Google Image | प्रतीकात्मक फोटो
ग्रेटर नोएडा शहर में बड़ा ही अजब-गजब मामला सामने आया है। यहां शहर के 10 सेक्टरों में सीवर लाइन के 2858 मैनहोल का पता नहीं चल पा रहा है। मैनहोल गायब हो गए हैं। इसके चलते सीवर ओवरफ्लो और ब्लॉकेज की समस्या खड़ी हो गई है। लोग शिकायत कर रहे हैं और कोई समाधान नहीं हो पा रहा है। दरअसल, सेक्टरों में लोगों ने अपने घरों के बाहर रैंप बना रखे हैं। सीवर के मैनहोल पर रैम्प बना दिए हैं। अब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लोगों से अपील की है कि जिन आवंटियों ऐसे रैंप बना रखे हैं, वह उसे तुड़वाकर 2 सप्ताह के अन्दर साफ करा दें। अगर ऐसा नहीं किया तो प्राधिकरण अभियान चलाकर रैम्पों को तोड़ेग और मैन होल की सफाई कराएगा। इसके लिए आवंटियों से शुल्क भी वसूल किया जाएगा।
ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में करीब 10 लाख लोग निवास कर रहे हैं। आने वाले 10 वर्षों में अत्यधिक पूंजी निवेश, राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय संस्थानों की स्थापना से आबादी बढ़ेगी। आगामी 10 वर्षों में निवासियों की संख्या 25 लाख होने की उम्मीद है। प्राधिकरण अपने निवासियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रयासरत है। शहर की सीवर सफाई के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। सीवर लाइन की सफाई के लिए रोबोट का सहारा लिया जा रहा है। प्राधिकरण सीवर लाइनों की सफाई के लिए अभियान चलाया हुआ है, लेकिन इसमें बाधा आ रही है।
प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बताया कि शहर के 10 आवसीय सेक्टरों में 9557 मैन होल हैं। इसमसें से 6699 मैननहोल का पता चला है। 2858 मैन होल मिल नहीं रहे हैं। आशंका है कि लोगों ने रैंप बनाकर मैन होल को ढक लिया है। इसके चलते इन सेक्टरों की सीवर/ओवरफ्लो की समस्या समाप्त नहीं हो पा रही है। प्राधिकरण ने लोगों से यह अपील की है कि इन सेक्टरों के लोग रैंप तोड़ कर मैन होल की सफाई करा लें। इसके लिए दो सप्ताह का समय दिया है। दो सप्ताह बाद प्राधिकरण अभियान चलाकर अनाधिकृत रूप से बनाये गये रैम्पों को तोड़कर मैन होलों की सफाई कराएगा। इन रैम्प को तोड़ने में आने वाले खर्च की वूसली संबंधित आवंटी से की जाएगी।
शहर के सेक्टरों में गायब मैनहोल की स्थिति
सेक्टर |
सीवर लाइन की लम्बाई |
मिले मैनहोल |
गायब मैनहोल |
कुल मैनहोल |
अल्फा-1 |
15.707 |
678 |
217 |
895 |
अल्फा-2 |
17.988 |
705 |
527 |
1232 |
बीटा-1 |
16.880 |
800 |
282 |
1082 |
बीटा-2 |
19.490 |
746 |
424 |
1170 |
डेल्टा-1 |
17.714 |
978 |
280 |
1258 |
डेल्टा-2 |
16.387 |
745 |
145 |
890 |
डेल्टा-3 |
9.130 |
222 |
126 |
348 |
गामा-1 |
17.405 |
611 |
321 |
932 |
गामा-2 |
14.471 |
386 |
527 |
913 |
जू-2 |
10.577 |
828 |
09 |
837 |
शोधित पानी से किया जा रहा छिड़काव
सेक्टर-इकोटेक-3 में निर्मित 20 एमएलडी के एसटीपी से रोड पर पानी के छिड़काव के लिए शोधित जल टैंकरों में भरने की व्यवस्था प्रारम्भ कर दी गयी है। इस एसटीपी से एक समय में एक साथ 3 टैंकरों में शोधित जल भरा जा रहा है। साथ ही ग्रीन बेल्ट, पार्क इत्यादि की सिचाई के लिए 5 किलोमीटर जलापूर्ति की लाइन भी बिछाई जा रही है। इससे 130 मीटर सड़क पर विकसित बड़ा डी पार्क तथा छोटा डी पार्क, कच्ची सड़क की सेन्ट्रल वर्ज तथा सेक्टर के अन्दर विकसित पार्क के सिंचाई का कार्य शोधित जल से किया जायेगा। शीघ्र ही शोधित जल के टैंकर भरने की व्यवस्था 15 एमएलडी एसटीपी सेक्टर-इकोटेक-2 में शुरू की जाएगी।
150 किलोमीटर सीवर लाइन का सर्वे पूरा
ग्रेटर नौएडा प्राधिकरण के अन्तर्गत वर्तमान में सीवर लाइन के सर्वेक्षण का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। इसमें 150 किलोमीटर सीवर लाइन के सर्वे का कार्य पूरा हो गया है। लगभग 600 किलोमीटर सीवर लाइन के सर्वे का कार्य शेष है।
250 मीटर सीवर लाइन गायब मिली
जांच में बात सामने आई कि ग्राम डाबरा की खसरा संख्या 280 में विवाद होने के कारण इन सेक्टरों से आने वाली मुख्य सीवर का कार्य बाधित होने के फलस्वरूप लगभग 250 मीटर सीवर लाइन का कार्य छूटा हुआ था। इसके जोड़ने के लिए कार्य शुरू करा दिया गया है। इस महीने यह काम पूरा हो जाएगा।