ग्रेटर नोएडा में किसानों ने ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर लगाया जाम, धरने पर बैठे

ग्रेटर नोएडा में किसानों ने ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर लगाया जाम, धरने पर बैठे

ग्रेटर नोएडा में किसानों ने ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर लगाया जाम, धरने पर बैठे

Tricity Today | Farmer Protest at Eastern Peripheral Expressway

केंद्र सरकार की कृषि नीतियों और हाल ही में बनाए गए तीन कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलित हैं। इसी सिलसिले में शुक्रवार को गौतमबुद्ध नगर के किसान दिल्ली जाना चाहते थे। पुलिस ने ग्रेटर नोएडा में ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर किसानों को रोक लिया है। किसान नारेबाजी कर रहे हैं। सिरसा गांव के पास ट्रैक्टर-ट्रॉलियां पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर खड़ी करके ट्रैफिक जाम लगा दिया है। हालात संभालने के लिए मौके पर भारी पुलिस फोर्स मौजूद है।

पंजाब और हरियाणा से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की ओर आ रहे हैं। गौतमबुद्ध नगर के किसान संगठनों ने भी इस आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया है। भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में गौतमबुद्ध नगर के किसानों ने दोपहर करीब 12 बजे दिल्ली के लिए कूच किया। इन लोगों को रोकने के लिए ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर सिरसा गांव के पास भारी फोर्स तैनात किया गया है। गौतमबुद्ध नगर पुलिस किसानों को ग्रेटर नोएडा से आगे नहीं बढ़ने देना चाहती है। मौके पर बैरिकेडिंग करके वाटर कैनन भी तैनात कर दी गई हैं। किसान ट्रैक्टर ट्रॉली, कारों और दूसरे वाहनों में सवार होकर दिल्ली के लिए निकले थे। पुलिस ने सभी को सिरसा गांव के पास रोक लिया है। किसान ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर धरना देकर बैठ गए हैं।

भारतीय किसान यूनियन के नेता पवन खटाना ने धरने पर बैठे किसानों को संबोधित करते हुए कहा, "केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों को बर्बाद करने के लिए पूरा इंतजाम कर दिया है। पिछले दिनों संसद में पास किए गए कानून किसानों को बर्बाद करने के लिए पर्याप्त हैं। इन कानूनों के खिलाफ देशभर के किसान आंदोलन कर रहे हैं। पंजाब और हरियाणा से लाखों की संख्या में किसानों ने दिल्ली कूच किया है। हरियाणा में किसानों को रोकने के लिए वहां की सरकार अमानवीय व्यवहार कर रही है। सड़कों को खोद दिया गया है। कंटीले तारों से बाड़ बनाई गई हैं। बड़े-बड़े पत्थर और कंक्रीट के ब्लॉक लाकर रास्ते में लगा दिए गए हैं। भीषण ठंड के बावजूद किसानों पर ठंडा पानी फेंका जा रहा है। अंबाला और कई दूसरे स्थानों पर पुलिस ने किसानों पर लाठियां बरसाई हैं। केंद्र और हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों को कुचल देना चाहती हैं। इस आंदोलन को भारतीय किसान यूनियन ने समर्थन दिया है। लिहाजा, आज गौतमबुद्ध नगर से हजारों किसान दिल्ली के लिए कूच करेंगे। 

पवन खटाना ने कहा, "हम लोग शांतिपूर्वक गांधीवादी तरीके से आंदोलन करने वाले लोग हैं। इस देश के इतिहास में कभी किसानों ने जवानों पर हिंसा नहीं की है। सरकार की किसानों पर हिंसा का लंबा इतिहास है।" पवन खटाना ने आगे कहा, "पुलिस अफसर कह रहे हैं कि गौतमबुद्ध नगर से किसानों को दिल्ली नहीं जाने दिया जाएगा। पहले तो हम लोग हिंसक रूप से दिल्ली जाने की कोशिश करेंगे। अगर पुलिस जाने नहीं देगी तो यहीं धरना दिया जाएगा।" दूसरी ओर किसानों को रोकने के लिए पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने इंतजाम कर लिए हैं। किसानों के दोपहर में करीब 12:00 बजे सिरसा के पास पहुंचने की उम्मीद है। यहां पुलिस तैनात कर दी गई है। पुलिस अफसरों का कहना है कि दिल्ली, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कोरोनावायरस के संक्रमण का खतरा है। जिसके चलते भीड़ एकत्र करने पर पाबंदी लगा दी गई है। किसान नेताओं से अपील की गई है कि वह लोग दिल्ली नहीं जाएं। यहां भी ज्यादा संख्या में एकत्र न हों। अगर नियमों को तोड़ा जाएगा तो मजबूर होकर कठोर कदम उठाने पड़ेंगे।

आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी को सील कर रखा है। सभी बॉर्डर पर भारी फोर्स तैनात किया गया है। दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाहनों की तलाशी ली जा रही है। किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए गुरुवार की सुबह से मेट्रो का संचालन भी बंद कर दिया गया है। नोएडा, गुड़गांव, फरीदाबाद, बल्लभगढ़ और गाजियाबाद से दिल्ली के लिए मेट्रो सेवाएं निलंबित चल रही हैं। दूसरी ओर सिंघु बॉर्डर, चिल्ला बॉर्डर, नोएडा में डीएनडी, गाजियाबाद में यूपी गेट, लोनी बॉर्डर और बागपत बॉर्डर पर भारी नाकाबंदी की गई है। दिल्ली पुलिस ने कल ही स्पष्ट कर दिया था कि राजधानी में किसानों को प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाएगी। अगर हरियाणा पार करके दिल्ली की सीमा पर किसानों का जत्था पहुंचता है तो उन्हें सीमा पर रोकने के लिए पर्याप्त बंदोबस्त कर लिए गए हैं।

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