Google Image | यमुना प्राधिकरण के खिलाफ किसानों ने धरना स्थगित किया
यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के खिलाफ धरना देने जा रहे हैं किसानों और पुलिस के बीच बुधवार की सुबह दनकौर के पास झड़प हुई थी। बाद में पुलिस और किसानों में बातचीत हुई। निर्णय लिया गया है कि 7 सितंबर को प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ.अरुण वीर सिंह और किसानों के बीच वार्ता होगी। पुलिस अधिकारियों से यह आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने धरना स्थगित कर दिया है।
भूमि अधिग्रहण की एवज में 64.7% अतिरिक्त मुआवजा और आवासीय सुविधाएं विकसित करने के लिए 10 फीसदी भूखंडों की मांग कर रहे किसानों ने करीब 2 महीने पहले यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के खिलाफ धरना देने का ऐलान किया था। विभिन्न किसान संगठनों ने संयुक्त बैनर के तले प्राधिकरण से समस्याओं का समाधान करने की मांग की थी। किसानों की ओर से कहा गया था कि अगर 2 सितंबर से पहले उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो धरना देंगे।
दरअसल, किसान इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से परेशान हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि किसानों को 64.7% अतिरिक्त मुआवजा नहीं दिया जाना चाहिए। वहीं, किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए उत्तर प्रदेश शासन और यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को विशेष अनुमति याचिका दायर करके सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। हालांकि, अभी इस याचिका पर सुनवाई शुरू नहीं हुई है। इसी बीच किसानों का कहना है कि 64.7% अतिरिक्त मुआवजा और 10 % जमीन का भूखंड उनका अधिकार है। जिसके लिए विकास प्राधिकरण और सरकार को सुप्रीम कोर्ट जाने की आवश्यकता नहीं है। सरकार को विधेयक लाकर कैबिनेट में उनकी मांगों को पास करना चाहिए।
दो सितंबर की समय सीमा तक किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। जिसके चलते बुधवार की सुबह यमुना प्राधिकरण के दायरे वाले 18 गांवों के किसान दनकौर कस्बे के पास एकत्र हुए। इन लोगों ने यमुना प्राधिकरण की तरफ कूच किया। कई थानों की पुलिस और पीएसी लेकर ग्रेटर नोएडा के एडिशनल डीसीपी विशाल पांडे और दनकौर के एसीपी अब्दुल कादिर मौके पर पहुंच गए। पुलिस और पीएसी ने किसानों को हिदायत दी कि उनके पास धरना देने के लिए अनुमति नहीं है। लिहाजा, वह यमुना प्राधिकरण पर नहीं जा सकते हैं।
इसे लेकर किसानों और पुलिस के बीच तू-तू मैं-मैं हुई। करीब 2 घंटे तक पुलिस और किसान आमने-सामने डटे रहे। किसान लगातार नारेबाजी करते रहे। विकास प्राधिकरण और सरकार के खिलाफ किसानों ने जमकर हल्ला काटा। अंततः दोपहर में यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी से बातचीत करने के बाद एडिशनल डीसीपी विशाल पांडे ने किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का समाधान करवाने के लिए 7 सितंबर को सीईओ के साथ वार्ता होगी। इस आश्वासन को किसानों ने स्वीकार कर लिया और किसानों ने फिलहाल अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है।
किसानों का कहना है कि वह लोग 7 सितंबर को सीईओ डॉ.अरुण वीर सिंह से बातचीत करेंगे। अगर उन्हें सार्थक प्रयास नजर नहीं आए तो उनका आंदोलन दोबारा शुरू हो जाएगा।