कानपुर कांड: विकास दुबे के लगे पोस्टर, अभी पुलिस की पकड़ दे दूर

कानपुर कांड: विकास दुबे के लगे पोस्टर, अभी पुलिस की पकड़ दे दूर

कानपुर कांड: विकास दुबे के लगे पोस्टर, अभी पुलिस की पकड़ दे दूर

ANI | विकास दुबे के लगे पोस्टर

कानपुर कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे की तलाश में उत्तर प्रदेश पुलिस जोर-शोर से जुटी हुई है। सोमवार को दिन निकलते ही कानपुर, उन्नाव, औरैया और झांसी समेत आसपास के तमाम जिलों में विकास दुबे के पोस्टर लगाए गए हैं। सभी नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा पर भी विकास दुबे के पोस्टर उत्तर प्रदेश पुलिस चस्पा कर रही है। हालांकि, तमाम कवायद के बावजूद अभी विकास दुबे उत्तर प्रदेश पुलिस की पकड़ से दूर है।

कानपुर नगर के चौबेपुर थाना क्षेत्र में विकरु गांव के निवासी विकास दुबे ने बीते गुरुवार की रात डीएसपी, एसएचओ और तीन सब इंस्पेक्टर समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। विकास दुबे हत्या करके फरार हो गया था। अब पुलिस जोर-शोर से विकास दुबे की तलाश में जुटी है। दूसरी ओर विकास दुबे के परिवार के सदस्यों पर धड़ाधड़ मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। रविवार को विकास दुबे के भाई पर धोखाधड़ी, जालसाजी, रंगदारी मांगने और धमकाने के आरोप में दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस ने विकरु गांव में विकास दुबे का घर ढहा दिया है। उसकी कारें और ट्रैक्टर समेत तमाम संसाधन ध्वस्त कर दिए गए हैं। विकास दुबे के भाई के घर में भी पुलिस ने भारी तोड़फोड़ की है। इस सब के बावजूद विकास दुबे अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।

सोमवार की सुबह दिन निकलते ही पुलिस ने कानपुर समेत आसपास के तमाम जिलों में विकास दुबे के पोस्टर चस्पा किए हैं। विकास दुबे पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया है। पूरे कानपुर जोन की पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है। पिछले 3 दिनों में पुलिस ने 300 से ज्यादा स्थानों पर छापामारी की है। बड़ी संख्या में लोगों से पूछताछ की गई है। लोगों को हिरासत में लिया गया है। विकास दुबे का कोई रिश्तेदार, दोस्त और संबंधी नहीं बचा है, जिससे पुलिस ने पूछताछ ना की हो, लेकिन अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं। विकास दुबे कहां गया, यही सुराग जुटाने में पुलिस लगी हुई है।

उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ-साथ स्पेशल टास्क फोर्स भी विकास दुबे की तलाश कर रही है। उत्तर प्रदेश पुलिस की लोकल इंटेलिजेंस यूनिट, साइबर सेल, मोबाइल ट्रैकिंग एंड सर्विलांस टीम और यूपी एसटीएफ मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दे रही हैं। जानकारी मिली है कि यूपी पुलिस ने अब तक करीब 50,000 मोबाइल फोन का डाटा खंगाला है, लेकिन विकास दुबे से जुड़ा कोई खास सुराग नहीं मिला है। दरअसल, विकास दुबे फिलहाल कोई मोबाइल फोन इस्तेमाल नहीं कर रहा है। उसके मोबाइल फोन स्विच ऑफ जा रहे हैं। ऐसे में पुलिस पूरी तरह अपने मुखबिर तंत्र पर निर्भर है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्दी ही वह कहीं ना कहीं दिखाई देगा और उसे जानकारी मिल जाएगी।

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