नोएडा-दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर सील रहेंगे, यूपी सरकार ने स्थिति साफ की

नोएडा-दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर सील रहेंगे, यूपी सरकार ने स्थिति साफ की

नोएडा-दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर सील रहेंगे, यूपी सरकार ने स्थिति साफ की

Tricity Today | Yogi Adityanath

नोएडा-दिल्ली और गाजियाबाद-दिल्ली बॉर्डर खुलेगा या नहीं, इस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने असमंजस दूर कर दिया है। सरकार की ओर से थोड़ी देर पहले बयान जारी कर कहा गया है कि नोएडा-दिल्ली और गाजियाबाद-दिल्ली बॉर्डर को अभी सील रखा जाएगा। सरकार संक्रमण की गंभीरता के मद्देनजर यह फैसला ले रही है। दोनों जिलों के डीएम की ओर से सीलिंग के निर्णय उचित हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार ने चरणबद्ध तरीके से शहरों को खोलने के लिए जारी किए गए दिशा निर्देशों के नवीनतम आदेश में कहा है कि नोएडा-दिल्ली और गाजियाबाद-दिल्ली सीमाएं अभी सील रहेंगी। गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी अभी दिल्ली की सीमाओं से निर्बाध आवागमन नहीं चाहते हैं। दरअसल, दिल्ली में बहुत ज्यादा संक्रमण है। नोएडा और गाजियाबाद के स्वास्थ्य विभाग ने जिला प्रशासन को रिपोर्ट दी है कि दिल्ली में संक्रमण के कारण यहां भी हालात बिगड़ रहे हैं। ऐसे में बॉर्डर सील रखना जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग की इन्हीं रिपोर्ट पर दोनों जिलों के डीएम ने बॉर्डर सील कर रखे हैं।

गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के स्वास्थ्य विभाग डीएम को रिपोर्ट दे चुके हैं कि दिल्ली से आवागमन के कारण कोरोनावायरस का संक्रमण बढ़ रहा है। जब तक दिल्ली-नोएडा और दिल्ली-गाजियाबाद के बीच फ्री आवागमन को रोका नहीं जाएगा, कोरोनावायरस को रोकना संभव नहीं होगा। स्वास्थ्य विभाग की इन्हीं रिपोर्ट को आधार बनाकर गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई और गाजियाबाद के जिलाधिकारी डॉ अजय शंकर पांडे ने दिल्ली बॉर्डर सील करने का आदेश जारी किया है।

दूसरी ओर सामाजिक संगठन बॉर्डर सीलिंग के खिलाफ हैं। जनशक्ति सेवा समिति के अध्यक्ष एनके चोपड़ा ने कहा, "हमने गृह मंत्री को पत्र भेजा है। अनुरोध किया है कि नोएडा-दिल्ली सीमा खोलें। जैसा कि आप जानते हैं कि लॉकडाउन-5 के तहत नए मानक तय किए गए हैं। गृह मंत्रालय के निर्देश पर प्रशासन की ओर से मानकों को पालन करने के पश्चात उद्योग खोलने की अनुमति प्रदान की है।"
 
एनके चोपड़ा ने कहा, नोएडा का अधिकतर उद्योग और व्यापार दिल्ली पर निर्भर करता है। कई बीमारियों से ग्रस्त वरिष्ठ व्यक्तियों को अपना इलाज कराने के लिए भी अपने पुराने डॉक्टर के पास दिल्ली जाना पड़ता है। जो अभी सीमा बंद होने के कारण संभव नहीं हो पा रहा है। बड़ी संख्या में कर्मचारी नोएडा के उद्योगों में भी कार्य करने के लिए रोजाना नोएडा-दिल्ली के बीच आवागमन करते हैं। जनहित में यह जरूरी है कि शीघ्र नोएडा-दिल्ली सीमा खोलने की अनुमति प्रदान करें।

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