Tricity Today | कहानी की किताबें पढेगें कोरोना संक्रमित मरीज
कोरोना संक्रमित मरीजों को मनोवैज्ञानिक दबाव से उबारने के लिए अनूठी पहल की गई है। नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने जिला प्रशासन को पौराणिक कथाओं एवं कहानियों का संग्रह उपलब्ध कराया है।
जिलाधिकारी ने शनिवार को दिव्य ज्योति अस्पताल जाकर वहां भर्ती मरीजों को यह पुस्तकें भेंट की। जिन्हें पढकर मरीज मनोवैज्ञानिक दबाव से बाहर आ सकते हैं। कोरोना की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मरीज भारी मनोवैज्ञानिक दबाव में आ जाता है। बगैर लक्षण वाले मरीजों के लिए कोविड अस्पताल में समय काटना मुश्किल होता है।
इसके मद्देनजर जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया के निदेशक से वार्ता की थी। जिलाधिकारी के अनुरोध पर 500 पौराणिक कथाओं एवं कहानियों का संग्रह उपलब्ध कराया गया है। जिलाधिकारी पांडेय ने शनिवार को दिव्य ज्योति अस्पताल में जाकर वहां भर्ती मरीजों को यह पुस्तकें प्रदान की।
उन्होंने बताया कि मरीज इन कहानी संग्रहों को पढकर इलाज के दौरान अस्पताल में आसानी से समय गुजार सकते हैं। पौराणिक कहानियों को पढऩे से उन्हें मनोवैज्ञानिक तौर पर भी मजबूती मिलेगी। डॉ. कैलाश ने बताया कि दिव्य ज्योति अस्पताल में कहानियों के संग्रह को पढकऱ मरीजों में काफी उत्साह है। इन कहानियों को पढकऱ वह आसानी से समय बीता सकते हैं।