Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो
दिल्ली-एनसीआर के दो शहरों नोएडा और गुड़गांव (गुरुग्राम) के बीच लम्बे अरसे से एक खास प्रतिस्पर्धा रही है। दोनों शहर दिल्ली-एनसीआर के बड़े प्रॉपर्टी मार्केट हैं। लेकिन, अब तक ज्यादातर मौके नोएडा के मुकाबले गुड़गांव को मिले हैं। खासतौर से बड़े कॉरपोरेट और मल्टीनेशनल कम्पनियों ने गुड़गांव की तरजीह दी हैं। इसके पीछे दो सबसे बड़ी वजह रही हैं। पहली, गुड़गांव की इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से नजदीकी और दूसरी वजह बेहतर कानून व्यवस्था थी। बड़ी कंपिनयों ने हमेशा ऑफिस खोलने के लिए गुरुग्राम को तवज्जो दी। अब क्या होगा? जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहा है और कानून व्यवस्था सुधारने के लिए गौतमबुद्ध नगर में भी पुलिस कमिश्नरेट लागू कर दी गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अब जल्दी तस्वीर बदलने वाली है। ग्रेटर नोएडा के पास दुनियां का पांचवां सबसे बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट यमुना एक्सप्रेस-वे पर में बन रहा है। इससे आने वाले दिनों में नोएडा, ग्रेटर नोएडा, नोएडा एक्सप्रेस वे और यमुना एक्सप्रेसवे के आसपास बड़े पैमाने पर विकास होगा। उत्तर प्रदेश सरकार का अनुमान है कि यहां अगले एक दशक में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा। इसका लाभ आम आदमी तक पहुंचेगा।
सम्पत्ति कारोबार में फिर बहार आएगी
पिछले कई वर्षों से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रॉपर्टी बाजार धड़ाम है। अब जानकारों को उम्मीद है कि न केवल इन दोनों शहरों में प्रॉपर्टी बाजार को ऑक्सीजन मिलेगी बल्कि गुरुग्राम के मुकाबले प्रॉपर्टी की कम कीमत भी इसे पूरे बाजार को नई ऊंचाई देगी। प्रॉपर्टी मामलों के विशेषज्ञ एडवोकेट मुकेश शर्मा का कहना है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा और युमना एक्सप्रेस वे का इंफ्रास्ट्रक्चर गुरुग्राम के मुकाबले शुरू से बहुत अच्छा है। इसके बावजूद पुरानी सरकारें इन शहरों में बेहतर कानून व्यवस्था नहीं दे पाई थीं। बड़े संगठित अपराधों ने हमेशा नोएडा और ग्रेटर नोएडा की छवि को खराब रखा। अब योगी आदित्यनाथ की सरकार का सबसे ज्यादा जोर कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने पर है। इसी कारण गौतमबुद्ध नगर में पुरानी पुलिस व्यवस्था की खत्म करके कमिश्नर सिस्टम लागू किया गया है।
निवेश और रोजगार का नए रास्ते खुलेंगे
केंद्र सरकार में उद्योग सचिव, केबिनेट सचिव और यूपी के मुख्य सचिव रह चुके सेवानिवृत्त आईएएस योगेंद्र नारायण पिछले सप्ताह नोएडा और ग्रेटर नोएडा के दो दिनों के दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले थे। योगेंद्र नारायण नोएडा और ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी भी रह चुके हैं। वह कहते हैं, जेवर एयरपोर्ट के निर्माण के बाद दुनिया का सबसे खूबसूरत और सबसे विकसित क्षेत्र बन जाएगा। यहां भरपूर रोजगार होंगे, यह बात मुख्यमंत्री ने कही। उनका मूल मंत्र है कि मजबूत पुलिस अच्छी कानून व्यवस्था देती है और अच्छी कानून व्यवस्था से निवेश आता है। निवेश से विकास और रोजगार के रास्ते खुलते हैं। मैं उनकी बातों से सहमत हूं।
योगेंद्र नारायण कहते हैं कि नोएडा से दिल्ली एयरपोर्ट की दूरी अधिक होने की वजह से बड़ी कंपनियां यहां का रुख अभी तक नहीं कर रही थीं। लेकिन अब जेवर एयरपोर्ट बनने से निश्चित तौर पर कंपनियां इस क्षेत्र का रुख करेंगी। क्योंकि अभी यहां प्रॉपर्टी की कीमतें कम हैं। इससे घरों की डिमांड में भी इजाफा होगा। यह पूरा एरिया एनसीआर ही नहीं बल्कि देश के अंदर सबसे महत्वपूर्ण बन जाएगा। अभी जेवर से नोएडा पहुंचने में एक घण्टा लगता है, कुछ दिन बाद यह समय आधा रह जाएगा। जेवर एयरपोर्ट से केवल नोएडा और ग्रेटर नोएडा को ही नहीं पूरे नार्थ इंडिया को फायदा मिलेगा।
कनेक्टिविटी के मामले में कोई बराबरी नहीं
