विकास दुबे के घर पर चला बुलडोजर, जानिए पुलिस ने क्या-क्या कार्रवाई की

विकास दुबे के घर पर चला बुलडोजर, जानिए पुलिस ने क्या-क्या कार्रवाई की

विकास दुबे के घर पर चला बुलडोजर, जानिए पुलिस ने क्या-क्या कार्रवाई की

Google Image | विकास दुबे के घर पर चला बुलडोजर

कानपुर के चौबेपुर में मुठभेड़ में शहीद पुलिसकर्मियों की शहादत का बदला लेने के लिए कानपुर प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। पुलिस-प्रशासन ने कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घर पर बुलडोजर चलवा कर ढहा दिया है। प्रशासन की एक टीम घर को गिराने का काम करवा रही है। 

कानपुर में गुरुवार देर रात विकास दुबे को पकड़ने गई टीम पर बिकरू गांव में बदमाशों ने चारों ओर से घेर कर हमला कर दिया था। जिसमें एक सीओ सहित आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए। सीएम योगी ने इस मामले में अपराधियों पर जल्द कार्रवाई के आदेश दिए है। शासन और पुलिस की टीम विकास दुबे के खिलाफ एक-एक करके कार्रवाई कर रही है। प्रशासन का अमला शनिवार को बुलडोजर लेखा विकास दुबे के घर पहुंचा और उसके किला नुमा घर को गिराना शुरू कर दिया। प्रशासन द्वारा विकास के घर को ढहा दिया गया है। इसके अलावा पुलिस की टीमें कार्रवाई में जुटी है।

आपको बता दें कि कानपुर के चौबेपुर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत विकरु गांव में हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए एक पुलिस पार्टी गुरुवार की रात गई थी। पुलिस पार्टी का नेतृत्व वहां के डीएसपी कर रहे थे। चौबेपुर के एसएचओ, 3 सब इंस्पेक्टर और 3 कॉन्स्टेबल समेत करीब 15 पुलिसकर्मी टीम में शामिल थे। बताया गया है कि विकास दुबे और उसके गैंग ने जेसीबी मशीन रास्ते पर लगाकर पुलिस का रास्ता रोक लिया। जिसके कारण पुलिस को पैदल ही विकास दुबे के घर की तरफ जाना पड़ा। जब पुलिस टीम गली में पहुंची तो घरों की छतों पर घात लगाकर बैठे गैंग ने ताबड़तोड़ फायरिंग की। 

इस गोलाबारी का जवाब पुलिसकर्मी देते उससे पहले ही डीएसपी, एसएचओ, तीन सब इंस्पेक्टर और तीन कांस्टेबल गोली लगने के कारण शहीद हो गए। पुलिस टीम के छह अन्य पुलिसकर्मी, एक होमगार्ड और एक स्थानीय निवासी भी गोलीबारी में घायल हुआ है। सभी घायलों का कानपुर के अस्पताल में इलाज चल रहा है।

विकास दुबे और उसके गैंग की तलाश में उत्तर प्रदेश पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स गुरुवार की रात से ही जुट गए थे। यूपी के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार और कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल के नेतृत्व में 7000 से ज्यादा पुलिसकर्मी विकास दुबे की तलाश में जुटे थे। शुक्रवार की सुबह विकास दुबे के मामा और एक साथी की पुलिस के साथ मुठभेड़ हुई थी। जिसमें दोनों मारे गए थे।

शुक्रवार को दिनभर सोशल मीडिया पर सूचनाएं प्रसारित होती रहीं कि विकास दुबे पुलिस से मुठभेड़ में मारा गया है। कभी यह मुठभेड़ औरैया में तो कभी उन्नाव में बताई गई। यह भी जानकारी मिली कि मुठभेड़ कानपुर में हुई है। इन सारी सूचनाओं को कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने अफवाह करार दिया है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि इस तरह की अफवाहों को उड़ाने वाले लोगों पर पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी। दरअसल, आईजी मोहित अग्रवाल का मानना है कि यह सारी सूचनाएं गलत ढंग से विकास दुबे गैंग के सदस्य प्लांट कर रहे हैं। जिनका मकसद उत्तर प्रदेश पुलिस की जांच को प्रभावित करना है।

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