Tricity Today | दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी और यूपी कांग्रेस के उपाध्यक्ष पंकज मलिक
गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक पंकज मलिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह एफआईआर नोएडा में दर्ज की गई है। पंकज मलिक पर लॉकडाउन और निषेधाज्ञा तोड़ने का आरोप है। दरअसल, पंकज मलिक के नेतृत्व में कांग्रेस के नेता मंगलवार की शाम बड़ी संख्या में बसें लेकर नोएडा पहुंच गए थे। जिसके बाद पुलिस और कांग्रेसियों के बीच तीखी झड़प भी हुई थी।
मिली जानकारी के मुताबिक पंकज मलिक के खिलाफ सीआरपीसी की धारा-144 का उल्लंघन करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही उन पर लॉकडाउन तोड़ने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के आरोप भी हैं। आपको बता दें कि प्रवासी मजदूरों को उनके घर छोड़ने के मुद्दे पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच पिछले करीब एक सप्ताह से राजनीतिक घमासान चल रहा है।
इसी मामले को लेकर मंगलवार की शाम प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह और उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय सिंह लल्लू के खिलाफ लखनऊ और आगरा में एफआईआर दर्ज की गई हैं। आगरा पुलिस ने अजय सिंह लल्लू को मंगलवार की शाम ही गिरफ्तार भी कर लिया था। इसके बाद नोएडा में कांग्रेसी नेता करीब 50 बसें लेकर पहुंच गए। इन लोगों का कहना था कि वह मजदूरों को उनके घर छोड़ने जाएंगे।
फोर्स नोएडा के डीसीपी के नेतृत्व में इन लोगों को रोकने पहुंचाथा। जिसके बाद कांग्रेस नेताओं और पुलिस कर्मियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी। इस पूरे वाकये के दौरान उत्तर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष पंकज मलिक नेतृत्व कर रहे थे। अब नोएडा पुलिस ने पंकज मलिक, प्रदेश कांग्रेस के महासचिव वीरेंद्र सिंह गुड्डू समेत कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
शामली से कांग्रेस के एक पूर्व विधायक पंकज मलिक सहित कई नेताओं के खिलाफ थाना सेक्टर-39 पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। लॉकडाउन और निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने कोविड-19 के प्रोटोकॉल का भी उल्लंघन किया है। पुलिस उपायुक्त (जोन प्रथम) संकल्प शर्मा ने बताया कि मंगलवार की देर रात नोएडा के ओखला बैराज के पास कांग्रेस के पूर्व विधायक पंकज मलिक, उत्तर प्रदेश कांग्रेस के महासचिव वीरेंद्र सिंह गुड्डू, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी, पार्टी के नोएडा महानगर अध्यक्ष शहाबुद्दीन अपने 50-60 समर्थकों के साथ कुछ बसों को लेकर खड़े थे।
पुलिस उपायुक्त संकल्प शर्मा ने कहा कि ये लोग सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं कर रहे थे। कार्यकर्ताओं के समूह में शामिल बहुत से लोगों ने मुंह पर मास्क भी नहीं लगा रखा था। उन्होंने बताया कि इन लोगों के हाथ में एक राजनीतिक दल का झंडा था। संकल्प शर्मा के अनुसार ये लोग कोविड-19 के प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रहे थे। डीसीपी ने कहा, इस समय जनपद में लॉकडाउन और धारा-144 लागू है। कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ थाना सेक्टर-39 के उप निरीक्षक गिर्राज किशोर की तहरीर पर आईपीसी की धारा 188, 269, 270 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
डीसीपी संकल्प शर्मा ने बताया कि कुछ बसों को संभागीय परिवहन विभाग अधिकारी ने सीज कर दिया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज चौधरी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार के इशारे पर कांग्रेस पार्टी के नेताओं के खिलाफ गलत तरीके से मुकदमा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कदम से कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं में भारी रोष है।
दूसरी ओर रायबरेली से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह ने अपनी ही पार्टी को पूरे मसले में कठघरे में खड़ा कर दिया है। अदिति सिंह ने न सिर्फ इसे निम्न सियासत करार दिया है, बल्कि उन्होंने राजस्थान, पंजाब और महाराष्ट्र में बसें नहीं लगाने पर सवाल किया है। अदिति सिंह ने ट्वीट किया है, 'आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत? एक हजार बसों की सूची भेजी। उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा। 297 कबाड़ बसें, 98 आटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां और 68 वाहन बिना कागजात के। ये कैसा क्रूर मजाक है। अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यों नहीं लगाई?"