Twitter Timeline: विधायक जी! माताजी की तबियत बहुत खराब है, वहां देखने वाला कोई नहीं, उम्मीद की किरण आपसे है

Twitter Timeline: विधायक जी! माताजी की तबियत बहुत खराब है, वहां देखने वाला कोई नहीं, उम्मीद की किरण आपसे है

Twitter Timeline: विधायक जी! माताजी की तबियत बहुत खराब है, वहां देखने वाला कोई नहीं, उम्मीद की किरण आपसे है

Tricity Today | Twitter Timeline Dhirendra Singh MLA

इस वक्त पूरा देश संकट से जूझ रहा है। करीब 2 महीने से लोकडाउन में फंसा आम आदमी परेशान है। पुलिस, प्रशासन, सरकार और जनप्रतिनिधि अपने स्तर पर लोगों को राहत देने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा मददगार साबित होती है तकनीक और इंसान की सोचने की शक्ति। अगर परेशानियों का हल निकालने की हमारे भीतर क्षमता है तो तकनीक उसे चार चांद लगा सकती है। ऐसा ही एक उदाहरण गौतमबुद्ध नगर में भारतीय जनता पार्टी के विधायक ठाकुर धीरेंद्र सिंह ने पेश किया है। धीरेंद्र सिंह ने ट्विटर को लाइफलाइन की तरह इस्तेमाल किया है। वह ट्विटर की 24×7 सेवा अपने क्षेत्र के लोगों को दे रहे हैं। अब तो आलम यह है कि उनकी सेवाओं का विस्तार जेवर विधानसभा क्षेत्र से बाहर निकलकर उत्तर प्रदेश और देश भर में हो चला है।

वह तकनीक और अपनी सोच की बदौलत दमन और दीव में फंसे अपने क्षेत्र के 7 युवकों को चंद दिनों में निकालकर लाने में कामयाब हो गए। चंपारण बिहार के मजदूरों को गौतमबुद्ध नगर से निकालकर उनके गांव भेज दिया। राजस्थान से 400 किलोमीटर पैदल यात्रा करके उनके इलाके में पहुंचे उत्तराखंड के 3 परिवारों को चंद घंटों में उनके घर पहुंचाया। झारखंड के सैकड़ों मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेन का इंतजाम धीरेंद्र सिंह ने जिला प्रशासन से करवाने में कामयाबी हासिल की। ट्विटर के अलावा उन्होंने व्हाट्सएप पर अपने निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्येक गांव और सेक्टर में युवा वॉलिंटियर्स के ग्रुप बनाए हैं। जहां से हर छोटी बड़ी समस्या रियल टाइम उनके पास पहुंच रही है। आज के ट्विटर टाइम लाइन में हम पिछले 24 घंटों के दौरान धीरेंद्र सिंह की गतिविधियों पर फोकस कर रहे हैं। जानेंगे कैसे धीरेंद्र सिंह ने ट्विटर टाइम लाइन को लाइफ लाइन में तब्दील किया है।

400 किलोमीटर जंगलो की खाक छानकर जेवर पहुंचे तीन परिवार उत्तराखंड भेजे

19 मई, 3:08 बजे दोपहर बाद

राजस्थान के हनुमानगढ़ में खेत मालिक ने पूरी मजदूरी नहीं दी और 4 दिन 400 किलोमीटर जंगलों और खेतों की खाक छानने के बाद उत्तराखंड के 3 परिवारों को मानो यकीन ही नहीं हो रहा था कि आज 5 घंटे बाद वो उत्तराखंड में अपने घरों का पानी पी पाएंगे। धीरेन्द्र सिंह ने यह ट्वीट किया। उन्होंने बताया कि यह हालात उत्तराखंड के जनपद उधमपुर के रहने वाले उन मजदूरों के थे, जो पेट की आग शांत करने के लिए राजस्थान के हनुमानगढ़ में फसल की कटाई करने गए थे। लेकिन लॉकडाउन के बाद राजस्थान में जो हालात उनके साथ बीते वह किसी दुःस्वप्न से कम नहीं हैं।

