Tricity Today | Jay Prakash Gaur
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग की निर्माण प्रगति से बहुत नाखुश हैं। इस मार्ग का निर्माण अक्टूबर 2019 में पूर्ण हो जाना चाहिए था लेकिन निर्धारित अवधि के चार माह बाद भी 35 प्रतिशत काम हो सका है। सीएम की सख्ती के बाद कार्यदायी एजेंसी जेपी एसोसिएट्स पर भारी पड़ने लगा है। निर्माण शुरू होने के चलते पूरा मार्ग खराब हो चुका है। जिससे यातायात कठिन हो गया है।
मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप पर कार्यदायी संस्था एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने जेपी ग्रुप की नकेल कसी तो चेयरमैन जयप्रकाश गौड़ को गोरखपुर आना पड़ा। उन्होंने एजेंसी के अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि दो अप्रैल तक संतोषजनक प्रगति दिखनी चाहिए।
जय प्रकाश गौड़ चार्टर प्लेन से गोरखपुर एयरपोर्ट पर दोपहर बाद लगभग साढ़े तीन बजे पहुंचे। वहां से हेलीकाप्टर से वह दोहरीघाट स्थित एजेंसी के कैंप पर गए। उनके साथ आई टीम ने मार्ग का निरीक्षण किया और एजेंसी के स्थानीय अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्य की गति बढ़ाने का निर्देश दिया। जब जेपी एसोसिएट्स अक्टूबर 2019 तक निर्माण पूरा नहीं कर पाया तो उसे पहले तीन माह का समय दिया गया। इस दौरान संतोषजनक प्रगति नहीं दिखी। एजेंसी बदलने में होने वाले विलंब को ध्यान में रखते हुए एनएचएआई ने पुन: उसे 2 अप्रैल 2020 तक संतोषजनक प्रगति दिखाने का समय दिया है।
इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर आए थे और अधिकारियों की बैठक में एनएचएआई के परियोजना प्रबंधक को शीघ्र कार्य पूरा करवाने और मार्ग को चलने लायक बनाने का आदेश दिया है। परियोजना प्रबंधक द्वारा भेजी गई प्रगति रिपोर्ट पर एनएचएआई मुख्यालय दिल्ली ने जेपी एसोसिएट्स पर शिकंजा कसना शुरू किया। फलस्वरूप चेयरमैन को गोरखपुर आना पड़ा।