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कांग्रेस 14 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के लिए मंगलवार को एक बैठक में अपनी रणनीति बनाएगी। पार्टी के संसद रणनीति समूह की बैठक कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में होगी और इसमें राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, एके एंटनी, अहमद पटेल, जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल, अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, के सुरेश, मनिकम टैगोर और रवनीत सिंह बिट्टू शामिल होंगे। आपको बता दें कि सोनिया गांधी कांग्रेस संसदीय दल (CPP) की अध्यक्ष भी हैं।
बैठक में कांग्रेस सत्र के दौरान दोनों सदनों में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा करेगी, जैसे कि लद्दाख में चीन के साथ सीमा गतिरोध और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ फेसबुक के कथित सांठगांठ, सरकार द्वारा कोरोना महामारी को लेकर किए गए उपाय, आर्थिक संकट और जीडीपी में गिरावट, राज्यों को जीएसटी मुआवजा, लोगों की नौकरी जाना और कृषि संकट। इसमें PM CARES फंड पर भी चर्चा होगी।
पार्टी 32 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की बिक्री और रेलवे और हवाई अड्डों को निजी पार्टियों को सौंपने का मुद्दा उठाएगी।
कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने कहा कि पार्टी देश के सामने आने वाले सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर संसद में एकजुट मोर्चा पेश करने के लिए अन्य समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों से बात करेगी। इस सप्ताह के अंत में विपक्षी दलों की बैठक होने की उम्मीद है।
विपक्षी नेता संसद में सरकार को घोरने के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने के लिए इच्छुक हैं। यह एनईईटी और जीएसटी के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोनिया गांधी के साथ गैर-एनडीए मुख्यमंत्रियों की हाल की बैठक में व्यक्त किया।
बैठक में कांग्रेस उन 11 अध्यादेशों पर पार्टी के रुख पर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता में एक समूह द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर भी चर्चा करेगी, जिन्हें सरकार के द्वारा मानसून सत्र में लाने की संभावना है।
यह पहली बार होगा जब चिट्ठी प्रकरण के बाद सभी 23 कांग्रेसी नेता सोनिया और राहुल गांधी के समक्ष होंगे। 23 हस्ताक्षरकर्ताओं में से चार जो सीडब्ल्यूसी के सदस्य हैं- गुलमा नबी आजाद, आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक और जितिन प्रसाद- पत्र लिखने के लिए बैठक में अन्य सहयोगियों से मिले।
बैठक की अध्यक्षता करने के बाद सोनिया गांधी के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए देश से बाहर जाने की संभावना है।