Google Image | गाजियाबाद विकास प्राधिकरण
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की संपत्ति खरीदने की योजना बना रहे शहर वासियों के लिए अच्छी खबर है। प्राधिकरण तीन क्षेत्रों को छोड़कर शहर के अन्य इलाकों में भूखंडों के सेक्टर रेट में इजाफा नहीं करेगा। जीडीए इंदिरापुरम, वैशाली और कौशांबी को छोड़कर अन्य कॉलोनियों में भूखंड के सेक्टर रेट मार्च 2021 तक नहीं बढ़ाने पर मंथन कर रहा है। इस बाबत एक प्रस्ताव जीडीए की आगामी बोर्ड बैठक में रखा जाएगा।
जीडीए बोर्ड बैठक की नई तिथि की घोषणा जल्द हो जाएगी। लोगों को बेहतर विकल्प मुहैया कराने के उद्देश्य से प्राधिकरण की ओर से बीते सात सालों से संपत्तियों के रेट को फ्रीज किया गया है। बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास होने के बाद संपत्तियों के दाम को नहीं बढ़ाने पर मुहर लग जाएगी। जीडीए के अधिकारियों के मुताबिक इंदिरापुरम, वैशाली, और कौशांबी में संपत्तियों की मांग को देखते हुए यहां सेक्टर रेट को फ्रीज नहीं करने का निर्णय लिया जा रहा है।
जीडीए की ओर से तैयार किए गए प्रस्ताव में मधुबन बापूधाम, स्वर्णजयंती पुरम, गोविंदपुरम, कोयल एंक्लेव, इंद्रप्रस्थ सहित अन्य कालोनियों में 658 भूखंडों का सेक्टर रेट नहीं बढ़ाने का प्रस्ताव शामिल है। दूसरी ओर प्रस्ताव में मधुबन बापूधाम के ई और एफ-ब्लॉक स्थित सामुदायिक भवन का किराया भी आगामी तीन साल तक नहीं बढ़ाने का उल्लेख है। जीडीए के सचिव संतोष कुमार राय ने कहा कि संपत्तियों के रेट फ्रीज करने संबंधी प्रस्ताव पर मंथन किया जा रहा है। जल्दी ही विकास प्राधिकरण की अगली बोर्ड बैठक बुलाई जाएगी। इसके लिए तारीख की घोषणा होगी।
महामारी के कारण प्रोपर्टी बाजार की हालत खराब
गाजियाबाद में करीब 5 वर्षों से प्रॉपर्टी बाजार की हालत खस्ता चल रही है। संपत्तियों की खरीद-फरोख्त बहुत कम हो गई है। अब कोरोना वायरस संक्रमण के कारण फैली महामारी ने इस परेशानी को और बढ़ाया है। पिछले 4 महीनों के दौरान नहीं की बराबर संपत्तियों की खरीद-फरोख्त लोगों ने की है। ऐसे में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने शहर के अधिकांश हिस्सों में जमीन की आवंटन दरें नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है।
आपको बता दें कि गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने भी इस साल कोरोना वायरस के कारण जमीन के सर्किल रेट नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है। गौतमबुद्ध नगर के तीनों विकास प्राधिकरण नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने भी इस साल भूमि आवंटन दरें नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है।