उन्होंने बताया कि खेत के मालिक ने हमसे फसल की कटाई करा ली और केवल आधी मजदूरी ही दी। वहां की सरकार ने हमारी कोई मदद नहीं की। जब हमारी नौबत मरने की कगार पर आई तो 4 दिन पहले हम लोग छुपते छुपाते हरियाणा में आ पहुंचे। जहां की पुलिस ने हमें उत्तर प्रदेश की सीमा में धकेल दिया। लेकिन हम किसी तरह खेतों और पगडंडियों को पार करते हुए जेवर विधानसभा के खेड़ा मोहम्मदाबाद गांव में पहुंचे। जहां ग्रामवासियों के जत्थे ने हमें रोक लिया और हमारे रुकने की व्यवस्था करते हुए कहा, "जेवर के विधायक धीरेन्द्र सिंह का यह निर्देश है कि कोई भी प्रवासी मेरे विधानसभा क्षेत्र से भूखा न जाए।’’ 

गांव के निवासी हीरा भाटी और अन्य लोगों ने उन सभी मजदूरों को स्नान कराकर, उनकी पूरी सेवा की। विधायक धीरेंद्र सिंह को अवगत कराया। सूचना मिलते ही जेवर विधायक ने प्रज्ञान पब्ल्कि स्कूल के प्रबंधक से गाड़ी मांगकर, उस गाड़ी का पास जिला प्रशासन से जारी करवाया। उत्तराखंड के रहने वाले उन सभी 8 लोग को ससम्मान उत्तराखंड के लिए रवाना किया। जिनमें 3 महिलाएं भी थीं।

19 मई, 10:10 बजे रात
धीरेन्द्र सिंह ने ट्वीट किया। "उत्तराखंड के उधम सिंह नगर पहुंचकर श्रीमती छिददर कौर, प्रेम कौर, रज्जो कौर व मलकीत सिंह आदि के चेहरे खुशी से खिले। आज दोपहर उत्तराखंड के लिए किया था रवाना, राजस्थान से पैदल आये थे जेवर।" इसी प्रकार राजेंद्र कुमार जोकि नोएडा में रहते हैं और खाना बनाने का काम करते हैं। उन्होंने भी कल रात जेवर विधायक से व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क किया था। जेवर विधायक ने अपनी गाड़ी भेजकर, उन्हें उत्तराखंड के अन्य लोगों के साथ ससम्मान बागेश्वर के लिए विदा किया।

दमन दीव में फंसे जेवर के सर युवकों को वापस लाया गया

19 मई, 5:20 बजे शाम
धीरेन्द्र सिंह ने ट्वीट किया। जानकारी दी, "लगभग 2 महीने से दमन दीव में फंसे विकास आदि को भरोसा ही नहीं था कि उत्तर प्रदेश सरकार का एक नोडल अफसर उनके लिए मसीहा बनकर, जेवर तक उन्हें भिजवाने की व्यवस्था करेगा। आज सातों नौजवान, रातोंरात हुई मदद के प्रति बेहद कृतज्ञ हैं।" विधायक ने बताया कि मेरे विधानसभा क्षेत्र के गांव पचोखरा के निवासी 7 युवक दमन और दीव में नौकरी कर रहे थे। लोकडाउन के कारण उनका होटल रिजोर्ट बंद हो गया और वह लोग वहां फंस गए।

युवकों ने लिखा कि वह भुखमरी के कगार पर हैं और यहां खाने-पीने की सुविधा उपलब्ध नहीं हो रही है। इलाका ग्रीन जोन में है लेकिन भविष्य में होटल के खुलने की कोई संभावना नहीं है। उन्हें तत्काल बुलाने का इंतजाम किया जाए। विधायक ने बताया कि मैंने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव दीपक कुमार को पत्र लिखा और युवकों के बारे में पूरी जानकारी दी। दीपक कुमार ने सातों युवकों को मंगलवार को उनके गांव पहुंचा दिया है। 

नोएडा की कूरियर कम्पनी में फंसे तीन युवकों को चम्पारण भेजा

19 मई, 5:54 बजे शाम
धीरेन्द्र सिंह ने ट्वीट करके जानकारी दी है। लिखा है, "नोएडा सेक्टर-22 की कूरियर कंपनी में काम करने वाले यह तीनों नौजवान सुधीर, रंजन साह, शशिभूषण सिंह निवासी जिला पूर्वी चंपारण, बिहार, आज अचंभित हैं कि रात में व्हाट्सएप से भेजी गई सूचना, आज 15:00 बजे इन्हें घर जाने वाली ट्रेन में बिठा देगी। उनकी नम आंखें मेरी ऊर्जा हैं।"

