा के सेक्टर 117 में मौजूद नोएडा डीफ सोसायटी सहित कई मूक बधिर स्कूलों के करीब 18 बच्चों का धर्म परिवर्तन कराया गया था। हैरान करने वाली बात ये थी कि धर्म बदलने वाले बच्चों के माता-पिता को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी।