Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
उत्तर प्रदेश विधान परिषद (एमएलसी) स्नातक इलाहाबाद-झांसी खंड की मतगणना के दौरान शुक्रवार को उस समय अफरातफरी मच गयी जब मतगणना में गड़बड़ी का अरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता पुलिस से भिड़ गये। दोनों पक्षों के बीच हाथापाई होने के बाद स्थिति बिगड़ती देखकर पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया।
मतगणना के संबंध में एजेंटों के द्वारा की जा रही शिकायतों और अधिकारियों के इस ओर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाते हुए भाजपाई सुबह से ही मतगणना स्थल बुंदेलखंड महाविद्यालय (बीकेडी) पर जमा होने शुरू हो गये, लेकिन पुलिस ने किसी को भी अंदर जाने नहीं दिया। इस बात को लेकर विवाद गहराने लगा और जुबानी विवाद कुछ ही समय में हाथापाई में बदल गया। जिसके बाद हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज करना पडा और भाजपा विधायकों सहित कार्यकतार्ओं को मतगणना स्थल के बाहर से दूर तक खदेड़ दिया। पुलिस के साथ हुई इस झड़प के बाद भाजपाई धरने पर बैठ गये और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी।
इस दौरान मौजूद भाजपा विधायक रवि शर्मा ने आरोप लगाया कि हमारे एजेंट मतगणना में हो रही गड़बडियों को लेकर लगातार सवाल उठा रहे थे, लेकिन इसके बावजूद मतगणना जारी रही। जिन मतों पर हमें वरीयता दी गयी थी, उन मतों को भी अवैध करार देने की बात एजेंटों ने बतायी। इसके अलावा जिन मतों में हमारे उम्मीदवार को वरीयता दी गयी थी, उसकी पूरी गड्डियां उठाकर दूसरे उम्मीदवार के मतों में मिला दी गयी। इन सभी गड़बड़ियों के कारण आज जब हमारे प्रत्याशी मतगणना हॉल में अंदर जाना चाह रहे थे तो उनको गेट पर रोक दिया गया।
इसके बाद भाजपाइयों को यहां पर आना पड़ा और हम यहां धरने पर बैठे हैं, लेकिन पुलिस ने जैसा व्यवहार हमारे साथ किया वह निंदनीय है। हमें वह अपनी बात आराम से भी बता सकते थे, लेकिन प्रत्याशी को ही अंदर नहीं जाने देना यह कैसी बात है। हमारी मांग है कि पुर्नमतगणना की जाए और हमारे एजेंटों की शिकायतों को दूर किया जाए।
बबीना विधायक राजीव सिंह पारीछा ने अधिकारियों पर भाजपा को हराने के लिए काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मतगणना को लेकर रातभर से हमारे एजेंट आपत्ति जता रहे हैं, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इसी संबंध में जब भाजपा प्रत्याशी यज्ञदत्त शर्मा अपनी आपत्ति दर्ज कराने मतगणना स्थल में अंदर जाना चाह रहे थे तो पुलिस ने उन्हें बाहर ही रोक दिया। इसके बाद मजबूरी में हमें अपने बूथ से उठकर यहां आना पड़ा। हमने पुलिस अधिकारियों से अनुरोध किया कि प्रत्याशी और जिलाध्यक्ष को अंदर जाने दिया जाए, हमें अपनी आपत्ति दर्ज कराने दी जाएं। बाकी निर्णय पर्यवेक्षक लेंगे, लेकिन पुलिस पूरी तरह से मनमानी कर रही है। पुलिस पूरी तरह से एकतरफा कार्रवाई कर रही है। इसके विरोध में आज हम सब लोग सड़क पर बैठे हैं। पुलिस का व्यवहार निंदनीय और पूरी तरह से एक पक्षीय है।
दूसरी ओर इस विवाद की जानकारी मिलते ही समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकतार्ओं का हुजूम भी मतगणना स्थल पर पहुंच गया और सपाइयों ने भाजपाइयों पर मतगणना में धांधली की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए पुलिस प्रशासन के समर्थन में धरना शुरू कर दिया। सपा जिलाध्यक्ष महेश कश्यप ने कहा कि भाजपा के विधायक और पदाधिकारियों के साथ कार्यकतार्ओं ने पुलिस को मारते हुए, उनको धक्का देते हुए मतगणना स्थल बीकेडी में घुसने की कोशिश की। हमारी मतदान की पेटियों को लूटने का प्रयास किया गया। पुलिस को मारा गया। यह लोकतंत्र की हत्या है।
सपा प्रत्याशी मानसिंह यादव प्रथम वरीयता में 2533 वोटों से जीत गये हैं और द्वितीय वरीयता में हम लोग बढ़त बनाये हुए हैं। इसके देखकर भाजपाई बौखला गये हैं, डर गये हैं। यह इनकी गुंडागर्दी है, लेकिन हम इनकी इस हरकत का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। अभी हम शांतिपूर्ण तरीके से धरने पर बैठे हैं और यह तब तक चलेगा, जब तक भाजपाई और इनके पदाधिकारी तथा विधायक यहां से नहीं जाते हैं। हम चाहते हैं कि हमारा प्रत्याशी जीत गया है। हमें प्रमाणपत्र दे दीजिए। इसके बाद ये जो करना चाहते हैं करें। हम यहां से चले जायेंगे।