Tricity Today | गाजियाबाद के अभिभावकों का ऐलान, बुधवार को करेंगे शहर में चक्का जाम
Ghaziabad : पिछले सात दिन से कलेक्ट्रेट में भूख हड़ताल पर बैठे अभिभावकों ने अब जिला प्रशासन को मंगलवार शाम तक का अल्टीमेटम मांगों का निस्तारण करने के लिए दिया है। अभिभावकों ने कहा है कि अगर कोई निर्णय नहीं लिया गया तो बुधवार को चक्का जाम किया जाएगा। बता दें कि तिमाही फीस माफी, ऑनलाइन क्लास के आधार पर फीस निर्धारण, ऑनलाइन क्लास से वंचित छात्रों की क्लास शुरू कराने सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर सात दिन से गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन भूख हड़ताल पर बैठी हुई है।
जिला मुख्यालय पर अभिभावक भूख हड़ताल पर बैठे हैं। जिसमें से दो महिलाओं की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, एसोसिएशन की अध्यक्षा सीमा त्यागी की हालत भी बेहद खराब होती जा रही है। अभिभावकों से मिलने के लिए डीएम अजय शंकर पाण्डेय सोमवार को वार्ता करने पहुंचे थे, लेकिन वार्ता विफल साबित हुई। जिला प्रशासन लगातार अभिभावकों से भूख हड़ताल समाप्त करने के लिए कह रहा है, लेकिन अभिभावक बिना मांग पूरी हुए हटने को तैयार नहीं हैं। मामले का निर्णय न होता देखकर एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक त्यागी ने कहा कि अगर मंगलवार की शाम तक उनकी मांगों को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया तो बुधवार को अभिभावक गाजियाबाद में चक्का जाम करेंगे।
आपको बता दें कि अभिभावक राज्य सरकार से मांग कर रहे हैं कि 3 महीनों के पूर्ण लॉकडाउन के दौरान स्कूल फीस पूरी तरह खत्म की जाए। अभी स्कूल ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं, उन्हें अपने संसाधनों का बहुत कम इस्तेमाल करना पड़ रहा है। लिहाजा, स्कूल फीस में भी कटौती की जानी चाहिए। अभिभावकों का यह भी तर्क है कि स्कूलों के पास सैकड़ों करोड़ रुपए सरप्लस पड़े हुए हैं। ऐसे में स्कूलों को उस पैसे का इस्तेमाल चालू शिक्षण सत्र के दौरान करना चाहिए।
अभिभावकों का कहना है कि इस समय कोरोना वायरस के कारण देश में आर्थिक व्यवस्था खराब है। बड़ी संख्या में अभिभावकों की नौकरियां चली गई हैं। इस दौरान जो अभिभावक फीस जमा नहीं कर पा रहे हैं, उनके साथ शक्ति नहीं की जानी चाहिए। अभिभावक उत्तर प्रदेश सरकार से इस मामले में स्कूलों के लिए शासनादेश जारी करने की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर अभी तक इनकी मांगों पर राज्य सरकार और गाजियाबाद जिला प्रशासन ने कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया है।