Google Image | Yogi Adhiyanath
राज्य के कुछ जनपदों खास कर गाजीपुर व सुल्तानपुर के सैकड़ों ग्राम पंचायतों में पल्स ऑक्सीमीटर, इंफ्रारेड थर्मामीटर तथा सेनेटाइजर की खरीद-फरोख्त में व्यापक स्तर पर धांधलेबाजी उजागर हुई है। इसकी जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक एसआईटी का गठन किया है।अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग श्रीमती रेणुका कुमार इसकी अध्यक्ष चुनी गई हैं।
सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग श्री अमित गुप्ता तथा सचिव नगर विकास एवं एमडी जल निगम श्री विकास गोथलवाल इस एसआईटी के सदस्य चुने गए हैं। सारी विसंगतियों की जांच कर ये एसआईटी 10 दिनों में अपनी जांच रिपोर्ट सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेगी।
उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश प्रशासन पूरी मुस्तैदी से इस महामारी को रोकने के प्रयास में जुटा है। लेकिन प्रशासन में शामिल कुछ बाबू मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों पर पानी फेर रहे हैं। राज्य आलाकमान के संज्ञान में ऐसे मामले आए थे।
जिसमें उजागर हुआ था कि राज्य के सैकड़ों ग्राम पंचायतों में पल्स ऑक्सीमीटर, इंफ्रारेड थर्मामीटर और सेनेटाइजर की खरीदारी में बड़े स्तर पर अनियमितता बरती गई है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आवश्यक इन उपकरणों और दूसरे सुरक्षा उत्पादों को बाजार में उपलब्ध मूल्य से अधिक दर पर खरीदा गया है।
इसमें सुल्तानपुर व गाजीपुर सहित राज्य के दूसरे जनपदों के सैकड़ों ग्राम पंचायत शामिल हैं। बताते चलें कि कोविड-19 की रोकथाम और नागरिकों को इससे सुरक्षित रखने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत को पल्स ऑक्सीमीटर, इंफ्रारेड थर्मामीटर सेनेटाइजर तथा दूसरे सुरक्षा उत्पाद खरीदने के निर्देश दिए गए थे।
इनका भुगतान राज्य सरकार की तरफ से किया जाना है।लेकिन इसमें बड़े स्तर पर धांधली की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इससे काफी नाराज हैं और उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति अपनाते हुए जांच के लिए तुरंत एसआईटी का गठन कर दिया है। इस जांच दल को मामले की तह तक जाने के निर्देश दिए गए हैं। अगर किसी भी स्तर पर किसी अधिकारी को अनियमितता का दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।