Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद के 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए बड़ी खबर है। सीबीएससी में दसवीं के छात्रों की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं। 12वीं के छात्रो को विकल्प दिया जाएगा। वह चाहें तो इंटरनल असेसमेंट के आधार पर उनको मार्क दिए जाएं या फिर माहौल उपयुक्त होने पर परीक्षा दे सकते हैं। इस मसले को लेकर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई होनी है। इससे पहले बोर्ड ने विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों पर यह फैसला लिया है। अब बोर्ड यही जानकारी सुप्रीम कोर्ट को देगा।
सीबीएसई ने 1 से 15 जुलाई तक होने वाली 10वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी हैं। 12वीं के छात्रों को दो विकल्प देने का फैसला किया है। यह जानकारी गुरुवार को सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को दी गई है। सीबीएसई ने 12वीं के छात्रों को दो विकल्प दिए हैं। पहला विकल्प यह है कि वे अपना रिजल्ट इंटरनल असेसमेंट के आधार पर हासिल कर सकते हैं। दूसरा विकल्प है कि कोरोना के हालात सामान्य होने के बाद परीक्षा दे सकते हैं। लेकिन इंटरनल असेसमेंट और एग्जाम दोनों में से एक विकल्प को चुनना होगा।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इंटरनल असेसमेंट के आधार पर सीबीएसई 12वीं का रिजल्ट 15 जुलाई तक जारी कर दिया जाएगा। शुक्रवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होनी है। जिससे परीक्षाओं और रिजल्ट को लेकर स्थिति और साफ हो जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह छात्रों को दसवीं और बारहवीं की परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन के विकल्प देने पर विचार करे। इस पर अदालत ने सीबीएसई बोर्ड से जवाब मांगा है। मामले पर कल यानी 26 जून को फिर से सुनवाई होगी।
सीबीएसई और सरकार की तरफ से सॉलिस्टर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी है। सरकार की ओर से यह भी बताया गया है कि आईसीएसई बोर्ड भी परीक्षाएं रद्द करेगा। छात्रों को बाद में परीक्षा देने के विकल्प पर विचार नहीं कर रहा है। सीबीएसई की शेष परीक्षाएं रद्द करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तीन जजों की बेंच एएम खानविलकर, दिनेश महेश्वरी और संजीव खन्ना के समक्ष हुई।
इसी के साथ ही करीब पिछले दो महीने से सीबीएसई 10वीं और 12वीं की शेष परीक्षाओं को लेकर छात्रों और पैरेंट्स में चल रही उपापोह की स्थिति समाप्त हो गई। सीबीएसई की ओर से उच्चतम न्यायालय को बताया गया कि छात्रों को उनकी प्रीवियस परीक्षाओं के आधार पर मार्किंग की जाएगी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु ने अपने यहां परीक्षाएं कराने में असमर्थता जताई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई को कल शुक्रवार को होने वाली सुनवाई में अपना रुख साफ करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों में सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं के फ्रेश स्टेटस को लेकर सीबीएसई और केद्र सरकार को नोटिस भेजा है। अदालत ने कहा है बोर्ड और सरकार राज्यों में होने वाली सीबीएसई परीक्षाओं को लेकर अपना रुख स्पष्ठ करें। इस मामले में कल फिर सुनवाई होगी।
इससे दो दिन पहले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के विषय में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को एक पत्र लिखा था। मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार से कहा है कि 10वीं और 12वीं की शेष रह गई बोर्ड परीक्षाएं नहीं करवाई जाएं।