धीरेन्द्र सिंह ने बताया, कुछ लोगों ने रात्रि में मेरे दिए गये व्हाट्सएप नंबर पर संपर्क किया और उन्होंने बताया कि पिछले 1 महीने से कुरियर कंपनी द्वारा तनख्वाह न दिए जाने के कारण उनकी हालत बेहद गंभीर है। अब वह अपने घर जाना चाहते हैं। उनकी व्यवस्था करते हुए बिहार जानी वाली ट्रेन में, जो दादरी से मंगलवार को 3ः00 बजे प्रस्थान कर गई। उन तीनों लोगों से मैंने दूरभाष के माध्यम से वार्ता की। उनकी आंखे भर आईं और उनके द्वारा भेजे गए चित्र में उनकी आंखों की नमी पूरे समाज के लिए संदेश छोड़ रही थी। यही वह वक्त है, जब हमें अपनी पूरी क्षमता का उपयोग उन जरूरतमंदों की मदद के लिए करना चाहिए, जिन्हें आज हमारी जरूरत है।

माताजी की तबियत बहुत खराब है, वहां देखने वाला कोई नहीं, उमीद की किरण आपसे है

19 मई, 5:46 बजे शाम 
रितेश कुमार राय नाम के ट्वीटर यूजर ने धीरेन्द्र सिंह को टैग करके ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, "माननीय धीरेन्द्र विधायक जी अमित राय को कुशीनगर जाना बहुत जरुरी है, इनकी माताजी की तबियत बहुत खराब है। वहां देखने वाला कोई नहीं है। आपकी बहुत मेहरबानी होगी उमीद की किरण आपसे ही है।" ट्वीट में आवेदन का रेफरेंस नंबर का स्क्रीनशॉट अटैच किया गया था।

रितेश कुमार राय ने शाम ७:०५ बजे फिर दूसरा ट्वीट किया है। राय ने लिखा, "माननीय धीरेन्द्र  विधायक जी का बहुत बहुत धन्यवाद, जो इतने  कम समय में अमित भैया का पास बन गया। इनकी माता जी की तबीयत बहुत खराब है। अब जाकर ये ध्यान रख पाएंगे। अब तो आप हर किसी के लिए मशीहा हैं इस बुरे वक्त में।"

संगरूर का एक निवासी गौतमबुद्ध नगर में फंसा है, पत्नी ३ साल का बच्चा वहां हैं

19 मई, 5:53 बजे शाम
अजीत कर्ण नाम के ट्वीटर यूजर ने विधायक को टैग करके ट्वीट किया। ट्वीट अंग्रेजी में है, हम उसका अनुवाद यहां प्रकाशित क्र रहे हैं। उन्होंने लिखा, "सर एकबार फिर सहायता की आवश्यकता है। संगरूर पंजाब का एक निवासी गौतमबुद्ध नगर में फंसा हुआ है। पत्नी, ३ साल का बच्चा वहां हैं। परिवार के सामने कोई स्वास्थ्य समस्या भी है।"

विधायक की ओर से जवाब दिया गया, "अजीत जी आप चिंता ना करें हमारा काम ही आप लोगों की सेवा करना है। ट्विटर 24×7 की सेवा आप लोगों को सुविधा पहुंचाने के लिए ही जारी की गई है। आप संबंधित की कांटेक्ट डिटेल साझा कीजिए, हमारा कार्यालय उनसे सम्पर्क कर लेगा। करीब डेढ़ घंटे बाद इस व्यक्ति का पास जारी करवा दिया गया।

गया बिहार के 22 लोगों को बस में बैठाकर किया रुखसत

19 मई, 10:32 बजे रात

40 दिन की खाक छानने के बाद आज मिला अपने गांव लौटने का सुकून। उम्मीद छोड़ चुके, गया बिहार के 22 लोगों को बस में बैठाकर किया रुखसत। इंतज़ार में घरवालों की पथरा चुकी थीं आंखें।

इसी प्रकार कल दिनांक 18 मई 2020 को 67 लोगों को बिहार व झारखंड जाने वाली ट्रेन में बैठाकर, उन्हें उनके गांव पहुंचाया गया था।

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