आज रात कैसे दीप जलाएं, एनपी सिंह ने बताया तरीका और इसके पीछे की भावना

आज रात कैसे दीप जलाएं, एनपी सिंह ने बताया तरीका और इसके पीछे की भावना

आज रात कैसे दीप जलाएं, एनपी सिंह ने बताया तरीका और इसके पीछे की भावना

Tricity Today | IAS NP Singh

गौतमबुद्ध नगर में करीब तीन साल डीएम रह चुके आईएएस अफसर एनपी सिंह ने बताया कि आज रात 9 बजे दीये कैसे जलाने हैं। उन्होंने इसके पीछे का विज्ञान भी लोगों को समझाया है। एनपी सिंह फिलहाल आजमगढ़ के जिलाधिकारी हैं। वह गौतमबुद्ध में खासे लोकप्रिय हैं। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर उन्होंने "एक दीप शहीदों के नाम" कार्यक्रम शुरू किया था, अभी तक गौतमबुद्ध नगर में चल रहा है।

एनपी सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री ने आज रात में 9 बजे बल्ब बुझाकर दीपक जलाने के लिए आह्वान किया है। उस संदर्भ में मैं भी अनुरोध करता हूं कि इसका अनुपालन करें। लेकिन यह अनुपालन अनुशासन के दायरे में ही होना चाहिए। दीपक घर के अंदर ही जलाएं। उस दीपक के साथ अगर ध्यान करेंगे तो ज्यादा कारगर होगा। सड़कों पर दीपक लेकर या घर के सामने ना आएं। एनपी सिंह ने कहा, पिछली बार घंटी और ताली बजाने में कुछ लोगों ने चूक की थी। लोग उत्साह में घर के बाहर आ गए। ऐसा लग रहा था जैसे कोई जश्न मना रहे हों।

एनपी सिंह ने कहा, जब कोई आपदा में ऐसे आह्वान होते हैं, जिसका उद्देश्य सामूहिक एकता और एक सामूहिक ऊर्जा के साथ आपदा के खिलाफ लड़ने का होता है। एक साथ एकजुट होकर अपनी मानसिक स्थिति को मजबूत करना इसका उद्देश्य है। इसलिए लोग दीए जलाएं। घर के अंदर दिए जलाएं। अपनी उर्जा को केंद्रित करें और यह सामूहिक चेतना 130 करोड़ लोगों की 9 मिनट के लिए संयुक्त होगी। दीपशिखा के साथ एक आपदा से लड़ने के लिए अपनी ऊर्जा से अनुरोध करेंगे तो सब की स्थिति आंतरिक तरंग मजबूत होगी।

एनपी सिंह ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य सामूहिक एकता और एक सामूहिक ऊर्जा के साथ आपदा में एक साथ एकजुट होकर अपनी मानसिक स्थिति को शुद्ध करना है। यह हमारे तंत्र और सिस्टम के मनोबल को बढ़ाएंगे। इसलिए मेरा सबसे आग्रह है कि सकारात्मक और अनुशासित भाव से अपने घरों में रहकर इस सामूहिक संकेतक भाव को ग्रहण करते हुए, अनुशासन का ध्यान करते हुए, दीपशिखा को ध्यान करते हुए, इस सामूहिक कार्य को करेंगे। इससे हमको ताकत मिलेगी।

एनपी सिंह भारतीय योग, अध्यात्म और दर्शन पर मजबूत पकड़ रखते हैं। उन्हें प्रशानिक सेवा का लंबा अनुभव है। गौतमबुद्ध नगर में कई उल्लेखनीय कार्यों के लिए उन्हें याद किया जाता है।

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