नोएडा के सेक्टर-19 को कंटेन्मेंट जोन से बाहर करने की मांग, निवासियों को बिना वजह हो रही परेशानी

नोएडा के सेक्टर-19 को कंटेन्मेंट जोन से बाहर करने की मांग, निवासियों को बिना वजह हो रही परेशानी

नोएडा के सेक्टर-19 को कंटेन्मेंट जोन से बाहर करने की मांग, निवासियों को बिना वजह हो रही परेशानी

Tricity Today | Noida

नोएडा में सेक्टर-19 के निवासियों की रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) ने शहर के कन्टेनमेंट ज़ोन की सूची से उनके सेक्टर को हटाने की मांग की है। कहा गया है कि वहां कोई कोविड-19 का सकारात्मक मामला नहीं पाया गया है। गाजियाबाद के वैशाली क्षेत्र की एक 50 वर्षीय महिला को 21 अप्रैल को वैशाली के एक निजी अस्पताल में सकारात्मक घोषित किया गया था, वह सेक्टर-19 की निवासी नहीं है। यह सेक्टर की आरडब्ल्यूए ने दावा किया है।

आरडब्ल्यूए इस आधार पर सेक्टर की सीलिंग को रोकने में कामयाब रहा लेकिन प्रशासन के आधिकारिक रिकॉर्ड में सेक्टर को अभी भी कंटेन्मेंट जोन के रूप में दिखाया गया है। इससे सेक्टर के निवासियों को घरेलू सहायता, बिजली, प्लंबर, एसी और आरओ ठीक करवाने के सेवा प्रदाता नहीं मिल रहे हैं।

सेक्टर-19 की आरडब्ल्यूए के महासचिव आरसी गुप्ता ने कहा, “21 अप्रैल को हमारे सेक्टर को रेड जोन में शामिल कर दिया गया। बताया गया कि यहां की 50 वर्षीय महिला कोरोना पॉजिटिव है। अब रेड जोन को कंटेन्मेंट ज़ोन कहा जा रहा है। वह महिला दिल्ली की रहने वाली थी और वैशाली में एक निजी अस्पताल में किसी मेडिकल प्रॉब्लम की वजह से भर्ती की गई थी। लेकिन वह नोएडा की रहने वाली नहीं थी। केवल उनकी बेटी और दामाद यहां किराए के मकान पर रह रहे हैं।"

आरसी गुप्ता ने कहा, "उस महिला का बेटा कोरोना टेस्ट रिपोर्ट आने के समय लॉकडाउन के कारण मुंबई में रुका था। उसके दामाद ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। वहां महिला का वास्तविक पता बताने की बजाय अपना यहां का गलत पता दे दिया। किसी भी मापदंड के आधार इस मामले को नोएडा के कोटे में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। मापदंडों के अनुसार यह मामला या तो दिल्ली में होना चाहिए या गाजियाबाद में होना चाहिए। आरडब्ल्यूए ने संबंधित अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को उठाया है। जिसमें तकनीकी गड़बड़ को हटाने की मांग की गई है। अब हमें अधिकारियों की प्रतिक्रिया का इंतजार है।"

गुप्ता ने आगे कहा, “केस डिटेक्शन के समय हमने सारे तथ्यों की जानकारी अधिकारियों को दी थी। जिससे सेक्टर-19 की सीलिंग को रोक दिया गया था। चूंकि सीलिंग का आदेश पहले ही जारी किया जा चुका था, इसलिए तकनीकी रूप से यह क्षेत्र अभी भी नियंत्रण क्षेत्र में शामिल है। यहां कोई सीलिंग नहीं है। हम निवासियों की शिकायतों का निस्तारण करवाने के लिए घरेलू मदद, आरओ, एसी, बिजली और प्लंबर से जुड़े कामकाज की अनुमति देने में असमर्थ हैं। हम जिला मजिस्ट्रेट और सीएमओ से अनुरोध करते हैं कि इस मामले को देखें और सेक्टर-19 को तत्काल प्रभाव से नियंत्रण क्षेत्र से हटा दें।"

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