नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक शुरू, करीब 10 हजार करोड़ का बजट पास होगा, इन महत्वपूर्ण फैसलों पर भी लगेगी मुहर

नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक शुरू, करीब 10 हजार करोड़ का बजट पास होगा, इन महत्वपूर्ण फैसलों पर भी लगेगी मुहर

नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक शुरू, करीब 10 हजार करोड़ का बजट पास होगा, इन महत्वपूर्ण फैसलों पर भी लगेगी मुहर

File Photo | प्रतीकात्मक फोटो

नोएडा विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक शुरू हो गई है। इस बोर्ड बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई जाएगी। सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव प्राधिकरण का चालू वित्त वर्ष के लिए बजट आवंटन है। दरअसल, कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इस बार मार्च में प्राधिकरण अपना बजट पास नहीं करवा सका था। आज चल रही बोर्ड बैठक में बजट पास होगा। जिसके करीब 10 करोड़ रूपये से ज्यादा रहने की उम्मीद है। इसके अलावा कई और महत्वपूर्ण फैसलों पर निर्णय लिया जाएगा। 

नोएडा विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में चल रही है। बोर्ड के सभी सदस्य ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए हैं। प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक करीब 10,000 करोड़ रुपए का बजट प्रस्ताव रखा जाएगा। इसमें जन सुविधाओं के विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट शामिल हैं। भूमि अधिग्रहण के लिए भी काफी पैसा रखा गया है। दरअसल, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर 5 गांवों की जमीन का अधिग्रहण इस साल विकास प्राधिकरण को करना है।

कंपनियों के नाम आवंटित जमीन अब कंपनी बोर्ड में बदलाव करके स्थानांतरित नहीं की जा सकेगी। इस व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए विकास प्राधिकरण आज बोर्ड के सामने प्रस्ताव रखेगा। अब कोई कंपनी अगर निदेशक बोर्ड में बदलाव करती है तो उसे ट्रांसफर चार्ज देने होंगे। बहुजन समाज पार्टी के शासनकाल में यह व्यवस्था गड़बड़ाई थी और बड़े पैमाने पर कंपनियों के नाम आवंटित भूमि निदेशक बोर्ड में बदलाव करके स्थानांतरित की जाती रही है। अब इस व्यवस्था पर पूरी तरह पाबंदी लग जाएगी। 

नोएडा शहर में औद्योगिक जमीन की लगातार कमी हो रही है। ऐसे में अधिक से अधिक उद्योगों को जगह देने के लिए विकास प्राधिकरण मल्टी स्टोरी इंडस्ट्री का प्रस्ताव लेकर आया है। मतलब, अब छोटे प्लॉट पर मल्टीस्टोरी इमारत बनाकर कई कंपनियों को आवंटन किया जा सकेगा। इससे कम जमीन पर अधिक औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जा सकती हैँ।

हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत भूमि आवंटन के बाद 5 वर्षों में निर्माण करके क्रियाशील प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य होगा। दरअसल, शहर में लोग निवेश करने के उद्देश्य से भूमि आवंटन लेकर छोड़ देते हैं। इस प्रवृत्ति के कारण औद्योगिक विकास प्रभावित हो रहा है। अब अगर आवंटित भूखंड पर 5 वर्षों में आवास, शिक्षण संस्थान, वाणिज्यिक इमारत या  इंडस्ट्री की स्थापना नहीं की गई तो आवंटन रद्द कर दिया जाएगा। आवंटी की ओर से जमा किया गया पैसा भी जब्त कर लिया जाएगा।  इस नई व्यवस्था को अंगीकृत करने के लिए चल रही बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पारित किया जाएगा।

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