Google Images | BSP Supremo Mayawati
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस को नसीहत दी है। उन्होंने चीन के मुद्दे पर दोनों पार्टियों पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। मायावती ने कहा- जिस ढंग से इस मसले पर दोनों पार्टियां लड़ रही हैं, यह बेहद चिंता का विषय है। यह स्थिति राष्ट्रहित में नहीं है। सोमवार को समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए मायावती ने यह बयान जारी किया है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा- "भारत-चीन सीमा मुद्दे पर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाकर भाजपा और कांग्रेस द्वारा की जा रही राजनीति राष्ट्र के हित में नहीं है। यह बहुत चिंता का विषय है।" मायावती ने देशभर में बढ़ती डीजल और पेट्रोल की कीमतों पर भी चिंता जाहिर की है। इसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। मायावती ने डीजल और पेट्रोल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार से अपील की है। उन्होंने कहा, "एक ओर नागरिक COVID-19 महामारी के कारण परेशान हैं और दूसरी ओर निरंतर ईंधन मूल्य वृद्धि ने उनकी समस्याओं में इजाफा किया है। केंद्र सरकार को जल्द ही देश में ईंधन की कीमतों को नियंत्रित करना चाहिए।"
यह सब के बीच मायावती ने एक बार फिर भारत-चीन विवाद पर अपना रुख साफ किया है। उन्होंने कहा कि हम पहले भी अपनी स्थिति साफ कर चुके हैं और एक बार फिर स्पष्ट करते हैं कि इस मसले पर बहुजन समाज पार्टी केंद्र सरकार के साथ खड़ी है। मायावती ने कहा, "बहुजन समाज पार्टी भारत-चीन सीमा मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के साथ खड़ी है।" इससे पहले मायावती सर्वदलीय बैठक में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आश्वासन दे चुकी हैं कि वह चीन को लेकर जो भी कदम उठाएंगे बहुजन समाज पार्टी उनका समर्थन करेगी। इसके बाद यह तीसरा अवसर है, जब मायावती ने चीन के मुद्दे पर अपनी स्थिति साफ की है।
इससे पहले मायावती ने मनमोहन सिंह का पत्र जारी होने के बाद भी एक बयान जारी किया था। मनमोहन सिंह ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चीन के मुद्दे पर स्पष्ट रूप से और कड़ा फैसला नहीं लेने वाला कहा था। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री को नसीहत दी थी कि वह अगर कड़ा फैसला नहीं लेंगे तो इससे सेना का मनोबल गिरेगा। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बयान आने के कुछ घंटों बाद ही मायावती ने भी ट्वीट करके अपना बयान जारी किया था। मायावती ने कांग्रेस को नसीहत दी थी कि राजनीति नहीं करें। चीन के मुद्दे पर सभी को एकजुट होकर सरकार का सहयोग करना चाहिए। मायावती ने एक के बाद एक 3 ट्वीट किए थे और नरेंद्र मोदी को समर्थन दिया था।
पिछले कुछ दिनों से लगातार देखने में आ रहा है कि जब मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मुद्दों को लेकर हमला करती है तो मायावती उनका बचाव करती नजर आती हैं। इस राजनीतिक समीकरण को विश्लेषक समझने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि मायावती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार के प्रति नरम रुख अपनाए हुए हैं। जानकारों का कहना है कि कांग्रेस देशभर में बढ़ती डीजल और पेट्रोल की कीमतों के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। समाजवादी पार्टी भी उत्तर प्रदेश में इस मुद्दे को लेकर लगातार हमलावर है। सोमवार को मायावती ने एएनआई से बातचीत करते हुए डीजल-पेट्रोल की बढ़ी कीमतों का जिक्र तो किया लेकिन उन्होंने केंद्र सरकार से कीमतें घटाने की अपील भर की है।