एक वक्त था जब ग्रेटर नोएडा शहर की कनेक्टिविटी नहीं थी। अब ग्रेटर नोएडा के पास देश में सबसे ज्यादा एक्सप्रेस वे और हाइवे हैं। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे, यमुना एक्सप्रेस वे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे और नेशनल हाइवे 91 शहर को हर छोटे-बड़े शहर से जोड़ते हैं। देश के दो सबसे बड़े मालवाहक रेलवे कॉरिडोर (दिल्ली-मुम्बई और अमृतसर-कोलकाता) यहीं आकर मिलेंगे। मेट्रो ग्रेटर नोएडा आ गई है। जेवर तक मेट्रो पहुंचाने के लिए काम शुरू हो चुका है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो का निर्माण शुरू होने वाला है। दिल्ली-हावड़ा रेल लाइन पर दादरी के पास बोड़ाकी स्टेशन को विकसित किया जाएगा। इतनी सुविधाएं किस शहर के पास हैं।
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के चेयरमैन और सीईओ रहे ललित श्रीवास्तव का कहना है कि आने वाले दिनों में मेट्रो से भी एयरपोर्ट को जोड़ा जाएगा। नए होटल भी खुलेंगे। कुछ साल पहले बेंगलुरु में भी इसी तरह की तब्दीली देखने को मिली थी। शुरुआत में लोगों का कहना था कि नया एयरपोर्ट शहर से 20 किलोमीटर दूर है। आज एयरपोर्ट की वजह से वहां बड़ा विकास हुआ है। कुछ वैसी ही तस्वरी आपको ग्रेटर नोएडा और नोएडा में देखने के लिए मिलेगी। जेवर एयरपोर्ट बनने ये यह पूरा एरिया बड़े कमर्शियल हब के रूप में बदल जाएगा।
मूलभूत सुविधाओं के मामले में बहुत आगे हैं नोएडा और ग्रेटर नोएडा
जेवर एयरपोर्ट के लिए जमीन देने वाले किसानों को इस विकास योजना का भागीदार बनाने के लिए काम कर रही संस्था नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट फोरम (NIAF) के वाइस चेयरमैन और कई मल्टीनेशनल कम्पनियों में सीएक्सओ रह चुके सुकांतो डे का कहना है कि ग्रेटर नोएडा और जेवर क्षेत्र के पास पानी है, जो गुरुग्राम के पास नहीं है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा का इन्फ्रास्ट्रक्चर हमेशा से गुरुग्राम के मुकाबले बेहतर था। केवल कानून व्यवस्था के मुद्दे पर गुरुग्राम भारी पड़ता था। वहां की सरकार तेजी से फैसले लेती थी। नोएडा में तो मुख्यमंत्री आते ही नहीं थे। नोएडा में आना अपशकुन मानते थे। नोएडा और ग्रेटर नोएडा से जुड़े फैसले लेने में देरी होने के कारण निवेशक गुरुग्राम चला जाता था। अब हालात बदल गए हैं। यूपी से सीएम योगी आदित्यनाथ अपने ढाई साल के कार्यकाल में तमाम बार आ चुके हैं। उन्होंने यहां की खराब कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया। यहां पुलिस कमिश्नर को बैठाया है।
सुकांतो डे कहते हैं कि अच्छा पानी, अच्छी कनेक्टिविटी, अच्छी कानून व्यवस्था और तेज सरकारी फैसलों की बदौलत निःसन्देह अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा गुरुग्राम पर भारी पड़ेंगे। आप देखिए कि योगी आदित्यनाथ के तेज फैसले की बदौलत यह एयरपोर्ट जेवर में बन रहा है, नहीं तो हरियाणा या राजस्थान शिफ्ट होने की योजना पर काम शुरू हो चुका था। मुझे लगता है कि अगले 5 वर्षों में लोग महसूस करने लगेंगे कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा बहुत आगे निकल गए हैं।
जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह ने जेवर एयरपोर्ट को किसानों से जमीन दिलाने के लिए बड़ी मेहनत की। धीरेंद्र सिंह किसानों के पास घर-घर जाकर मिले और बताया कि एयरपोर्ट से क्या फायदे होंगे। धीरेंद्र सिंह कहते हैं कि मैंने बड़े करीब से देखा है कि बहुत बेहतर सुविधाएं और इन्फ्रास्ट्रक्चर होने के बावजूद नोएडा और ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम से पिछड़ गए। इसके लिए पुरानी सरकार जिम्मेदार थीं। कुछ नेताओं ने इन शहरों को काली कमाई का जरिया बना लिया था। अभी सीएजी ऑडिट में नोएडा प्राधिकरण में 30 हजार करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। इस मानसिकता का बुरा असर यहां के किसानों, उद्यमियों और नागरिकों पर भी पड़ा। इन्हें भी लगने लगा कि जब सरकारें लूट मचा रही हैं तो हम क्यों त्याग करें। किसान क्यों सस्ती जमीन दें? उद्यमी क्यों अपना पैसा निवेश करे? आम आदमी ही शहर को संवारने पर विचार करे?
अब राज्य में हमारी सरकार आई तो विचार और सोच बदल गई। मैंने किसानों से बात की। उनके सामने बात रखी। बताया कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जमीन दीजिए, इससे आने वाली पीढ़ियों को बड़ा फायदा मिलेगा। किसानों ने यह बात समझी और जमीन दी। अब निःसन्देह यहां तस्वीर तेजी से बदलेगी। आने वाला वक्त नोएडा और ग्रेटर नोएडा का ही है। अगले एक दशक में यह इलाका देश ही नहीं दुनिया के चुनिंदा शहरों में शुमार हो जाएगा।