Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर और बागपत में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अब सैंपल लेने के बाद कोरोना जांच रिपोर्ट भी जल्द मिल सकेगी। कोरोना की जांच रिपोर्ट सैंपल लेने के 45 मिनट बाद ही मिल जाएगी। शासन ने स्वास्थ्य विभाग को जांच करने के लिए अत्याधुनिक ट्रू नेट मशीन दे दी है। गाजियाबाद समेत 55 जिलों को एक-एक मशीन का आवंटन किया गया है।
यह मशीन अगले कुछ दिनों में आ जाएगी। जिला एमएमजी अस्पताल में मशीन को लगाया जाएगा। लैब टैक्नीशियनों को पहले ट्रेनिंग दी जाएगी। इस मशीन में एक बार में दो सैंपल लगाए जा सकते है। इससे माना जा रहा है कि एक दिन में 30 से 40 सैंपलों की जांच हो सकेगी। खासकर अर्जेंट केस की जांच इस मशीन से की जाएगी। मशीन नोएडा, बागपत, हापुड़ और बुलंदशहर को भी आवंटित की गई हैं।
इस मशीन से कोविड-19 के साथ ही ट्यूबर क्युलोसिस (टीबी) की जांच भी की जा सकती है। बता दें कि सैंपल लेने के बाद वर्तमान में जांच रिपोर्ट 4 से 5 दिन में मिल रही है। जिले की करीब 300 जांच अभी भी लंबित चल रही हैं। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ.जेपी श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रू नेट मशीन का शासन स्तर से आवंटन किया गया है। मशीन को लाकर जिला एमएमजी अस्पताल में लगाया जाएगा। यह मशीन कोविड-19 के अलावा टीबी की जांच करेगी।
कोविड की जांच रिपोर्ट 45 मिनट में इस मशीन से मिल सकेगी। एक साथ दो सैंपलों की जांच इस मशीन से हो सकती है। आपातकालीन केसों में मशीन जांच करने में सहायक होगी। ऐसे में कोरोना की लंबित जांच की प्रक्रिया में तेजी आएगी। अभी विदेशी मशीन सीबीनॉट से जांच की जाती है। सीबीनॉट मशीन की लागत 27 लाख रुपए है। इसके अलावा जांच के लिए प्रयोग किया जाने वाला कार्टिलेज भी काफी महंगा है। दूसरी ओर ट्रू-नॉट मशीन का कार्टिलेज सस्ता पड़ेगा।
डॉ.जेपी श्रीवास्तव ने बताया कि जिले को फिलहाल एक मशीन आवंटित हुई है। मशीन को रिसीव करने के लिए लखनऊ बुलाया गया है। राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश को 55 ट्रूनॉट मशीनें उपलब्ध कराई हैं। इस मशीन से टीबी और कोविड-19 संक्रमण की जांच की जा सकती हैं।