Good News: काम और बाजार में छवि के आधार पर बिल्डरों की रैंकिंग होगी, यूपी रेरा ने योजना पर काम शुरू किया

Good News: काम और बाजार में छवि के आधार पर बिल्डरों की रैंकिंग होगी, यूपी रेरा ने योजना पर काम शुरू किया

Good News: काम और बाजार में छवि के आधार पर बिल्डरों की रैंकिंग होगी, यूपी रेरा ने योजना पर काम शुरू किया

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (यूपी-रेरा) ने बिल्डरों और आवास परियोजनाओं को रैंक करने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्राधिकरण द्वारा विकसित एक प्रारूप के लिए डेवलपर्स से सुझाव आमंत्रित किए हैं। यूपी-रेरा ने कहा कि वार्षिक रैंकिंग होम बॉयर्स और निवेशकों को एक मनमाफिक अच्छा विकल्प चुनने में मदद करेगी।

नवंबर 2018 में नियामक प्राधिकरण ने पहली बार बिल्डरों और आवास परियोजनाओं को रैंक करने का निर्णय लिया था। हालांकि, अब तक प्राधिकरण योजना को परवान नहीं चढ़ा सका है। अधिकारियों ने कहा, फ्रेमवर्क ड्राफ्ट और अन्य तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने में समय लगा।

23 अप्रैल को प्राधिकरण ने अपने पोर्टल पर www.bu-rera.in पर मसौदे की एक प्रति होमबॉयर्स सहित इच्छुक हितधारकों के लिए प्रकाशित की थी। उसी के माध्यम से जानकारी और सुझाव मांगे थे। प्राधिकरण ने कहा कि अब सभी सुझाव 13 मई, 2020 तक पोर्टल पर दिए जा सकते हैं। यूपी-रेरा की रूपरेखा पर डेवलपर्स के साथ बातचीत करने की भी योजना है, जो सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की जाएगी।

नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अन्य अधिकारियों के साथ परामर्श के बाद बिल्डरों और परियोजनाओं को रैंक करने की रूपरेखा तैयार की गई थी। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे के साथ कम से कम 600 निर्माणाधीन रियल्टी परियोजनाएं हैं।

अधिकारियों ने कहा कि आवास परियोजनाओं की रैंकिंग खरीदारों को काफी मदद करेगी। "रैंकिंग मुख्य रूप से खरीदारों को किसी भी संपत्ति को खरीदने से पहले तर्कसंगत विकल्प उपलब्ध करवाएगी। यूपी-रेरा के सदस्य बलविन्दर कुमार ने कहा कि हम इस तरह की रैंकिंग प्रणाली वाले पहले निकाय होंगे।

नियामक प्राधिकरण डेवलपर्स और आवास परियोजनाओं को संगठनात्मक संरचना, प्रमाण पत्र, ट्रैक रिकॉर्ड, नियमों और विनियमों के पालन और पुराने ग्राहकों से प्रतिक्रिया के आधार पर रैंक देगा। अधिकारियों के अनुसार, प्राधिकरण परियोजनाओं के क्रियान्वयन में प्रमोटर के ट्रैक रिकॉर्ड का भी मूल्यांकन करेगा और आवास परियोजनाओं से जुड़े संगठनात्मक, कानूनी और वित्तीय जोखिमों का विश्लेषण करेगा।

1 से 5 तक ग्रेडिंग की जाएगी

यूपी-रेरा में पंजीकृत परियोजनाओं को 1 से 5 तक ग्रेड दिया जाएगा। प्रमोटरों को प्राधिकरण के पोर्टल पर अपने आवास परियोजनाओं का विवरण प्रस्तुत करना होगा। इसके बाद नियामक परियोजनाओं का मूल्यांकन करेगा और ग्रेड को अंतिम रूप देने से पहले फीडबैक के लिए पोर्टल पर ग्रेड प्रकाशित करेगा। सभी परियोजनाओं को सालाना रैंक दिया जाएगा।

नेशनल रियल एस्टेट डेवलपर्स काउंसिल (उत्तर) के अध्यक्ष आरके अरोड़ा ने कहा, “परियोजनाओं और प्रमोटरों की ग्रेडिंग करके होमबॉयर्स के पास डेवलपर्स तक पहुंचने के लिए अधिक पारदर्शी प्रणाली होगी। प्रॉपर्टी खरीदते समय खरीदार त्वरित निर्णय ले सकते हैं और हम आशा करते हैं कि मांग बढ़ेगी, क्योंकि इससे खरीदारों का सिस्टम पर अधिक भरोसा होगा।"

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