Tricity Today | Dr Arunvir Singh IAS
पूरी दुनिया में टॉय मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में चीन का दबदबा है। भारत में करीब 80 फ़ीसदी खिलौनों का आयात चीन से हो रहा है। अब चीन को टक्कर देने के लिए यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण एक बड़ी योजना तैयार की है। प्राधिकरण 50 एकड़ क्षेत्रफल में टॉय सिटी बसाएगा। इसके लिए पूरा खाका तैयार कर लिया गया है।
चीन के खिलौनों को मात देने के लिए यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में टॉय सिटी बसाई जाएगी। 50 एकड़ में बसने वाली इस सिटी में करीब 80 यूनिट लगेंगी। इससे यहां पर 600 करोड़ रुपये का निवेश होगा। साथ ही 15 हजार से अधिक लोगों को रोजागर मिलेगा। प्राधिकरण ने सेक्टर-32 और 33 में जमीन देने का फैसला लिया है।
चीन से आयात करने वाले खिलौने में कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी है। यह 20 से 60 प्रतिशत हो गई है। अब चीन से आने वाले खिलौने महंगे हो जाएंगे। ऐसे में टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया आगे आई है। इस एसोसिएशन ने यमुना प्राधिकरण के अफसरों से मुलाकात की और बताया कि टॉय सिटी बसाना समय की मांग है। इसके लिए उन्होंने 50 एकड़ जमीन की मांग की। इससे पहले एसोसिएशन के प्रतिनिध प्राधिकरण के चेयरमैन आलोक टंडन से मुलाकात की थी। प्राधिकरण ने जमीन देने के सहमति दे दी है।
यमुना प्राधिकरण की टॉय सिटी में 80 यूनिट लगेंगी
द टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया के संयोजक एनके गुप्ता ने अपनी कार्ययोजना प्राधिकरण को दी है। इसके लिए 50 एकड़ जमीन की जरूरत बताई है। इससे यहां पर 80 यूनिट लग जाएंगी। उद्यमी यहां पर 600 करोड़ का निवेश करेंगे और 1500 लोगों को रोजगार मिलेगा। देश में अभी खिलौनों का कारोबार करीब 20 हजार करोड़ है। इसमें से सिर्फ 6 हजार करोड़ रुपये का कारोबार भारतीय उत्पादों से है।
कॉमन फैसिलटी सेंटर होगा सबसे अलग
खिलौनों की यूनिट लगाने के लिए लैब बनाना आवश्यक कर दिया है। इसके लिए एसोसिएशन ने एक और प्रस्ताव दिया है। गुप्ता ने बताया कि इस योजना में वह एक कॉमन फैसिलिटी सेंटर बनाएंगे। इसमें सभी के लिए लैब बना दी जाएगी। इससे उद्यमी पर बोझ नहीं बढ़ेगा। इसके अलावा यहां पर मेडिकल सुविधा और शोरूम बनाएंगे। शोरूम में सभी कंपनियों के उत्पादों को रखा जाएगा। ताकि कोई व्यापारी आए तो उसे एक जगह पर सभी चीजें मिल सके।
टॉय सिटी में इस तरह के खिलौने बनेंगे
यहां बनने वाली टॉय सिटी में तरह-तरह के खिलौने बनेंगे। इसमें टीन, कपड़े, लकड़ी, बोर्ड गेम, राइडस, बच्चों का फर्नीचर आदि शामिल हैं।
विकास प्राधिकरण ड्रॉ के जरिए भूखंडों का आवंटन करेगा
प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने कहा कि सेक्टर-32 और 33 में ट‘वाय सिटी के लिए जमीन दे सकते हैं। यह एक कलस्टर होगा। हालांकि इसमें भी भूखंड ड्रा के जरिये दिया जाएगा। इसके लिए जल्द ही कार्ययोजना बनाई जाएगी। इसके बाद उस पर काम किया जाएगा। इससे यहां पर निवेश तो आएगा ही, रोजगार का सृजन भी होगा।
चीनी खिलौनों ने ग्रेटर नोएडा की टॉय सिटी का खेल बिगाड़ा था
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में भी टॉय सिटी है। लेकिन अब यह दम तोड़ रही है। चीन से सस्ते खिलौने ने उत्पादन बंद करा दिया था। लेकिन अब कस्टम ड्यूटी बढ़ने से इस उद्योग को पंख लग सकते हैं। द टॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया के संयोजक एनके गुप्ता ने बताया कि पहले यहां पर दर्जनों यूनिट थीं। लेकिन अब यहां पर केवल 5 यूनिट बची हैं। उन्होंने कहा कि अब समय है कि इस उद्योग को बढ़ाया जाए।