BIG BREAKING: गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद की सोसायटियों को बड़ी राहत, अब एक से ज्यादा केस मिलने पर भी सीलिंग नहीं, पूरी जानकारी

BIG BREAKING: गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद की सोसायटियों को बड़ी राहत, अब एक से ज्यादा केस मिलने पर भी सीलिंग नहीं, पूरी जानकारी

BIG BREAKING: गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद की सोसायटियों को बड़ी राहत, अब एक से ज्यादा केस मिलने पर भी सीलिंग नहीं, पूरी जानकारी

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन फाइव के लिए नई गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। जिसमें हाउसिंग सोसाइटीज में रहने वाले लोगों को बड़ा फायदा मिला है। अब अगर एक हाउसिंग सोसायटी में एक से अधिक कोरोना वायरस से संक्रमित लोग पाए जाते हैं तो भी पूरी सोसाइटी को सील नहीं किया जाएगा। लॉकडाउन-4 के दौरान लोगों के विरोध के बाद राज्य सरकार ने बदलाव किया था। लेकिन उस बदलाव से आंशिक लाभ हुआ था। 

संशोधित नियम था कि किसी हाउसिंग सोसायटी में एक से ज्यादा मामले पाए जाएंगे तो पूरी हाउसिंग सोसायटी को सील कर दिया जाएगा। अगर किसी हाउसिंग सोसाइटी में कोरोना वायरस से संक्रमण का एक ही मामला पाया जाएगा तो केवल उसी टावर को सील किया जाएगा, जिसमें संक्रमित व्यक्ति निवास कर रहा है। इस बदलाव से लोगों को राहत तो मिली लेकिन ज्यादातर हाउसिंग सोसाइटी में एक से अधिक संक्रमण के मामले हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी ने रविवार को नई गाइडलाइन जारी की हैं। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से शनिवार को लॉकडाउन फाइव की घोषणा करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी ओर से यह गाइडलाइन लागू की हैं। जिनके मुताबिक शहरी क्षेत्रों में कंटेनमेंट जोन को परिभाषित किया गया है। उत्तर प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को मुख्य सचिव की ओर से यह शासनादेश भेजा गया है। जिसमें कहा गया है कि शहरी क्षेत्र में जहां सिंगल केस है, वहां पर ढाई सौ मीटर के रेडियस में अथवा पूरा मोहल्ला, जो भी कम हो उसे सील किया जाएगा। एक से ज्यादा केस होने पर कलस्टर माना जाएगा। ऐसी स्थिति में 500 मीटर के रेडियस में कंटेनमेंट जोन होगा। उसके बाद ढाई सौ मीटर में बफर जोन भी होगा। यह व्यवस्था सेक्टरों और पुरानी शहरी आबादी में लागू मानी जाएगी।

इस बार हाउसिंग सोसायटी के लिए अलग नियम

इस बार सरकार ने आवासीय बहुमंजिला सोसाइटी के लिए कंटेनमेंट जोन घोषित करने की नीति अलग से बनाई है। जिसमें महत्वपूर्ण रूप से 2 बिंदु हैं। मुख्य सचिव ने कहा है, ऐसे बहुमंजिला भवनों या टावरों वाली सोसाइटी में यदि एक ही फ्लोर पर एक या अधिक सक्रिय केस हो तो ऐसे टावर या बहुमंजिला भवन को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाएगा। आगे कहा गया है, यदि एक सोसाइटी में एक से अधिक टावरों में सक्रिय केस पाए जाते हैं तो ऐसी सोसाइटी में संबंधित टावर और सार्वजनिक प्रयोग वाले स्थानों को सील कर दिया जाएगा।

एक से ज्यादा टावरों में मामलों आने पर इस तरह होगी सीलिंग

हाउसिंग सोसाइटी के एक से ज्यादा टावरों में संक्रमण के मामले सामने आने पर सार्वजनिक उपयोग के स्थलों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। सार्वजनिक प्रयोग वाले स्थान पार्क, जिम, स्विमिंग पूल और बैंकट हॉल आदि हैं। इन्हें कंटेनमेंट जोन में शामिल करते हुए तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। जिससे कि संक्रमण का प्रसार अन्य व्यक्तियों में ना होने पाए।

इस नई व्यवस्था से स्पष्ट है कि अगर किसी हाउसिंग सोसायटी के टावर में पूरा परिवार या एक फ्लोर पर कई लोग संक्रमित हो जाते हैं तो केवल उसी टावर को सील किया जाएगा। इसी तरह अगर एक से अधिक टावरों में संक्रमण फैलता है तो संक्रमण वाले टावरों को सील किया जाएगा। एक से अधिक टावरों में संक्रमण मिलने पर सार्वजनिक उपयोग की सुविधाएं भी सील कर दी जाएंगी। लेकिन सोसायटी के बाकी टावरों को सीलिंग से मुक्त रखा जाएगा। 

आपको बता दें कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में करीब 50 हाउसिंग सोसायटी कोरोनावायरस के संक्रमण की वजह से सील की जा चुकी हैं। इस नई व्यवस्था से संक्रमण के मौजूदा मामलों से प्रभावित हाउसिंग सोसायटी और भविष्य में आने वाले मामलों से प्रभावित होने वाली सोसायटी को बड़ा फायदा होगा। नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार का कहना है कि सोसाइटी में रहने वाले लोग लगातार इसी बात की मांग कर रहे थे। लोगों का कहना है कि अगर एक टावर में एक से अधिक संक्रमण के मामले आते हैं तो भी उसी टावर को सील किया जाना चाहिए। 

गाजियाबाद में फेडरेशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव कुमार का कहना है, लोगों को इस बात से कोई गुरेज नहीं है कि जिस टावर में संक्रमण का मामला आए उसे सील कर दिया जाए। विरोध इस बात का है कि एक या दो टावर के कारण सोसाइटी के बाकी सभी टावरों में रहने वाले हजारों परिवारों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

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