यूपी में शिक्षक और स्नातक एमएलसी की 11 सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम जारी, 5 नवम्बर से बजेगा बिगुल

यूपी में शिक्षक और स्नातक एमएलसी की 11 सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम जारी, 5 नवम्बर से बजेगा बिगुल

यूपी में शिक्षक और स्नातक एमएलसी की 11 सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम जारी, 5 नवम्बर से बजेगा बिगुल

Google Image | Schedule released for MLC election

उत्तर प्रदेश में शिक्षक और स्नातक विधान परिषद सदस्यों की खाली हो चुकी 11 सीटों पर चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए सोमवार को यह जानकारी दी है। दोनों चुनाव के लिए 5 नवंबर को अधिसूचना जारी की जाएगी। जिसके साथ ही इन निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी। उम्मीदवार 12 नवंबर से नामांकन दाखिल कर सकेंगे। आपको बता दें कि 5 स्नातक और 6 शिक्षक विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल बीते मई माह में ही समाप्त हो चुका है। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते अभी तक यह चुनाव टाला जा रहा था।

उत्तर प्रदेश में स्नातक विधान परिषद की लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ और इलाहाबाद खण्ड की सीट खाली हो चुकी हैं। लखनऊ से कांति सिंह, वाराणसी से केदार नाथ सिंह, आगरा से डॉक्टर असीम यादव, मेरठ से हेम सिंह पुंडीर और इलाहाबाद से डॉक्टर यज्ञदत्त शर्मा का कार्यकाल 6 मई 2020 को समाप्त हो चुका है। इसी तरह 6 शिक्षक एमएलसी का कार्यकाल भी समाप्त हो चुका है। इनमें लखनऊ से उमेश त्रिवेदी, वाराणसी से चेत नारायण सिंह, आगरा से जगबीर किशोर जैन, मेरठ से ओम प्रकाश शर्मा, बरेली-मुरादाबाद से संजय कुमार मिश्र, गोरखपुर-फैजाबाद से ध्रुव कुमार त्रिपाठी सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इन सभी 11 सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम भारत निर्वाचन आयोग ने घोषित कर दिया है। 5 नवंबर को अधिसूचना जारी की जाएगी। 12 नवंबर से नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे। 13 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 17 नवंबर तक नाम वापसी की जा सकती है। एक दिसंबर को सभी निर्वाचन क्षेत्रों में एक साथ मतदान करवाया जाएगा। मतदान का समय सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक निर्धारित किया गया है। 3 दिसंबर को मतगणना की जाएगी। 7 दिसंबर से पहले परिणामों की घोषणा की जानी है। मतलब 4 दिनों में मतगणना की प्रक्रिया प्रशासनिक अमले को पूरी करनी होगी।

इन सभी 11 विधान परिषद सीटों पर 6 मई से पहले निर्वाचन प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिए थी, लेकिन मार्च में कोरोना का पूरे देश में फैल गया। जिसके चलते 23 मार्च से देशव्यापी लोक डाउन लागू कर दिया गया था। कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद विधान परिषद की 11 सीटों पर चुनाव नहीं करवाया जा सका था। अब जब विधान सभा और राज्य सभा के चुनाव करवाए जा रहे हैं तो भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य में शिक्षक और एमएलसी निर्वाचन क्षेत्रों की खाली पड़ी सीटों पर भी चुनाव करवाने का फैसला लिया है।

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