BIG BREAKING: नोएडा में अब दूसरे जिलों के कोरोना मरीजों की जांच नहीं की जाएगी, आदेश जारी

BIG BREAKING: नोएडा में अब दूसरे जिलों के कोरोना मरीजों की जांच नहीं की जाएगी, आदेश जारी

BIG BREAKING: नोएडा में अब दूसरे जिलों के कोरोना मरीजों की जांच नहीं की जाएगी, आदेश जारी

Tricity Today | प्रतीकात्मक फोटो

गौतम बुध नगर में दूसरे जिलों के कोरोना संदिग्ध मरीजों की जांच बंद कर दी गई हैgangaगाजियाबाद और दिल्ली के लोग नोएडा में कोरोना संक्रमण की जांच नहीं करा सकेंगेgangaनोएडा के फोर्टिस अस्पताल ने सोमवार को इंदिरापुरम के मरीज को वापस लौटा दियाgangaसीएमओ ने भी पुष्टि की, बोले- अब एक जिले के व्यक्ति की दूसरे जिले में जांच नहीं होगी

अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा में दूसरे जिलों से आए कोरोना वायरस के संदिग्ध संक्रमित लोगों की जांच नहीं की जाएगी। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। मतलब, अब अगर इंदिरापुरम, वसुंधरा, वैशाली या खोड़ा का रहने वाला कोई व्यक्ति नोएडा में जांच कराना चाहता है तो नहीं की जाएगी। इसी तरह सिकंदराबाद या बुलंदशहर का रहने वाला व्यक्ति ग्रेटर नोएडा में जांच नहीं करवा पाएगा।

यह बात सोमवार को तब सामने आई जब इंदिरापुरम से आए एक संदिग्ध मरीज को नोएडा के सेक्टर 62 फोर्टिस अस्पताल से वापस लौटा दिया गया। यह कहकर नमूने जांच के लिए नहीं लिए गए कि वह गाजियाबाद के निवासी हैं। फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें सिर्फ गौतमबुद्ध नगर के संदिग्ध मरीजों की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।
 
नोएडा से सटे गाजियाबाद के इंदिरापुरम, वसुंधरा, वैशाली, खोड़ा और दिल्ली के मयूर विहार और अशोक नगर के ज्यादातर मरीज नोएडा के अस्पतालों में इलाज के लिए आते हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमण जांच बंद होने के कारण इन स्थानों पर रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है। सोमवार को इंदिरापुरम से 40 वर्षीय एक संदिग्ध मरीज फोर्टिस अस्पताल पहुंचा। मरीज पंजीकरण के बाद डॉक्टर के पास पहुंचे। डॉक्टर ने उनका आधार कार्ड देखा जिस पर इंदिरापुरम गाजियाबाद का पता था। डॉक्टर ने उनके नमूने लेने से मना कर दिया। उनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण होने के बावजूद उनके नमूने जांच के लिए नहीं लिए गए। 

इसी तरह ग्रेटर नोएडा और नोएडा के निजी जांच केंद्रों से दूसरे जिले और राज्यों के मरीजों के नमूने नहीं लिए गए हैं। जिला अस्पताल, जिम्स, सेक्टर-39 नए जिला अस्पताल से भी दूसरे जिलों के लोगों के नमूने नहीं लिए जा रहे हैं। 13 जून तक दूसरे जिलों और राज्यों के नमूने जांच के लिए नोएडा में लिए गए थे। 13 जून के बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा में किसी भी बाहरी जिले के व्यक्ति की जांच नहीं की गई।

इस बारे में गौतम बुध नगर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दीपक कुमार ओहरी ने भी पुष्टि की है। उन्होंने कहा, 'नए नियमों के अनुसार हम दूसरे जिलों के संदिग्ध मरीजों के नमूनों की जांच नहीं कर सकते हैं। इसलिए जो जिस जिले का निवासी है, उसी जिले की जांच केंद्र पर जांच कराए। सरकारी और निजी दोनों तरह की लैब में नए दिशा-निर्देश लागू हैं।' नोएडा और ग्रेटर नोएडा में दूसरे जिले और राज्यों के एक हजार से अधिक लोगों की जांच पहले हुई हैं।

अब तक दूसरे जिले और राज्यों के 74 लोग संक्रमित मिले हैं

पहले दूसरे जिले और राज्यों के एक हजार से अधिक लोगों के नमूने जिले से लिए गए हैं। जिसमें 74 लोग संक्रमित मिले हैं। इनमें से ज्यादातर मरीजों का इलाज यहीं हुआ है। लेकिन अब जांच बंद होने से दूसरे जगहों के लोगों की परेशानी बढ़ेगी। क्रॉस नोटिफाइड मरीजों को लेकर प्रदेश और जिला प्रशासन के आंकड़े भी एक नहीं हैं। यही वजह है कि गौतम बुध नगर में क्रॉस नोटिफाइड मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी और असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। 

दिल्ली के मयूर विहार, गाजियाबाद के इंदिरापुरम, वसुंधरा, वैशाली और खोड़ा के अधिकतर लोग इलाज के लिए नोएडा के निजी अस्पतालों में आते हैं। वहीं, दिल्ली के अशोक नगर और गाजियाबाद के खोड़ा के मरीज नोएडा के जिला अस्पताल में इलाज कराते हैं।

गौतम बुध नगर के जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ सुनील कुमार दौरे के मुताबिक जिले में ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नोएडा के सुपर स्पेशलिटी चाइल्ड पीजीआई, नोएडा के जिला अस्पताल, नोएडा के सेक्टर 39 में प्रस्तावित कोविड-19 अस्पताल और सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में संक्रमण का टेस्ट किया जा रहा है। इनके अलावा ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल, नोएडा के जेपी अस्पताल, फोर्टिस अस्पताल और लाल पैथ लैब में भी टेस्ट किया जा रहा है। स्वास्थ विभाग के मुताबिक प्राइवेट लैब में जांच के लिए 4500 रुपये की फीस निर्धारित है। अन्य सभी सरकारी केंद्रों में फ्री जांच की जा रही है।

केवल एक स्थिति में मिलेगी रियायत

स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कोविड के इलाज के लिए अपने-अपने जिलों के अस्पतालों में जाने के निर्देश हैं। पहले ही स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण की स्थिति में अपने-अपने जिलों में इलाज कराने के निर्देश दिए हैं। अगर कोई कोरोना संक्रमित मरीज गाजियाबाद का है तो वह उसी जिले के अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करवाएगा, केवल आपातकालीन स्थिति में यह व्यवस्था लागू नहीं की जा सकती है। मरीजों की पहचान आधार कार्ड पर लिखे पते के अनुसार की जाती है। 

आधार में पता अपडेट नहीं करवाने वाले परेशान होंगे

कई ऐसे लोगों को परेशानी आ सकती है, जो नोएडा या ग्रेटर नोएडा में रहते हैं लेकिन उनके पास अपने पैतृक निवास स्थान या दूसरे जिलों के आधार कार्ड बने हुए हैं, और उन्होंने अभी तक नोएडा या ग्रेटर नोएडा के पते अपने आधार कार्ड में अपडेट नहीं करवाए हैं।

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