Tricity Today | प्रशासन ने छह फैक्टरी और गोदाम सील किए
ट्रांस हिण्डन में प्लास्टिक स्क्रेप जलाकर और केमिकल के कारोबार से प्रदूषण फैलाने के मामले में प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शनिवार को कार्रवाई में छह अवैध फैक्टरी व गोदाम सील कर दिए। एनजीटी के आदेश पर एसडीएम सदर डीपी सिंह के नेतृत्व में यह कार्रवाई रात तक चली। टीम को देखकर कुछ लोग मौके से फरार हो गए। अधिकारियों को एक फैक्टरी में स्क्रैप जलाने के लिए भट्टी भी संचालित मिली।
उधर, बोर्ड ने औद्योगिक क्षेत्र और नगर निगम ने आवासीय इलाकों में अवैध फैक्टरियों को चिन्हित करने के लिए सर्वे शुरू कर दिया है। मेरठ रोड तिराहे के पास हिंडन विहार इलाके में कई महीनों से फैरस-नॉन फैरस स्क्रैप, फैक्टरी में प्लास्टिक स्क्रैप को भट्टी में डालकर गलाने का अवैध काम होता है। इन गोदाम और फैक्टरी में कैमिकल से भी प्रदूषण फैलाने का काम धड़ल्ले से होता है।
पिछले दिनों नगर निगम द्वारा गोपनीय तरीके से इलाके में सर्वे कर अपनी रिपोर्ट प्रशासन को सौंपी गई थी। शनिवार की शाम डीएम के निर्देश पर एसडीएम सदर डीपी सिंह के साथ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और सिहानी गेट थाना पुलिस ने हिंडन विहार में फैक्टरियों पर कार्रवाई शुरू कर दी। टीम को देखकर कुछ लोग मौके से फरार हो गए। वहां जांच करने पर प्लास्टिक गलाने के लिए भट्टी चलती मिली। एक गोदाम में कैमिकल एकऋा कर उसका कारोबार चलता पाया गया।
एसडीएम ने वहां मौजूद फैक्टरी संचालकों से कागजात दिखाने को कहा। लेकिन कोई भी कागजात नहीं दिखा सका। इसके बाद टीम ने संचालक महबूब की मैसर्स एम. जे ट्रेडर्स, संचालिका शमशाना बेगम की मै. रमजान उद्योग, अब्दुल सलाम और संतराम के गोदाम, मैसर्स ए.एम इंटरप्राइसेस व पप्पन के अवैध गोदाम को सील कर दिया। एसडीएम डीपी सिंह का कहना है कि एनजीटी के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है। वहां पर अवैध तरीके से प्लास्टिक गलाने और फैरस व नॉन फैरस का काम होता था।
जबकि फैक्टरियों से कैमिकल का काम करने के बाद उसे नाले में भी डाल दिया जाता था। इससे प्रदूषण फैल रहा था। मौके पर पहुंचकर जांच के बाद छह फैक्टरी व गोदामों को सील किया गया है। यदि संचालकों ने सील तोड़कर काम किया तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
कास्टिंग यार्ड पर 50 हजार जुर्माने की प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा ने बताया कि वसुंधरा में आरआरटीएस के कास्टिंग यार्ड में कई दिनों से धूल-मिट्टी उडने से प्रदूषण फैल रहा था। जबकि आरआरटीएस समेत तमाम औद्योगिक संगठन और संस्थाओं को प्रदूषण रोकने के लिए गाइडलाइंस भी जारी की हुई हैं। मगर फिर भी कास्टिंग यार्ड में स्थिति नहीं सुधर पाईं। इसके लिए प्रशासन से कास्टिंग यार्ड पर 50 हजार रुपये जुर्माने लगाने के लिए संस्तुति मांगी गई है। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र और आवासीय इलाकों में नगर निगम, नगर पालिका समेत अन्य सरकारी संस्थाएं प्रदूषण फैलाने वालीं इकाइयों पर सर्वे कर रही हैं।