BIG BREAKING: महामेधा बैंक मैनेजमेंट की अपील खारिज, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और हापुड़ के 37588 खाताधारकों के 100 करोड़ डूबे

BIG BREAKING: महामेधा बैंक मैनेजमेंट की अपील खारिज, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और हापुड़ के 37588 खाताधारकों के 100 करोड़ डूबे

BIG BREAKING: महामेधा बैंक मैनेजमेंट की अपील खारिज, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और हापुड़ के 37588 खाताधारकों के 100 करोड़ डूबे

Tricity Today | महामेधा बैंक

बैंक में बड़े पैमाने पर गबन, वित्तीय अनियमितता और धोखाधड़ी का खुलासाgangaबैंक मैनेजमेंट, अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर का आदेश gangaइन सारे लोगों की प्रॉपर्टी अटैच की जा रही है, पैसे की वसूली होगी gangaअब खाताधारकों को केवल एक-एक लाख रुपए की बीमा राशि मिलेगी

महामेधा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक वित्त मंत्रालय में अपील हार गया है। बैंक मैनेजमेंट ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के लाइसेंस रद्द करने वाले आदेश को वित्त मंत्रालय में चुनौती दी थी। अब बैंक के खाताधारकों को केवल एक-एक लाख रुपये की बीमा राशि का भुगतान किया जाएगा, चाहे उनके खाते में कितनी बड़ी धनराशि क्यों ना जमा थी। इससे महामेधा बैंक के खाताधारकों के 100 करोड रुपए डूब गए हैं।

महामेधा बैंक के तीन जिलों गौतम बुध नगर, गाजियाबाद और हापुड़ में कुल 37,588 खाताधारक थे। इनके 100.47 करोड रुपए बैंक में जमा थे। अब इन सारे खाताधारकों को केवल एक-एक लाख रुपये बतौर बीमा राशि मिलेंगे। इनकी बाकी धनराशि डूब गई है। दूसरी ओर सहकारिता विभाग ने बैंक के संचालकों, अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने का आदेश दिया है। इनकी संपत्तियों का पता लगाया जा रहा है। गबन, वित्तीय अनियमितताओं और धोखाधड़ी की गई धनराशि की वसूली इन लोगों की संपत्तियों से की जाएगी।

गौतम बुध नगर के जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने बताया कि महामेधा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड गाजियाबाद उत्तर प्रदेश सहकारी समिति अधिनियम 1965 के अंतर्गत निबंधित एक प्राथमिक सहकारी समिति है। इसको भारतीय रिजर्व बैंक ने जनपद गाजियाबाद, हापुड़ और गौतमबुद्ध नगर में बैंकिंग कारोबार करने के लिए वर्ष 2001 में बैंक विनिमयकारी अधिनियम 1949 के अंतर्गत अनुमति प्रदान की थी।

आरबीआई ने गबन, अनियमितता और धोखाधड़ी के कारण लाइसेंस रद्द
जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने बताया कि इस नगरीय सहकारी बैंक में अनेक प्रकार की वित्तीय अनियमितताएं, गबन और धोखाधड़ी के प्रकरण प्रकाश में आए। बैंक के जमा कर्ताओं के व्यापक हितों को दृष्टिगत रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने 21 अगस्त 2017 को महामेधा बैंक का बैंकिंग लाइसेंस वापस ले लिया था। उत्तर प्रदेश के सहकारी आयुक्त और निबंधक सहकारिता से बैंक की परिसंपत्तियों और दायित्वों का निस्तारण करने के लिए परिसमापक नियुक्त करने का अनुरोध किया था। मेरठ के संयुक्त आयुक्त सहकारिता ने 31 अगस्त 2017 को अपर जिला सहकारी अधिकारी दादरी को अपने मूल कर्तव्य और दायित्व के साथ-साथ बैंक को परिसमापित  करने के लिए परिसमापक नियुक्त किया था।

खाता धारकों को केवल एक-एक लाख की बीमा राशि दी जाएगी
जिला सूचना अधिकारी ने कहा, महामेधा बैंक की मुख्य शाखा गाजियाबाद की नई बस्ती में है। राजनगर गाजियाबाद, सेक्टर 49 नोएडा, सूरजपुर, दादरी और हापुड़ में हैं। बैंक के कुल 37,588 खाताधारकों का 100.47 करोड रुपए बैंक में जमा थे। इन खाता धारकों में 36,176 खाता धारक एक लाख से कम जमा वाले हैं। बाकी 1412 खाताधारकों की जमा धनराशि एक लाख रुपये से अधिक है। इन सबकी एक लाख रुपये तक की धनराशि बीमित है। इन सारे खाता धारकों को 5 सितंबर 2018 को बीमित धनराशि के भुगतान के लिए निक्षेप बीमा एवं प्रत्यय गारंटी निगम मुम्बई में दावा प्रस्तुत किया गया था। लेकिन तत्कालीन बैंक प्रबंधन ने भारतीय रिजर्व बैंक के फैसले के खिलाफ वित्त मंत्रालय में अपील की। जिसके कारण बैंक के खाता धारकों की बीमित धन राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है।

वित्त मंत्रालय में अपील पर हार गया है बैंक मैनेजमेंट
जिला सूचना अधिकारी के मुताबिक अब बैंक प्रबंधन की अपील 27 फरवरी 2020 को खारिज कर दी गई है। जिसके बाद परिसमापक ने 4 मार्च 2020 को डीआईसीजीसी से बीमित धन राशि के भुगतान का अनुरोध किया है। डीआईसीजीसी ने 30 मार्च 2020 को परिसमापक के दावा पत्र को स्वीकार कर लिया है। बैंक के 33,004 खाता धारकों की 30.16 करोड़ रुपये की धनराशि निर्गत कर दी गई है। जिसका खाता धारकों को एनईएफटी के माध्यम से भुगतान किया जाना है।

जिम्मेदार लोगों पर एफआईआर होगी, प्रोपर्टी अटैच की जा रही हैं
सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने बताया, एक-एक लाख रुपये की बीमित धनराशि का भुगतान करने के लिए आवेदन मांगे गए हैं। दूसरी ओर बैंक में गबन, वित्तीय अनियमितता और धोखाधड़ी आदि के संबंध में आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता के निर्देश पर विशेष ऑडिट कर लिया गया है। ऑडिट रिपोर्ट का परीक्षण कर दोषियों की परिसंपत्ति से धनराशि की वसूली की जाएगी  दोषियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के लिए समिति का गठन कर दिया गया है। बैंक में वित्तीय अनियमितता, गबन और धोखाधड़ी में संलिप्त प्रबंध कमेटी के पदाधिकारी, बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों की अचल संपत्ति को अटैचमेंट किया जा रहा है। इसके अलावा बैंक के 127 बड़े बकायदार हैं। जिन पर बैंक का लगभग 38 करोड रुपए मूलधन और जमा तिथि तक का ब्याज बकाया है। उनके विरुद्ध वसूली की कार्रवाई भी की जा रही है।

एक लाख रुपये बीमा राशि लेने के लिए यहां भेजें आवेदन

  • बैंक के समस्त खाता धारकों से अनुरोध है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए केवल पंजीकृत डाक से दावा-पत्र इस पते पर भेज दें।
  • परिसमापक, महामेधा अर्बन को ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड गाजियाबाद (परी0), 36-नई बस्ती गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) पिन कोड-201001

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