Google Image | विकास दुबे
कानपुर पुलिस मुठभेड़ में मारे गए और आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले गैंगस्टर विकास दुबे और उसके सगे संबंधियों के नाम पर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) में कोई संपत्ति नहीं मिली है। जीडीए ने इस बारे में अपनी रिपोर्ट एसआईटी को भेज दी है। एसआईटी को आशंका थी कि विकास दुबे और उसके सगे-संबंधियों के नाम पर गाजियाबाद में संपत्ति हो सकती हैं।
संपत्तियों की गाजियाबाद में ज्यादा कीमत होने के चलते एसआईटी को शक था कि विकास दुबे ने जुर्म की दुनिया से कमाया धन यहां संपत्ति खरीदने में निवेश किया होगा। एसआईटी ने इस बारे में जीडीए को पत्र भेजकर तीन दिन में जानकारी मांगी थी। गोपनीय जांच होने के कारण जीडीए में संपत्ति अनुभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को फाइलें खंगालने के लिए लगाया गया। विकास दुबे के अलावा उसकी पत्नी ऋचा दुबे, भाई दीप प्रकाश, मामा प्रेम प्रकाश पांडेय, अतुल दुबे और अमर दुबे के नाम संपत्तियों की तलाश शुरू की गई।
इंदिरापुरम, वैशाली और कौशांबी की संपत्ति के रिकॉर्ड खंगाले गए। इनमें किसी के नाम संपत्ति नहीं मिली। अन्य आवासीय योजनाओं के आवंटियों की लिस्ट देखी गई। उनमें भी कोई संपत्ति इन लोगों के नाम नहीं मिली हैं। जीडीए ने संपत्तियों की फाइलें खंगालने के बाद इसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर एसआईटी को भेज दी है। आपको बता दें कि आवंटन करते वक्त आवंटियों का कंप्यूटराइज्ड रिकॉर्ड तैयार किया जाता है। इसमें पड़ताल जल्द करने में मदद मिली।
आपको बता दें कि इसी तरह की सूचनाएं नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण से भी मांगी गई हैं। गौतमबुद्ध नगर के तीनों विकास प्राधिकरण जांच-पड़ताल में जुटे हुए हैं। दूसरी ओर कानपुर समेत पूरी यूपी में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) भी विकास दुबे और उसके रिश्तेदारों के नाम की संपत्तियां तलाश कर रहा है। हालांकि, अभी तक किसी भी विकास प्राधिकरण से ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है कि विकास दुबे या उसके रिश्तेदारों की संपत्तियां वहां खरीदी गई हैं।