पुलिस ने किया बड़ा खुलासा, अश्लील फिल्में ऑनलाइन बेचकर करोड़ों कमाए

पुलिस ने किया बड़ा खुलासा, अश्लील फिल्में ऑनलाइन बेचकर करोड़ों कमाए

पुलिस ने किया बड़ा खुलासा, अश्लील फिल्में ऑनलाइन बेचकर करोड़ों कमाए

Google Image | दीपक सैनी और केशव सिंह

सरकार ने देश में भले ही पोर्न वेबसाइट बंद कर दी हैं लेकिन अब भी यह गोरखधंधा चल रहा है। ऐसा ही एक बड़ा चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मध्य प्रदेश की साइबर पुलिस ने बुधवार को खुलासा किया कि अश्लील फिल्मों का एक ओटीटी प्लेटफॉर्म चलाने वाले दो आरोपियों ने आठ महीने में ग्राहकी शुल्क के रूप में करीब 1.4 करोड़ रुपये कमाये हैं।

राज्य साइबर सेल की इंदौर इकाई के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह ने बताया, "हमने संबंधित ओटीटी प्लेटफॉर्म के सर्वर का लेखा-जोखा हासिल किया है। इसके मुताबिक ओटीटी प्लेटफॉर्म के ग्राहकी शुल्क के रूप में इस साल एक जनवरी से 26 अगस्त के मध्य लगभग 1.4 करोड़ रुपये ऑनलाइन वसूले गये हैं।" ओवर-द-टॉप (ओटीटी) मीडिया सेवा है जो इंटरनेट के माध्यम से दर्शकों तक सीधे पेश की जाती है। 

सिंह ने बताया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म चलाने वाली एक निजी कम्पनी के दो निदेशकों - दीपक सैनी (30) और केशव सिंह (27) को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के संबद्ध प्रावधानों के तहत मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था। वे ग्वालियर से अश्लील फिल्मों का कारोबार चला रहे थे।

उन्होंने बताया कि कोविड-19 की लॉकडाउन अवधि के दौरान दोनों आरोपियों को ओटीटी प्लेटफॉर्म से सबसे ज्यादा कमाई हुई। वे इस प्लेटफॉर्म के ग्राहकों से हर महीने 249 रुपये का शुल्क वसूलते थे। पुलिस अधीक्षक ने बताया, "आरोपियों के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अश्लील फिल्मों का प्रसारण किया जाता है। अब तक की जांच से पता चला है कि इसके ग्राहक भारत समेत 20 से ज्यादा देशों में फैले हैं।"

उन्होंने बताया कि इन्स्टाग्राम और ट्विटर जैसे बड़े सोशल मीडिया मंचों पर इस ओटीटी प्लेटफॉर्म की ब्रांडिंग भी की जा रही थी, ताकि दुनिया भर में नये ग्राहक बनाये जा सकें। सिंह ने बताया, "हमें पता चला है कि दोनों आरोपी साइबर संसार में अश्लील फिल्मों का एक और ओटीटी प्लेटफॉर्म उतारने की तैयारी में थे।"

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वेब सीरीज बनाने का झांसा देकर युवतियों से अश्लील फिल्मों में काम कराने वाले अंतरप्रांतीय गिरोह के खिलाफ जारी जांच में मिले सुरागों के आधार पर दोनों आरोपियों को पकड़ा गया। इस गिरोह के चार सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

उन्होंने बताया कि जांच के घेरे में आये ओटीटी प्लेटफॉर्म को पाकिस्तान के हुसैन अली नामक व्यक्ति की कथित तकनीकी मदद से विकसित किया गया था और पड़ोसी मुल्क का यही नागरिक इसके रख-रखाव का काम भी कर रहा था। मामले में विस्तृत जांच जारी है।

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