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एक्सप्रेस वे और एलिवेटेड रोड के साथ-साथ जेवर एयरपोर्ट को हाई स्पीड रेल से भी जोड़ने की योजना है। दिल्ली से वाराणसी तक नया कॉरिडोर बनाया जाएगा। यह कॉरिडोर जेवर के आसपास से गुजरेगा। यहीं से जेवर एयरपोर्ट को हाई स्पीड रेल से जोड़ दिया जाएगा। पहले की तुलना में इसमें पैसा भी कम खर्च होगा।
नोएडा इंटरेनशनल एयरपोर्ट जेवर की मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी बनाने के लिए कवायद चल रही है। इसमें तमाम विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। दरअसल, केंद्र सरकार दिल्ली और वाराणसी को हाईस्पीड ट्रेन से जोड़ने की तैयारी कर रही है। यह कॉरिडोर दिल्ली-ग्रेटर नोएडा-आगरा-लखनऊ-वारासी होगा। इसकी डीपीआर पर जल्द काम शुरू होने की उम्मीद है। यह कॉरिडोर जेवर के आसपास से होकर गुजरेगा। इस हाई स्पीड रेल कॉरिडोर से एयरपोर्ट को भी जोड़ दिया जाएगा। इससे एयरपोर्ट की कनेक्टिवटी बेहतर हो जाएगी। यह प्रोजेक्ट नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड बनाएगा।
पहले जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को रैपिड रेल से जोड़ने की तैयारी थी। एनसीआरटीसी के दिल्ली-मेरठ वाले प्रोजेक्ट से जेवर एयरपोर्ट को जोड़ने की योजना थी। रैपिड रेल के इस कॉरिडोर का दिल्ली के न्यू अशोक नगर में भी स्टेशन प्रस्तावित है। इसी स्टेशन से जेवर एयरपोर्ट तक कॉरिडोर बनाने की योजना थी। इसको बनाने में पैसा भी अधिक खर्च होता। लेकिन अब इस नये प्रोजेक्ट से जेवर एयरपोर्ट को हाईस्पीड रेल से जोड़ना आसान हो जाएगा। इसको लेकर भी कवायद तेज हो गई है।
गंगा एक्सप्रेस वे से जोड़ा जाएगा एयरपोर्ट
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट यमुना एक्सप्रेस वे के पास बनाया जाएगा। यह दिल्ली-एनसीआर के चारों ओर बनाए गए ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे से करीब 15 किलोमीटर दूर होगा। जेवर एयरपोर्ट को मेरठ से प्रयागराज तक बनाए जा रहे गंगा एक्सप्रेस वे से भी जोड़ा जाएगा। जेवर एयरपोर्ट से बुलंदशहर तक गंगा एक्सप्रेस वे से जुड़ने के लिए एक कनेक्ट एक्सप्रेस में बनाया जाएगा, जो फोर लेन का होगा। इसकी लंबाई करीब 50 किलोमीटर होगी। प्रोजेक्ट की डीपीआर यमुना एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण बनवा ली है। सर्वे का काम जल्दी शुरू होने वाला है।
जेवर एयरपोर्ट और इंदिरा गांधी एयरपोर्ट एलिवेटेड रोड से जोड़े जाएंगे
जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट को भी जोड़ा जाएगा। इसके लिए एक फोर लेन एलिवेटेड रोड बनाई जाएगी। यह एलिवेटेड रोड दोनों एयरपोर्ट के बीच लोगों को नॉनस्टॉप ट्रैफिक मुहैया करवाएगी। इसके लिए जल्दी ही केंद्र सरकार के भूतल परिवहन मंत्रालय और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच बैठक होने वाली है। इस परियोजना का खर्च यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण, इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड और दोनों सरकार मिलकर उठाएंगी। इस परियोजना की भी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। जिस पर राइट्स ने काम किया है।
यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुण वीर सिंह ने कहा, "जेवर एयरपोर्ट मल्टी कनेक्टिविटी से जुड़ा होगा। इसके चारों ओर एक्सप्रेस वे, नेशनल हाईवे, हाई स्पीड ट्रेन, रिंग रेलवे और एलिवेटेड रोड जैसी अत्याधुनिक यातायात सुविधाएं रहेंगी। लोगों को पूरे दिल्ली-एनसीआर, पश्चिम उत्तर प्रदेश समेत 500 किलोमीटर के दायरे में आवागमन करने में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी।"