नक्शे के विपरीत किया है निर्माण तो इस तरह हो जाएगा वैध, जीडीए ने शुरू की योजना

नक्शे के विपरीत किया है निर्माण तो इस तरह हो जाएगा वैध, जीडीए ने शुरू की योजना

नक्शे के विपरीत किया है निर्माण तो इस तरह हो जाएगा वैध, जीडीए ने शुरू की योजना

Google Image | Ghaziabad Development Authority

अगर आपने नक्शे के विपरीत अवैध निर्माण कर लिया है तो उसे अब वैधता मिल जाएगी। अधिकृत कॉलोनियों में किए गए अवैध निर्माण को मंजूरी देने के लिए सरल शमन योजना-2020 मंगलवार से लागू हो गई। इस योजना से गाजियाबाद में 10 हजार लोगों को राहत मिलेगी। हालांकि इस योजना का लाभ लेने के लिए शुल्क अदा करना होगा। यह योजना अगले साल 20 जनवरी तक लागू रहेगी।

जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा ने बताया कि सरल शमन योजना-2020 आज से प्राधिकरण में लागू हो गई है। जीडीए बोर्ड बैठक स्थगित होने की वजह से योजना को लागू करने से पहले जिलाधिकारी डॉ. अजय शंकर पांडेय, जीडीए बोर्ड के सभी सदस्यों से बाई सर्कुलर पॉलिसी के तहत प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करा लिए गए हैं। योजना के तहत सेट बैक और ग्राउंड कवरेज में सामान्य से दोगुना तक का लाभ मिलेगा। इसके लिए लोग आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि बहुत लोगों ने तय मानक से अधिक निर्माण कार्य कर लिया है। अब उन्हें राहत मिल जाएगी।

तिमाही किश्तों में कर सकेंगे भुगतान
जीडीए के सीएटीपी आशीष शिवपुरी ने बताया कि बिल्डरों की ग्रुप हाउसिंग में नक्शे से ज्यादा निर्माण, पार्किंग, ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और सामुदायिक सुविधाओं की समानुपातिक व्यवस्था किए जाने पर शमन की सुविधा दी जाएगी। शमन योजना के तहत आवेदन करने वालों को तिमाही किश्तों में भुगतान करना होगा। आवासीय शमन शुल्क कम रखा गया है।

इनको नहीं मिलेगा योजना का लाभ
शमन योजना-2020 में कोर्ट में विवादित भूमि, सरकारी भूमि, तालाब, अवैध कॉलोनी, हैरिटेज जोन, संरक्षित बिल्डिंग, सड़क, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, ग्रीन बैल्ट, वाटर वक्र्स, विद्युत सब स्टेशन, बस टर्मिनल, नाला समेत अन्य सार्वजनिक सुविधाओं की जमीन पर बने भवनों को लाभ नहीं मिलेगा। प्रस्तावित भू-उपयोग के विपरीत बनाए गए अवैध निर्माण के अलावा बैंक, जीडीए, नगर निगम समेत अन्य सरकारी संस्थाओं में बंधक भूमि पर किए गए निर्माण भी योजना में शामिल नहीं होंगे। 500 वर्ग मीटर और इससे अधिक क्षेत्रफल में बने तीन मंजिल से ज्यादा ऊंचाई वाले भवनों में भूकंपरोधी व्यवस्था नहीं होने पर योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

इस तरह से लिया जाएगा शुल्क
आवासीय भवन के लिए प्रोसेसिंग शुल्क एक रुपए प्रतिवर्गमीटर, ग्रुप हाउसिंग, कार्यालय का 1.50 रुपए प्रति वर्ग मीटर, व्यावसायिक दो रुपए प्रति वर्ग मीटर शुल्क तय किया गया हैं। 15 जुलाई से पहले अवैध निर्माण करने वालों को ही योजना का लाभ मिलेगा। 21 जुलाई से आवेदन जमा होने शुरू हो गए हैं। योजना के दायरे में आने के बावजूद निर्धारित अवधि में आवेदन नहीं किए गए तो उन अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

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