आईएएस रानी नागर देंगी इस्तीफा, अभी गाजियाबाद में रहती हैं और ग्रेटर नोएडा की मूल निवासी हैं, फेसबुक पर डाली पोस्ट

आईएएस रानी नागर देंगी इस्तीफा, अभी गाजियाबाद में रहती हैं और ग्रेटर नोएडा की मूल निवासी हैं, फेसबुक पर डाली पोस्ट

आईएएस रानी नागर देंगी इस्तीफा, अभी गाजियाबाद में रहती हैं और ग्रेटर नोएडा की मूल निवासी हैं, फेसबुक पर डाली पोस्ट

Tricity Today | Rani Nagar IAS

ग्रेटर नोएडा के बादलपुर गांव की निवासी और हरियाणा कैडर की आईएएस रानी नागर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। 2014 बैच की आईएएस अधिकारी ने नौकरी से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है। रानी ने अपने फेसबुक वॉल पर गुरुवार की सुबह लगभग 5 बजे पोस्ट डालकर इसकी जानकारी दी है।

उनके पोस्ट के बाद हरियाणा की अफसरशाही में हलचल मच गई है। उन्होंने अपनी और अपनी बहन रीमा नागर की जान को खतरा भी बताया है। वह दिसंबर 2019 से बहन के साथ चंडीगढ़ के सेक्टर-6 स्थित यूटी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर-311 में किराए पर रह रही हैं।

रानी ने 17 अप्रैल को अपने फेसबुक वॉल पर एक वीडियो भी शेयर किया है। जिसमें उन्होंने और रीमा नागर ने जान को खतरा बताते हुए लोगों से अपील की है। रानी जून 2018 में पशुपालन विभाग में अतिरिक्त सचिव थीं। वह तब तत्कालीन एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सुनील गुलाटी पर उत्पीड़न के आरोप लगाकर सुर्खियों में आई थीं।

उन्होंने सीएम और मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा था। रानी 14 नवंबर 2018 से अतिरिक्त निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और 7 मार्च 2020 से निदेशक अर्काइव का जिम्मा संभाल रही हैं। उनसे मोबाइल पर कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

आईएएस रानी नागर के फेसबुक पेज से...
"मैं रानी नागर पुत्री रतन सिंह नागर निवासी गाजियाबाद, गांव बादलपुर तहसील दादरी जिला गौतमबुद्ध नगर। आप सभी को सूचित करना चाहती हूं, मैंने यह निर्णय लिया है कि आईएएस के पद से इस्तीफा दूंगी। अभी चंडीगढ़ में कर्फ्यू लगा हुआ है, इस कारण मैं व मेरी बहन रीमा नागर चंडीगढ़ से बाहर नहीं निकल सकते। चंडीगढ़ से आगे मार्ग में गाजियाबाद तक रास्ते भी बंद हैं। लॉकडाउन व कर्फ्यू खुलने के बाद अपने कार्यालय में इस्तीफा देकर व सरकार से नियमानुसार अनुमति लेकर बहन रीमा नागर के साथ वापस अपने पैतृक शहर गाजियाबाद आऊंगी। हम आपके आशीर्वाद व साथ के आभारी रहेंगे।"

वीडियो जारी कर जान को बताया खतरा
आईएएस रानी नागर और उनकी बहन रीमा नागर ने 17 अप्रैल 2020 को जारी वीडियो में कहा है कि अगर उन्हें कुछ हो जाए या वे लापता हो जाएं तो उनके इस वीडियो को बतौर बयान सीजेएम चंडीगढ़ की अदालत में विचाराधीन केस संख्या 3573/2019 में दर्ज कराएं। आईएएस रानी नागर ने कहा है कि वरिष्ठ आईएएस सुनील गुलाटी और चंडीगढ़ पुलिस के कुछ अफसरों के खिलाफ उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया हुआ है। वे दिसंबर 2019 से यूटी गेस्ट हाउस चंडीगढ़ के कमरा नंबर 311 में किराए पर रह रही हैं।

रानी नागर पहले भी विवादों में रही हैं
रानी नागर ने पशुपालन विभाग में अतिरिक्त सचिव रहते हुए तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनील गुलाटी पर दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। मामला सीएम तक पहुंचा था। गुलाटी आरोपों को नकार चुके हैं। उन्होंने सरकार को भी जवाब दे दिया था।

एक कैब ड्राइवर पर भी बदतमीजी का आरोप लगा चुकीं
डबवाली में एसडीएम रहते हुए भी अपनी जान को खतरा बताया था। डीजीपी को शिकायत दी थी। सुरक्षा न मिलने का मुद्दा भी रानी नागर उठा चुकी हैं। गुलाटी के खिलाफ ताकतवर आईएएस लॉबी है। आईएएस सुनील गुलाटी केंद्र में प्रतिनियुक्ति से हरियाणा लौटने के बाद खुड्डेलाइन पोस्टिंग पर ही रहे हैं। प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी, पशुपालन एवं डेयरी, मत्स्य पालन व हरियाणा मिनरल्स लिमिटेड विभाग ही उनके पास रहे। बताया जाता है कि आईएएस की ताकतवर लॉबी उनके खिलाफ है। वह सरकार को भी फूटी आंख नहीं सुहाते। गुलाटी वर्तमान में मुख्य सचिव के बाद सबसे वरिष्ठ आईएएस हैं लेकिन न तो उन्हें वित्तायुक्त की जिम्मेदारी दी गई और न ही किसी अहम पद पर रखा गया है। बताया जा रहा है कि मुख्य सचिव बनने की उनकी राह में भी रोड़े अटकाए जा रहे हैं।

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