Google Image | प्रतीकात्मक फोटो
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को एक जूनियर महिला वकील से अपने चैम्बर में कथित दुराचार करने के मामले के आरोपी पूर्व अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता शैलेन्द्र सिंह चौहान को राहत देते हुए गिरफ्तारी के बाद अंतरिम जमानत दे दी।
अदालत ने मामले की पीड़िता एवं अपर शासकीय अधिवक्ता को याचिका पर आपत्ति दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय भी दिया है, मामले की अगली सुनवाई पांच अक्टूबर तय की गयी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति चन्द्रधारी सिंह की खंडपीठ ने आरोपी शैलेंद्र सिंह चौहान की अग्रिम जमानत याचिका पर दिया। अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि वह एक प्रतिष्ठित अधिवक्ता है और याची से पैसे ऐंठने के लिए व विभूति खंड में स्थित उसका चैम्बर हथियाने के लिए उसे झूठा फंसाया गया है।
अदालत ने 31 जुलाई को उप्र पुलिस को निर्देश दिया था कि इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार न किया जायें। जूनियर वकील (24 वर्ष लगभग) ने 24 जुलाई को गोमती नगर के विभूतिखंड पुलिस थाने में चौहान के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। उसका आरोप था कि चौहान ने उसके साथ अपने चैम्बर में दुष्कर्म किया था।