BIG BREAKING: रानी नागर का इस्तीफा नामंजूर, हरियाणा से यूपी कैडर आएंगी रानी, मनोहर लाल खट्टर ने केंद्र सरकार से सिफारिश की

BIG BREAKING: रानी नागर का इस्तीफा नामंजूर, हरियाणा से यूपी कैडर आएंगी रानी, मनोहर लाल खट्टर ने केंद्र सरकार से सिफारिश की

BIG BREAKING: रानी नागर का इस्तीफा नामंजूर, हरियाणा से यूपी कैडर आएंगी रानी, मनोहर लाल खट्टर ने केंद्र सरकार से सिफारिश की

Tricity Today | IAS Rani Nagar

हरियाणा कैडर की आईएएस रानी नागर का इस्तीफा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नामंजूर कर दिया है। साथ ही साथ मनोहर लाल खट्टर ने केंद्र सरकार से सिफारिश की है कि रानी नागर का कैडर बदलकर हरियाणा से उत्तर प्रदेश भेज दिया जाए। गुरुवार की दोपहर ही रानी नागर ने सोशल मीडिया पर लोगों से अपील की थी कि वह उनके इस्तीफे को अस्वीकार करने लिए किसी भी तरह का दबाव नहीं बनाएं।

भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर ने बताया कि रानी नागर का इस्तीफा हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नामंजूर कर दिया है। सुरेंद्र सिंह नागर ने कहा, "जल्दी ही रानी नागर का कैडर बदल जाएगा। वह हरियाणा कैडर से उत्तर प्रदेश कैडर में स्थानांतरित कर दी जाएंगी। इसके लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार के नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग को सिफारिश पत्र भेज दिया है।"

सुरेंद्र सिंह नागर ने कहा, "मैं सभी को प्रसन्नता के साथ अवगत कराना चाहता हूं कि आईएएस अधिकारी रानी नागर का इस्तीफ़ा माननीय मुख्यमंत्री एमएल खट्टर ने नामंज़ूर कर दिया है। इसके लिए उन्हें हृदय से धन्यवाद देता हूं। मुख्यमंत्री ने रानी नागर का आईएएस कैडर हरियाणा से उनके गृह राज्य उत्तर प्रदेश में बदलने की भी सिफ़ारिश केंद्र सरकार से की है। केंद्र सरकार के मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और मेरी कोशिश यही है कि रानी नागर के साथ किसी भी क़िस्म की नाइंसाफ़ी ना हो पाए। इसके लिए हरियाणा सरकार में शीर्ष स्तर से लगातार बातचीत की जा रही थी।"

आपको बता दें कि 2014 बैच की हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर के इस्तीफे को लेकर बवाल चल रहा है। गुरुवार की सुबह रानी नागर ने सोशल मीडिया पर आकर एक अपील की थी। रानी नागर ने अपनी फेसबुक पोस्ट पर लिखा कि उनके इस्तीफे को लेकर विरोध नहीं करें। इस्तीफा स्वीकार होने में ही उन्हें फायदा है। वह अपनी कानूनी लड़ाई लगातार न्यायालय में लड़ती रहेंगी।

रानी ने फेसबुक पोस्ट में लिखा था, "मैं रानी नागर पुत्री स्वर्गीय श्री रतन सिंह नागर, निवासी ग़ाज़ियाबाद गांव बादलपुर तहसील दादरी ज़िला गौतमबुद्ध नगर आप सभी से हाथ जोड़कर सादर यह विनती करती हूं कि आप मेरा इस्तीफ़ा स्वीकार ना किए जाने के लिए आग्रह व आंदोलन ना करें। मुझे माननीय न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। मैं अपने केस में माननीय न्याय पालिका में जाती रहूंगी। मेरे पास अभी अपनी रोटी खाने के लिए भी बहुत सीमित साधन हैं।"

रानी ने आगे लिखा, "मेरी आप सभी से हाथ जोड़कर विनती है कि जितनी जल्दी मेरा इस्तीफ़ा स्वीकार होगा, उतनी ही जल्दी मेरा तनख़्वाह में से कटा हुआ एनपीएस फ़ण्ड मुझे प्राप्त होगा, जिससे मैं अपना रोटी का ख़र्चा चला पाऊँगी। मेरे इस्तीफ़ा स्वीकार ना होने से मेरा और अधिक शोषण होगा। आगे सरकारी नौकरी कर पाना मेरे लिए सम्भव नहीं होगा। यूटी गेस्ट हाऊस के कमरे में स्वयं खाना बनाने के लिए गैस व चूल्हा लगाया जाना मना था।"

