Google Image | Yamuna Expressway
उत्तर प्रदेश और खासतौर से गौतम बुध नगर के निवासियों के लिए बड़ी खबर है। यमुना एक्सप्रेस वे पर मेट्रो कोच बनाने वाली फैक्ट्री स्थापित की जाएगी। ग्रेटर नोएडा शहर में पहले से ही काम कर रही एक बड़ी निजी कंपनी इस फैक्ट्री की स्थापना करेगी। इस प्रोजेक्ट के लिए मंगलवार (आज) यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण भूमि का आवंटन करेगा। मंगलवार को तीन बजे यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की आवंटन समिति मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुण वीर सिंह की अध्यक्षता में मीटिंग करके फैसला लेगी।
उत्तर प्रदेश में पहली मेट्रो रेल कोच बनाने की फैक्ट्री यमुना एक्सप्रेस वे पर बनेगी। ग्रेटर नोएडा के उद्योग विहार में पहले से काम कर रही कंपनी पीपीएस इंटरनेशनल मेट्रो कोच बनाने की फैक्ट्री लगाएगी। कंपनी ने इकाई स्थापित करने के लिए यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में आवेदन दिया था। इस आवेदन को स्वीकार कर लिया गया था। मांगी गई जमीन आवंटित करने के लिए मंगलवार को दोपहर बाद 3:00 बजे यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ अरुण वीर सिंह की अध्यक्षता में आवंटन समिति की बैठक होगी।
पीपीएस इंटरनेशनल ने प्राधिकरण से 20 एकड़ जमीन मांगी है
निजी कंपनी पीपीएस इंटरनेशनल ने यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण से मेट्रो कोच फैक्ट्री लगाने के लिए 20 एकड़ जमीन के लिए आवेदन किया है। कंपनी यहां जापानी टेक्नोलॉजी के आधार पर मेट्रो कोच फैक्ट्री लगाना चाहती है। जर्मन टेक्नोलॉजी के तहत मेट्रो ट्रेन के कोच स्टेनलैस स्टील से बनाए जाते हैं। यह कम्पनी अभी इंडियन रेलवे के लिए ओवरहेड इलेक्ट्रिसिटी केबल, केंटिलिवर, इलेक्ट्रिक प्लग्स और तमाम दूसरे उपकरण बनाती है। मेट्रो के लिए भी यह कम्पनी तमाम उपकरण बनाकर दे रही है। कम्पनी की स्थापना वर्ष 2003 में हुई थी।
कम्पनी 1500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी
पीपीएस इंटरनेशनल कंपनी यमुना एक्सप्रेस वे पर मेट्रो रेल कोच फैक्ट्री बनाने के लिए करीब 15 करोड रुपए का निवेश करेगी। अभी उत्तर प्रदेश में सरकारी या निजी क्षेत्र में रेल कोच बनाने का कोई कारखाना नहीं लगा है। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण प्राधिकरण के लिए इस प्रॉजेक्ट को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्राधिकरण को उम्मीद है कि इस कंपनी के आने से कई और बड़ी कंपनियां इस क्षेत्र में आकर्षित होंगी।
जेवर एयरपोर्ट के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियां यहां आ रही हैं
यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में जेवर के पास ग्रीन फील्ड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण प्रस्तावित है। अगले दो से 3 महीनों में इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण शुरू हो जाएगा। यह एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने हवाई अड्डे के लिए जरूरी भूमि का अधिग्रहण करके यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को दे दी है। ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट को हवाई अड्डा बनाने के लिए ठेका दिया जा चुका है। जब से यह परियोजना परवान चढ़ी है, पूरे इलाके में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनियां अपनी यूनिट लगाने के लिए आगे आ रही हैं।
एक दशक में इलाके को 5 लाख करोड़ रुपए का निवेश मिलेगा
यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने लॉकडाउन के दौरान भी लगातार भूमि आवंटन किए हैं। इस इलाके में निवेश और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉजिस्टिक हब पॉलिसी को मंजूरी दी है। जिसके जरिए लॉजिस्टिक हब को कमर्शियल एक्टिविटी से निकालकर इंडस्ट्रियल कैटेगरी में शामिल कर दिया गया है। अगले एक दशक में जेवर एयरपोर्ट और इसके आसपास करीब पांच लाख करोड़ रुपए का निवेश मिलने की उम्मीद है। भारत सरकार और यूपी गवर्नमेंट इस परियोजना को उत्तर भारत का ग्रोथ इंजन मानकर चल रहे हैं।