CBSE Pending Exams: बिना परीक्षा छात्रों को पास करेगा बोर्ड, मंगलवार को होगी घोषणा!

CBSE Pending Exams: बिना परीक्षा छात्रों को पास करेगा बोर्ड, मंगलवार को होगी घोषणा!

CBSE Pending Exams: बिना परीक्षा छात्रों को पास करेगा बोर्ड, मंगलवार को होगी घोषणा!

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) बाकी बची परीक्षाएं अब आयोजित नहीं करवाएगा। छात्रों को बिना परीक्षा करवाए सीधे पास कर दिया जाएगा। बोर्ड के विश्वस्त सूत्रों से यह जानकारी मिल रही है। पूरी उम्मीद है कि मंगलवार को इस बारे में स्थिति पूरी तरह साफ हो जाएगी। दरअसल, इस मुद्दे पर मंगलवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद और भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय को उच्चतम न्यायालय में अपना पक्ष रखना है।

विश्वव्यापी कोरोना वायरस संक्रमण के कारण केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को 12वीं की परीक्षाएं टालनी पड़ी थीं। लॉकडाउन के कारण 22 मार्च को पूरे देश में तालाबंदी लागू कर दी गई थी। जिसके चलते 12वीं की ज्यादातर परीक्षाएं बाकी रह गई हैं। मजबूरी में सीबीएसई ने कक्षा 6 से लेकर 9वीं और 11वीं के लाखों छात्रों को बिना परीक्षा आयोजित किए प्रोन्नत कर दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी करीब दो करोड़ छात्रों को इसी तरह पास किया है।

सरकार को उम्मीद थी कि लॉकडाउन के कारण संक्रमण का स्तर बेहद कम हो गया है और अनलॉक में सीबीएसई ने 1 से 15 जुलाई तक बारहवीं की पेंडिंग परीक्षाओं को आयोजित करने के लिए कार्यक्रम जारी कर दिया था। अब एक बार फिर कोरोना वायरस का संक्रमण चरम पर है। ऐसे में सीबीएसई, सरकार और अभिभावक परीक्षाएं आयोजित करके छात्रों को संकट में डालने नहीं चाहते हैं।

इस मुद्दे को लेकर अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर कर दी है। जिस पर दो बार सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर चुका है। अभिभावकों ने मांग की है कि संक्रमण काल में अगर छात्रों को परीक्षाएं देने के लिए बुलाया गया तो वह वायरस के शिकार हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में छात्रों के जीवन को संकट में नहीं डाला जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और सीबीएसई को अपना रुख साफ करने का आदेश दिया था। अब इस मामले में मंगलवार को सुनवाई होनी है।

इन वजहों से सीबीएसई परीक्षाएं टालना चाहता है

1. उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, केरला, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश समेत देश के अधिकांश बोर्ड 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं का पूरा आयोजन करवा चुके हैं। इन राज्यों का परीक्षा परिणाम जल्द ही घोषित होने शुरू हो जाएंगे। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद 27 जून को 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम घोषित कर रहा है। ऐसे में अब और ज्यादा वक्त तक सीबीएसई परीक्षाएं नहीं टाल सकता है। अगर ऐसा किया गया तो बोर्ड के छात्र बहुत ज्यादा पिछड़ जाएंगे।

2. अभिभावक पेंडिंग एग्जाम करवाने के लिए 1 जुलाई से जारी किए गए कार्यक्रम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए हैं। बड़ी संख्या में अभिभावक नहीं चाहते कि इस वक्त परीक्षाओं का आयोजन करवाया जाए। ऐसे में सीबीएसई आगे बढ़कर जोखिम लेने के मूड में नहीं है। दरअसल, पिछले 15 दिनों के दौरान कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ा है। संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में सीबीएसई के ज्यादार अधिकारी परीक्षाएं आयोजित करके जोखिम लेना नहीं चाहते हैं।

3. जानकारी मिली है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने स्वास्थ्य विभाग और तमाम दूसरे विशेषज्ञों से राय ली है। विचार-विमर्श का परिणाम यह निकला है कि एक जुलाई तक हालात और ज्यादा खराब होने की संभावना है। अगर संक्रमण बहुत ज्यादा बढ़ता है तो छात्रों को जोखिम में नहीं डाला जा सकता है। ज्यादातर विशेषज्ञों ने बोर्ड को यही राय दी है कि वह परीक्षाएं आयोजित नहीं करवाएं।

4. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद के पास छात्रों को आगे प्रोन्नत करने का विकल्प मौजूद है। दरअसल, देशभर के अधिकांश एजुकेशन बोर्ड ने कक्षा 6 से लेकर नौवीं और ग्यारहवीं के छात्रों को बिना परीक्षा आयोजित किए प्रोन्नत किया है। उन छात्रों को अर्धवार्षिक और घरेलू परीक्षाओं में मिले अंकों के आधार पर वार्षिक परीक्षा में अंक देकर आगे बढ़ाया गया है। ठीक यही रीति 12वीं के छात्रों को भी बढ़ाने के लिए लागू की जा सकती है। इस वक्त देश में आपातकालीन स्थितियां हैं। लिहाजा, बोर्ड को यह विकल्प चुनने में किसी भी तरह की झिझक नहीं होनी चाहिए। विशेषज्ञों ने भी सीबीएससी को यही राय दी है।

5. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय और सीबीएसई के सामने अब सबसे बड़ी समस्या सुप्रीम कोर्ट का संभावित फैसला है। दरअसल, अभिभावकों की जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट संक्रमण के मौजूदा हालात पर गौर करेगा। खासतौर से दिल्ली-एनसीआर का बहुत बुरा हाल है और सीबीएसई के पास सबसे ज्यादा छात्र दिल्ली-एनसीआर में ही हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में अगर मानव संसाधन विकास मंत्रालय और सीबीएसई परीक्षा आयोजित करने के पक्ष में जाते हैं तो फैसला खिलाफ आ सकता है। इस अप्रिय स्थिति से बचने के लिए भी एमएचआरडी को सीबीएसई परीक्षाएं टालकर छात्रों को सीधे पास करने का विकल्प अपनाएंगे। मंगलवार को सीबीएसई को सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखना है। जिसके बाद पूरी स्थिति साफ हो जाएगी।

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