गाजियाबाद म्युनिसिपल कारपोरेशन का बड़ा फैसला, लड़कियों की स्कूल फीस का खर्च उठाएगा

गाजियाबाद म्युनिसिपल कारपोरेशन का बड़ा फैसला, लड़कियों की स्कूल फीस का खर्च उठाएगा

गाजियाबाद म्युनिसिपल कारपोरेशन का बड़ा फैसला, लड़कियों की स्कूल फीस का खर्च उठाएगा

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

गाजियाबाद में 1153 बालिकाओं की फीस वहन करेगा नगर निगमgangaविद्यालयों में पढ़ने वाली बालिकाओं की 6 महीने की फीस माफ

गाजियाबाद नगर निगम ने बड़ा फैसला लिया है, जिससे अभिभावकों को राहत मिली है। लॉकडाउन के बाद उत्पन्न हुई खराब आर्थिक स्थिति के कारण फीस जमा न करने वाले अभिभावकों को नगर निगम ने राहत प्रदान करने की घोषणा की है। नगर निगम के विद्यालयों में पढ़ रहीं 1153 बालिकाओं की फीस माफ करने का फैसला लिया है। इस निर्णय से निगम 6,52,900 रुपये इन बालिकाओं की फीस के रूप में स्कूल में जमा करेगा।

गाजियाबाद के म्युनिसिपल कमिश्रर डॉ दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि वर्तमान में नगर निगम के पांच विद्यालय संचालित हैं। इनमें पढ़ने वालीं सैकड़ों छात्राओं की फीस जमा नहीं हो पाई है। अभिभावकों ने फीस माफ करने के लिए स्कूल में आवेदन दे रखा है। इनमें कक्षा 9 से 12 तक पढ़ने वाली छात्राओं की आर्थिक स्थिति को देखते हुए स्कूल की प्रधानाचार्य ने निगम को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में गरीब छात्राओं की फीस माफ करने को कहा गया था। इस मामले में निगम के लेखा परीक्षक और अपर नगर आयुक्त ने एक प्रत्यावेदन प्रस्तुत किया। इसके क्रियान्वयन के परिणाम स्वरूप 1153 बालिकाओं की 6 महीने की फीस माफ कर दी गई। 

म्युनिसिपल कमिश्नर ने बताया कि इस फीस को निगम अपने खाते से वहन करेगा। इन छात्राओं पर 6,52,900 रुपये का खर्च आएगा। इस मामले में मेयर आशा शर्मा को अनुमति प्रदान करने के लिए एक प्रस्ताव भेजा गया था। जिसे मेयर ने स्वीकार कर लिया है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को फीस जमा करने के लिए अप्रैल से सितंबर तक राहत मिल गई है।

गाजियाबाद नगर निगम की देखरेख में शहर का नगर पालिका इंटर कॉलेज संचालित होता है। इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल को बड़ी संख्या में अभिभावकों ने लॉकडाउन के चलते खराब आर्थिक स्थिति का हवाला दिया था और 6 महीने का शिक्षण शुल्क माफ करने की मांग की थी। अभिभावकों की मांग पर संज्ञान लेते हुए प्रिंसिपल की ओर से फीस माफ करने का प्रस्ताव नगर निगम को दिया गया था। प्रिंसिपल के प्रस्ताव पर म्युनिसिपल कमिश्नर ने एडिशनल कमिश्नर और एकाउंट्स ऑफिसर को रिपोर्ट बनाकर देने को कहा था। 

दोनों अफसरों ने फीस माफ करने की संस्तुति कर दी। जिसके बाद प्रस्ताव मेयर के पास भेजा गया। नगर निगम की मेयर ने भी इसे उचित माना और छात्राओं की फीस माफ कर दी है। नगर निगम के इस फैसले से अभिभावकों ने बड़ी राहत की सांस ली है।

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