टोकन के झमेले बचने के लिए किसान व्यापारियों को सस्ते में बेच रहे गेहूं, सरकारी केंद्रों पर बोरे तक नहीं

टोकन के झमेले बचने के लिए किसान व्यापारियों को सस्ते में बेच रहे गेहूं, सरकारी केंद्रों पर बोरे तक नहीं

टोकन के झमेले बचने के लिए किसान व्यापारियों को सस्ते में बेच रहे गेहूं, सरकारी केंद्रों पर बोरे तक नहीं

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

सरकार भले ही किसानों को कितनी भी सुविधाएं और अच्छा भाव देने का दावा कर ले लेकिन, हालात बदलते नजर नहीं आते हैं। गेहूं खरीद तो कागजों में 1 अप्रैल से शुरू कर दी गई है लेकिन खरीद केंद्रों पर सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं। गौतम बुद्ध नगर के कई केंद्रों पर शुक्रवार को भी गेहूं खरीद शुरू नहीं हो सकी। दरअसल, ज्यादातर केंद्रों पर अभी तक बोरे ही नहीं पहुंचाए गए हैं। ऊपर से रजिस्ट्रेशन और टोकन का झमेला किसानों को रास नहीं आ रहा है। ऐसे में व्यापारी कम कीमतों पर मंडियों में व्यापारियों को गेहूं बेचकर अपने घर वापस लौट रहे हैं।

दनकौर क्षेत्र में सरकारी गेहूं खरीद केंद्रों पर शुक्रवार को खरीद की व्यवस्था शुरू हुई। कुछ खरीद केंद्रों पर दोपहर तक भी बोरों की व्यवस्था नहीं होने के कारण गेहूं खरीद केंद्र का काम शुरू नहीं हो सका। दूसरी ओर किसान सरकारी केंद्रों पर गेहूं बेचने से कतरा रहे हैं। दरअसल, टोकन और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया लम्बी है।

दनकौर की सरकारी मंडी के सचिव मलखान सिंह ने बताया कि शुक्रवार से मंडी में एफसीआई के सरकारी केंद्र पर खरीद का काम शुरू कर दिया गया है। किसानों की गेहूं खरीद टोकन के आधार पर होगी। जिस किसान को अपना गेहूं बेचना है, वह पहले मंडी में आकर अपनी बुकिंग कराएगा। इसके बाद उसे सूचना मिलने पर ही वह अपना गेहूं लेकर मंडी आएगा। 

सरकारी खरीद में टोकन के झमेले में न पड़कर क्षेत्र के जरूरतमंद किसान निजी व्यापारियों को भी अपना गेहूं बेच रहे हैं। पारसौल गांव के कई किसान जो अपना गेहूं लेकर आए थे, उन्होंने बताया कि सरकारी केंद्रों की व्यवस्था और असुविधा के चलते वह अपना गेहूं निजी व्यापारियों को बेच रहे हैं। निजी व्यापारी 1800 रुपए प्रति कुंतल के हिसाब से गेहूं खरीद रहे हैं। वहीं, सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर गेहूं का भाव 1925 रु प्रति कुंतल है। 

वहीं, दनकौर कस्बे में ही सिकंदराबाद रोड पर स्थित पीसीएफ एजेंसी के सरकारी गेहूं खरीद केंद्र पर शुक्रवार की दोपहर तक बोरो की व्यवस्था नहीं थी। गेहूं खरीद में लगे अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि उन्हें अभी तक बोरे उपलब्ध नहीं हुए हैं, जिस कारण गेहूं खरीद का काम उनके केंद्र पर शुरू नहीं हो सका।

दनकौर खरीद केंद्र पर नहीं है बोरे
दनकौर कस्बे के एकमात्र सरकारी गेहूं खरीद केंद्र पर शुक्रवार की दोपहर तक बोरों की व्यवस्था नहीं थी। लिहाजा, इस केंद्र पर गेहूं खरीद केंद्र का काम शुरू नहीं हो सका। इस खरीद केंद्र पर 15 अप्रैल से ही सन्नाटा पसरा हुआ है। गेहूं खरीद के काम में लगे अधिकारी अपनी ड्यूटी पूरी कर चले जाते हैं। खरीद केंद्र पर बोरों की व्यवस्था नहीं होने से खरीद कार्य शुरू नहीं हो सका है। यह खरीद केंद्र दनकौर-सिकंदराबाद सड़क मार्ग पर है। 

केंद्र के कर्मचारी अनिल कुमार ने बताया कि अभी उन्हें बोरे उपलब्ध नहीं हुए हैं। जिस कारण वह गेहूं खरीद का काम शुरू नहीं हुआ। रोजाना क्षेत्र भर के किसान गेहूं खरीद में लगे कर्मचारियों से गेहूं खरीद शुरू होने की जानकारी पूछ कर बेरंग लौट जाते हैं।

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