Tricity Today | नारेडको यूपी के चेयरमैन आरके अरोड़ा।
कोविड-19 महामारी के कारण लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के बाद देश के विभिन्न राज्यों से लौटे प्रवासी श्रमिकों की मदद के लिए नारेडको यूपी चैप्टर ने कदम आगे बढ़ाया है। इन श्रमिकों को आर्थिक रूप से समर्थन करने के उद्देश्य से प्रमुख रियल एस्टेट संगठन नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) ने एक लाख श्रमिकों को तुरंत रोजगार देने की पेशकश की है। इन श्रमिकों को यूपी में चल रहीं विभिन्न रियल एस्टेट परियोजनाओं में तुरंत काम दिया जाएगा। 26 जून को नोएडा के सेक्टर-94 में सुपरनोवा प्रोजेक्ट साइट पर नारेडको-यूपी निर्माण श्रमिकों को रोजगार पत्र देगा।
इसके साथ ही नारेडको ने निकट भविष्य में लगभग 2.5 लाख श्रमिकों को रोजगार देने के अपने वादे को पूरा करने की तरफ कदम बढ़ा रहा है। नारेडको-यूपी ने 63 जिलों के श्रमिकों की पहचान की और उन्हें निर्माण स्थलों से आवागमन के लिए परिवहन की सुविधा भी दी है। ये श्रमिक पहले ही यूपी राज्य में विभिन्न रियल एस्टेट परियोजनाओं में काम शुरू कर चुके हैं।
राज्य सरकार ने नारेडको-यूपी को लगभग 12 लाख मजदूरों का एक डेटाबेस प्रदान किया था। जिसमें से 1 लाख श्रमिकों को विभिन्न निर्माण स्थलों में तुरंत काम देने के लिए पहचान की गई है। यूपी से बड़ी संख्या में श्रमिकों को काम देने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए नारेडको-यूपी ने डेटाबेस से श्रमिकों को चुना है। उनको तुरंत अलग-अलग रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में उनकी क्षमता के अनुसार काम दिया जा रहा है।
इससे पहले नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल के यूपी चैप्टर ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ एक समझौता (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे। इस एमओयू के तहत नारेडको-यूपी डेवलपर्स की रियल एस्टेट परियोजनाओं में लगभग 2.5 लाख प्रवासी श्रमिकों और मजदूरों को काम देने का करार किया गया है।
नारेडको-यूपी के प्रेसिडेंट और सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोड़ा ने कहा, "कोविड-19 के फैलने के बाद बेरोजगारी बढ़ने के कारण लोगों को कठिन समय का सामना करना पड़ा। बड़ी संख्या में लोग अपने-अपने शहरों से वापस अपने मूल गांव-शहरों के लिए रवाना हुए। उनमें से काफी वापस यूपी आ गए हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए उन्हें काम मिलता रहे और वे अपने घरों में अपने परिवारों का पालन करने के लिए आजीविका कमाते रहें, हमने लगभग एक लाख मजदूरों का एक डेटाबेस बनाया है। जो राज्य में रियल एस्टेट परियोजनाओं के निर्माण स्थलों में तुरंत काम पर लग जाएंगे। इससे केवल श्रमिक ही नहीं बल्कि यूपी में रियल एस्टेट डेवलपर्स को भी मदद मिलेगी। जिन्हें अपनी परियोजनाओं पर काम को तेज करने की आवश्यकता है। जो कोविड-19 संकट के कारण काफी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।”
नारेडको-यूपी चैप्टर में 250 डेवलपर सदस्य हैं। यह निर्माणाधीन रियल एस्टेट परियोजनाओं में इन प्रवासी श्रमिकों को काम देने के लिए सदस्यों का एक समूह बनाने की प्रक्रिया में है। यह उन परियोजनाओं पर काम को गति देने में भी मदद करेगा, जहां राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद काम ठप्प हो गया है। कई श्रमिक अपने गृहनगर लौट आए। कई श्रमिक अब निर्माण स्थलों पर वापस आ रहे हैं और काम शुरू करने के लिए उत्सुक हैं।
आरके अरोड़ा ने आगे कहा, “हमने लगभग 1 लाख मजदूरों के साथ बातचीत की और उन्होंने तुरंत हमारे साथ जुड़ने के लिए अपनी सहमति दी है। हम उनको तुरंत काम दे रहे हैं। 5000 से अधिक श्रमिक काम पर आ चुके हैं। वह पहले से ही यूपी के विभिन्न निर्माण स्थलों पर काम शुरू कर चुके हैं। आने वाले दिनों में अधिक निर्माण श्रमिकों को विभिन्न रियल एस्टेट परियोजना स्थलों पर काम पर रखा जाएगा। इसके अलावा हम नियमित रूप से अपने डेवलपर सदस्यों से श्रमिकों की बढ़ती मांग हासिल कर रहे हैं।”
बिल्डरों का ये संगठन इन प्रवासी मजदूरों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम भी आयोजित करेगा, ताकि उन्हें रियल एस्टेट में काम दिया जा सके। कई श्रमिकों को जिनके पास रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में काम करने का कोई पूर्व अनुभव नहीं है, उन्हें इससे लाभान्वित होने की संभावना है। लॉकडाउन अवधि के दौरान, सभी नारेडको-यूपी डेवलपर्स ने अपने श्रमिकों को साइट पर रखा और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य और अन्य बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए भोजन और अन्य आवश्यक चीजें प्रदान कीं।