Tricity Today | Suhas LY IAS & Ajay Panday IAS
नोएडा-गाजियाबाद और दिल्ली के बीच सीमाओं की सीलिंग और संक्रमण मिलने के बाद सोसाइटी की सीलिंग को लेकर आज बड़ा फैसला आने की उम्मीद है। इन दोनों मुद्दों को लेकर गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के जिलाधिकारी व शासन के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग चल रही है। दरअसल, लोग बॉर्डर सीलिंग और सोसाइटी सीलिंग का विरोध कर रहे हैं। दूसरी ओर जिला प्रशासन सरकारी गाइडलाइंस और लगातार फैल रहे संक्रमण का हवाला देकर सीलिंग खत्म करने को तैयार नहीं है।
लॉकडाउन-2 से लगातार नोएडा-दिल्ली के बीच बॉर्डर सील है। अधिकृत पास के जरिए ही लोगों को आवागमन की छूट दी जा रही है। इससे रोजाना डीएनडी और महामाया फ्लाईओवर पर जाम लग रहा है। दूसरी और गाजियाबाद के जिलाधिकारी डॉ अजय शंकर पांडेय ने भी सोमवार को सीलिंग ऑर्डर जारी कर दिया था। मंगलवार की सुबह से वहां भी लंबा जाम लगा हुआ है। दोनों शहरों के आम आदमी का तर्क है कि जब कार्यालय, कंपनी, फैक्ट्री, बाजार और दूसरे कामकाज शुरू करने का आदेश दे दिया गया है तो दिल्ली जाना लोगों की मजबूरी है। दिल्ली आवागमन के बिना काम नहीं हो सकता। लिहाजा बॉर्डर सील करना अनुचित है।
दूसरी ओर गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के स्वास्थ्य विभाग डीएम को रिपोर्ट दे चुके हैं कि दिल्ली से आवागमन के कारण कोरोनावायरस का संक्रमण बढ़ रहा है। जब तक दिल्ली-नोएडा और दिल्ली-गाजियाबाद के बीच फ्री आवागमन को रोका नहीं जाएगा, कोरोनावायरस को रोकना संभव नहीं होगा। स्वास्थ्य विभाग की इन्हीं रिपोर्ट को आधार बनाकर गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई और गाजियाबाद के जिलाधिकारी डॉ अजय शंकर पांडे ने दिल्ली बॉर्डर सील करने का आदेश जारी किया है। हालांकि, दोनों जिलाधिकारी ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस मसले पर मार्गदर्शन मांगा है। जिस पर सरकार ने अब तक कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की है।
दूसरी समस्या नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हाउसिंग सोसायटियों की सीलिंग को लेकर पैदा हो रही है। किसी हाउसिंग सोसाइटी में कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्ति मिलने के बाद गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन पूरी सोसाइटी को सील कर रहा है। वहीं, गाजियाबाद जिला प्रशासन केवल उसी टावर को सील करता है, जिसमें कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्ति मिल रहा है। अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा के निवासी तर्क दे रहे हैं कि गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में नियम अलग-अलग कैसे हो सकते हैं। इसी बात को लेकर सोमवार की रात ग्रेटर नोएडा वेस्ट में सुपरटेक इकोविलेज वन हाउसिंग सोसाइटी के सैकड़ों लोग विरोध करने पुलिस के सामने आ गए थे। दरअसल, पुलिस इस सोसाइटी की सीलिंग करने पहुंची थी। सोसाइटी में कोरोनावायरस से संक्रमित कई व्यक्ति पाए गए हैं।
इस मुद्दे पर फ्लैट खरीदारों की संस्था नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार का कहना है कि हम लोगों ने जिलाधिकारी और कोविड-19 अभियान के गौतमबुद्ध नगर में प्रभारी नरेंद्र भूषण को एक पत्र सौंपा है। हम लोगों ने मांग की है कि पूरी सोसाइटी को सील नहीं किया जाए, जिस टावर में संक्रमण मिले उसे ही सील किया जाए। अभिषेक का कहना है कि गाजियाबाद में यही व्यवस्था अपनाई जा रही है। गौतमबुद्ध नगर में पूरी सोसाइटी सील की जा रही है। सवाल यह उठता है कि दो पड़ोसी जिलों में व्यवस्था अलग-अलग कैसे हो सकती है।
सोसायटियों के निवासी कह रहे हैं, एक तरफ कंपनियां खुलती जा रही हैं और दूसरी तरफ सोसाइटी सील होती जा रही हैं। जब हम लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने देंगे, तो हम ड्यूटी पर कैसे जाएंगे। ऐसे हालात में तो हम लोगों की नौकरी चली जाएंगी। अब जानकारी मिली है कि इन दोनों मुद्दों पर शासन की राय और अंतिम रूप से फैसला लेने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बुलाई गई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुबह 11:00 बजे से चल रही है। जिसमें गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद के पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी शासन के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं। उम्मीद है कि आज शाम तक इन दोनों समस्याओं का समाधान हो जाएगा।