नोएडा में लगा डेढ़ लाख टन कूड़े का ढेर, अब प्राधिकरण ने इसके निस्तारण की यह योजना बनाई

नोएडा में लगा डेढ़ लाख टन कूड़े का ढेर, अब प्राधिकरण ने इसके निस्तारण की यह योजना बनाई

नोएडा में लगा डेढ़ लाख टन कूड़े का ढेर, अब प्राधिकरण ने इसके निस्तारण की यह योजना बनाई

Google Image | प्रतीकात्मक फोटो

सेक्टर-145 मुबारिकपुर में पड़े करीब डेढ़ लाख मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण अगले महीने से शुरू होगा। इस बार कूड़े का निस्तारण करने के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण अधिक क्षमता का प्लांट लगाएगा। इस बार रोजाना 2 हजार टन कूड़े का निस्तारण किया जाएगा। अभी तक रोजाना केवल एक हजार टन कूड़े का निस्तारण हो रहा था, लेकिन करीब एक महीने से कूड़ा निस्तारण की प्रक्रिया बंद पड़ी हुई है। दरअसल, टेंडर नहीं हो पाया और कूड़े का बैकलॉग हो गया। 

अभी विकास प्राधिकरण अस्थाई रूप से कूड़े का निस्तारण कर रहा है। पूरे नोएडा शहर का कूड़ा सेक्टर-145 में डाला जा रहा है। यहां पर करीब पौने दो साल से कूड़ा डाला जा रहा है। इससे पहले कूड़ा सेक्टर-54, 123 व कुछ अन्य स्थानों पर डाला जाता था। अब यहां पर पड़े कूड़े का निस्तारण करीब एक महीने से नहीं हो रहा है। इसकी वजह से यहां पर करीब डेढ़ लाख मीट्रिक टन कूड़ा इकठ्ठा हो गया है। अभी तक जो कंपनी निस्तारण कर रही थी, उसका टेंडर समाप्त हो चुका है। नोएडा प्राधिकरण ने शनिवार को नए सिरे से टेंडर जारी कर दिया है। इस प्रकिया में हिस्सा लेने के लिए इच्छुक कंपनियों को एक सप्ताह में आवेदन करना होगा। 

प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि अगले महीने कूड़ा निस्तारण करना शुरू कर दिया जाएगा। इस बार 2 हजार टन रोजाना कूड़ा निस्तारित किया जाएगा। प्लांट लगाने के लिए टेंडर जारी किए गए हैं। इससे यहां कूड़े के ढेर नहीं बन पाएंगे और जल्दी-जल्दी कूड़े का निस्तारण होगा।

गौरतलब है कि फरवरी में कूड़े का निस्तारण बंद हो गया था, लेकिन प्राधिकरण अधिकारियों ने पुरानी कंपनी से बात करके उसका समय बढ़ाया। कोरोना वायरस के कारण पूरा शहर बंद था। करीब तीन महीने तक काफी कम मात्रा में कूड़ा शहर से निकला।

यमुना पुश्ते के बाहर डूब क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने की तैयारी
सेक्टर-145 मुबारिकपुर में अस्थाई रूप से कूड़े का निस्तारण कराया जा रहा है। यह औद्योगिक और आवासीय जमीन है। स्थाई रूप से कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने यमुना पुश्ते के बाहर डूब क्षेत्र में नई जगह तलाश ली है। यहां पर जमीन खरीदने क लिए प्राधिकरण किसानों को मनाने का प्रयास कर रहा है। यह जमीन मंगरौली और याकूतपुर गांव से 600-700 मीटर दूरी पर है, जबकि यमुना करीब 500 मीटर दूरी पर है। इससे गांव वालों को भी बदबू की परेशानी नहीं होगी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को भी आपत्ति नहीं होगी।

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