रानी आगे लिखा, "मैं रूपये देकर यूटी गेस्ट हाऊस से जो खाना ख़रीदती थी मुझे उस खाने में लोहे के पिन डालकर खाना दिया जाता था। इस बारे की गयी लिखित शिकायत की प्रति संलग्न है। लॉकडाउन और कर्फ़्यू में यूटी गेस्ट हाऊस को जनता के लिए बंद कर दिया गया लेकिन मुझे और मेरी बहन रीमा नागर को यूटी गेस्ट हाऊस में ही रखा गया। कर्फ़्यू व लॉकडाउन में हमें खाना भी नहीं मिला। मैं और मेरी बहिन रीमा नागर ने कर्फ़्यू व लाक्डाउन में बड़ी मुश्किल से तरल पदार्थ अादि से अपना गुज़ारा चलाया। यदि आप मेरा इस्तीफ़ा रोकने बारे आग्रह व आंदोलन ना करें तो आप सभी की हम पर बड़ी दया होगी।"

चार दिन पहले रानी नागर ने इस्तीफा दिया था
हरियाणा कैडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर मूल रूप से बादलपुर गांव की रहने वाली हैं और वह अभी गाजियाबाद में रह रही हैं। रानी नागर ने 4 दिन पहले इस्तीफा दिया। वह चंडीगढ़ से गाजियाबाद अपने घर आ गई हैं। रानी नगर को गाजियाबाद आने के लिए सरकार की तरफ से जो कार उपलब्ध करवाई गई थी, वह भी रास्ते में खराब हो गई थी। कार को ठीक करवाने के लिए रानी नागर ने तमाम अधिकारियों को फोन किया लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं दी गई थी। तब रास्ते में किसी गैराज के मैकेनिक ने उनकी मदद की। जिसके बाद वह गाजियाबाद जैसे तैसे पहुंची हैं।

गुर्जर समाज के लोगों ने शुरू की सोशल मीडिया पर मुहिम
रानी नागर के इस्तीफे के बाद गुर्जर समाज के लोगों में रोष व्याप्त हो गया। समाज के लोग भारतीय जनता पार्टी में बैठे मंत्री और जनप्रतिनिधियों को निशाना बनाने लगे। कहा कि यह लोग समाज की वोट लेकर पावर में पहुंच जाते हैं लेकिन जब समाज के बच्चों को इनकी जरूरत होती है तो कोई सामने नहीं आता है। रानी के इस्तीफे को अस्वीकार कराने के लिए गुर्जर समाज के लोग बड़ी संख्या में पंचायतें और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहे हैं। राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर, बहुजन समाज पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल सिंह गुर्जर, बहुजन समाज पार्टी के लोकसभा सांसद मलूक नागर समेत तमाम नेताओं ने उनका इस्तीफा अस्वीकार करने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से बात की है।

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने सुरेंद्र नागर को दिया था आश्वासन
भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुरेंद्र सिंह नागर ने करीब 1 सप्ताह पहले रानी नागर की फेसबुक पर पोस्ट पढ़ने के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से बात की थी। मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें आश्वासन दिया था कि रानी नागर इस्तीफा नहीं देंगी, और अगर वह इस्तीफा देंगी तो उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। अब जब रानी नागर ने इस्तीफा दे दिया है तो इस पूरे मामले में अभी तक हरियाणा सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

रानी नागर का हरियाणा के सीनियर आईएएस से चल रहा है विवाद
आपको बता दें कि रानी नागर का हरियाणा सरकार में एडीशनल चीफ सेक्रेट्री रैंक के एक आईएएस अधिकारी के साथ विवाद चल रहा है। जिसे लेकर रानी नागर ने न्यायालय में मुकदमा भी दायर किया हुआ है। रानी नागर के आरोप हैं कि उन्हें परेशान किया जा रहा है। हरियाणा सरकार में कई सीनियर आईएएस अधिकारी नहीं चाहते कि वह हरियाणा में नौकरी करें। उन्हें जान से मारने की नियत से कई बार हमले किए गए हैं। उन्हें और उनकी बहन को हरियाणा में जान का खतरा है। उनके लिए ऐसी परेशानियां पैदा की जा रही हैं, जिससे कि वह हरियाणा छोड़कर चली जाएं। रानी नागर का कहना है कि इन्हीं सभी परेशानियों की वजह से उन्होंने इस्तीफा दिया है।

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