Google Image | प्रतीकात्मक फोटो
विश्वव्यापी कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 23 मार्च 2020 को पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर दिया गया था। जिसके तहत सभी तरह की गतिविधियां पूरी तरह बंद हो गई थीं। खासतौर से कारोबारी गतिविधियां ठप पड़ी हुई हैं। अभी भी प्रतिबंधित रूप से उद्योग और व्यापार चल रहे हैं। ऐसे में वाणिज्य कर विभाग को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। दूसरी ओर कारोबारी अपना जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं कर पाए हैं। अब जीएसटी डिपार्टमेंट ने कारोबारियों को बड़ी राहत दी है।
लॉकडाउन में कारोबार ठप रहने का असर जीएसटी रिटर्न पर ज्यादा पड़ा है। जीएसटी रिटर्न फ़ाइल नहीं करने वाले कारोबारियों को उत्तर प्रदेश वाणिज्य कर विभाग की ओर से नोटिस भेजे जा रहे हैं। विभाग ने अब तक नोएडा में 12,935 कारोबारियों को ऑनलाइन नोटिस भेज दिए हैं। इन नोटिस में कारोबारियों को 30 सितंबर तक रिटर्न फ़ाइल करने के लिए कहा गया है। अधिकारियों का कहना है कि इसके बाद जीएसटी राशि पर ब्याज और विलंब शुल्क वसूल किया जाएगा।
मतलब साफ है कि अगर कारोबारी 30 सितंबर तक अपना जीएसटी रिटर्न फाइल कर देते हैं तो उन्हें किसी भी तरह का ब्याज और पेनल्टी नहीं चुकाना पड़ेगा। राज्य वाणिज्यकर विभाग गौतमबुद्ध नगर से मिली जानकारी के मुताबिक, जिले में 41,741 कारोबारी रजिस्टर्ड हैं। इनमें से महज 10.74 प्रतिशत कारोबारियों ने जीएसटी रिटर्न दाखिल किए थे। 3038 लोगों को नोटिस भेजे जा चुके हैं। मार्च में पंजीकृत 42,783 कारोबारियों में से 22.83 फीसदी लोगों ने रिटर्न भरा है। इनमें से 7,675 कारोबारियों को नोटिस भेजे गए हैं। अप्रैल में 43,527 कारोबारी पंजीकृत थे। जिसमें से 31.57 फीसदी कारोबारियों ने रिटर्न भरा है। 2,222 कारोबारियों को रिटर्न फाइल करने के लिए नोटिस भेजे जा चुके हैं।
जीएसटी गौतम बुध नगर के अधिकारियों ने बताया कि बाकी कारोबारियों को भी नोटिस भेजे जाएंगे। वाणिज्यकर विभाग के एडिशनल कमिश्नर विनय ने बताया कि नोटिस भेजने की प्रक्रिया ऑनलाइन ऑटोमेटिक है। इसलिए निर्धारित अंतिम तारीख बीतते ही नोटिस जाने शुरू हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में फैक्ट्री और कारोबार बंद होने के कारण शासन ने कारोबारियों को राहत दी है।
एडीशनल कमिश्नर ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जीएसटी रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी है। 30 सितंबर तक जीएसटी रिटर्न फाइल करने वाले कारोबारियों को किसी भी तरह का ब्याज और पेनल्टी का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। एक अक्टूबर से विलंब शुल्क और जीएसटी राशि के आधार पर ब्याज लगाया जाएगा। जीएसटी गौतमबुद्ध नगर को जीएसटी रिटर्न फ़ाइल करने वाले कारोबारियों का डाटा देर से मिला है। अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक 15 जुलाई को डेटा मिला है। जबकि यह जानकारी अधिकतम दो से तीन जुलाई तक मिल जानी चाहिए थी। गौतमबुद्ध नगर के अलावा बाकी जिलों में भी जानकारी देर से पहुंची है।
यही वजह है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जीएसटी रिटर्न फाइल करने के लिए 30 सितंबर तक का समय कारोबारियों को दे दिया है। इस दौरान उनसे किसी भी तरह का ब्याज और पेनल्टी की वसूली नहीं की जाएगी। सरकार की ओर से मिली राहत पर कारोबारियों ने भी चैन की सांस ली है। हालांकि प्रदेश के कारोबारी लॉकडाउन पीरियड के दौरान जीएसटी रिटर्न से मुक्ति की मांग कर रहे हैं। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कारोबार शून्य रहा है तो कारोबारियों को कोई जीएसटी चुकाने की आवश्यकता नहीं है। रिटर्न भरने में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। लेकिन जीएसटी रिटर्न नहीं भरने का कोई उचित नहीं है।