Google Image | लक्ष्मीकांत वाजपेयी
पिछले कुछ दिनों से समाजवादी पार्टी का ब्राह्मण प्रेम जागा हुआ है। पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से लेकर तमाम नेता ब्राह्मणों को लुभाने के लिए सोशल मीडिया पर जुटे हुए हैं। पार्टी के ब्राह्मण चेहरों ने लखनऊ में भगवान परशुराम की दुनिया में सबसे ऊंची मूर्ति स्थापित करने का ऐलान किया है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए आईपी सिंह ने ट्वीट करके लक्ष्मीकांत वाजपेई के माध्यम से ब्राह्मण नेताओं की उपेक्षा का उदाहरण दिया था। इस पर भारतीय जनता पार्टी के पुराने दिग्गज नेता लक्ष्मीकांत वाजपेई ने आईपी सिंह को करारा जवाब दिया है।
आईपी सिंह ने ट्वीट के जरिए कहा, "एक ईमानदार और कर्मठ व्यक्ति के साथ भाजपा में क्या होता है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण लक्ष्मीकांत वाजपेयी जी हैं। उन्हें अभी तक सिर्फ एक ईमानदार ब्राह्मण होने की सजा मिली और सुनील बंसल जैसे लोगों ने उन्हें हाशिए पर रखा। उनके बनाए हुए लड़का आज कैबिनेट में हैं और वह स्वयं हाशिए पर हैं।"
आईपी सिंह ने आगे लिखा, "मैं लक्ष्मीकांत वाजपेयी जी को खुला निमंत्रण देता हूँ कि वो समाजवादी पार्टी के साथ आएँ और इस तानाशाह सरकार के ख़िलाफ़ खुल कर संघर्ष करें। संघर्ष ही आपकी पहचान रही है। भाजपा सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ खुल कर बोलने का वक़्त है। प्रदेश में आज क्रांतिकाल है।"
भाजपा से सपा में गए आईपी सिंह के ट्वीट पर पूर्व भाजपा अध्यक्ष डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेयी पलटवार किया। उन्होंने लिखा, "आईपी सिंह जी इस प्रकार के अनर्गल ट्वीट करना अनुचित है। मैं जनसंघ के दीपक के निशान से लेकर भाजपा के कमल तक निशान पार्टी का निष्ठावान कार्यकर्ता हूँ। इस पार्टी ने मुझे बहुत दिया है और में आखिरी दम तक भाजपा के ध्वज के नीचे ही रहूंगा। भविष्य में ऐसे व्यर्थ ट्वीट न करें।"
आपको बता दें कि 2 दिन पहले लक्ष्मीकांत वाजपेयी को मध्य प्रदेश का गवर्नर बनाए जाने की अफवाह उड़ाई गई थी। इसके बाद लक्ष्मीकांत वाजपेयी फिर सामने आए थे और उन्होंने इस खबर का खंडन किया था। लक्ष्मीकांत वाजपेयी 2014 लोकसभा चुनाव के वक्त उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष थे। उनकी अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में शानदार प्रदर्शन किया था। लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद उनका कार्यकाल खत्म हो गया और पार्टी ने उन्हें कोई नई जिम्मेदारी नहीं थी। दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से 2017 के विधानसभा चुनाव में लक्ष्मीकांत वाजपेयी मेरठ सदर सीट से हार गए थे।
करीब 3 वर्षों से वह पूरी तरह नेपथ्य में चल रहे हैं। ऐसे में बहुत सारे लोगों का यह भी कहना है कि लक्ष्मीकांत वाजपेयी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से नाराज रहते हैं। दरअसल, लक्ष्मीकांत वाजपेयी उत्तर प्रदेश भाजपा में बड़ा ब्राह्मण चेहरा माने जाते रहे हैं। वह मेरठ सदर सीट से उस समय भी लगातार चुनाव जीतते रहे, जब भारतीय जनता पार्टी राज्य में निम्नतम स्तर का प्रदर्शन कर रही थी। लक्ष्मीकांत वाजपेई ने कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह और राम प्रकाश गुप्ता की सरकारों में बतौर मंत्री काम किया है। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकारों में राज्यमंत्री और कैबिनेट मिनिस्टर रह चुके हैं।
अब जब उत्तर प्रदेश में मौजूदा भाजपा सरकार पर ब्राह्मणों की उपेक्षा करने और राज्यभर में ब्राह्मण समाज के ऊपर अत्याचार करने के आरोप लगाए जा रहे हैं तो लक्ष्मीकांत वाजपेई को उदाहरण बताकर समाजवादी पार्टी के नेता निशाना साध रहे हैं। पिछले करीब 3 महीनों से समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी राज्य में ब्राह्मणों को लुभाने की कोशिश कर रही हैं। दरअसल, छन छनकर खबरें आ रही हैं कि ब्राह्मण समाज और भाजपा में ब्राह्मण नेता सरकार में उपेक्षा महसूस कर रहे हैं। इसी धारणा के चलते हाल-फिलहाल में राज्य के कई जिलों में ब्राह्मण संगठनों ने सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किए हैं। गौतमबुद्ध नगर में ब्राह्मण समाज के युवकों ने करीब 2 सप्ताह पहले प्रदर्शन किया था। जिसके बाद युवकों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था। इस पर भी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने खुलकर सरकार का विरोध किया था।