Google Image | UP Congress President Ajay Kumar Singh
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार सिंह उर्फ लल्लू और महासचिव वीरेंद्र सिंह गुड्डू को गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय ने अग्रिम जमानत दे दी है। इन दोनों नेताओं के खिलाफ गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो पॉइंट पर हंगामा करने, मारपीट करने, निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने और महिला कॉन्स्टेबल की वर्दी फाड़ने के आरोप में एक एफआईआर दर्ज की थी। दोनों नेताओं ने गौतमबुद्ध नगर जिला न्यायालय से अग्रिम जमानत मांगी थी। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने बुधवार को अग्रिम जमानत दे दी है। हालांकि, गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने अग्रिम जमानत का विरोध किया है।
गौतमबुद्ध नगर के अपर जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और मौजूदा राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी हाथरस जाने के लिए ग्रेटर नोएडा पहुंचे थे। उनके साथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ मौजूद थी। जब यह लोग ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो पॉइंट पर पहुंचे तो इन्हें पुलिस ने रोक लिया। इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई की। निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया। महामारी अधिनियम को भी तोड़ा है। शांति व्यवस्था कायम करने के लिए ड्यूटी पर लगाई गई महिला कॉन्स्टेबल रेखा चौधरी के साथ उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार सिंह लल्लू और महामंत्री वीरेंद्र सिंह गुड्डू ने अभद्रता की। उनकी वर्दी फाड़ दी।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि इस मामले में इन नेताओं के खिलाफ ईकोटेक-1 पुलिस स्टेशन में एक मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस की ओर से यह मामला आईपीसी की धारा 147, 323, 332, 354 और 427 के तहत दर्ज किया गया है। इस मामले में दोनों अभियुक्तों ने न्यायालय से अग्रिम जमानत मांगी है। किंतु इन लोगों का कृत्य बेहद गंभीर प्रकृति का है। लिहाजा, इन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए। दूसरी ओर अजय कुमार सिंह लल्लू के वकील ने अदालत को बताया कि पुलिस ने यह मामला गलत ढंग से दर्ज किया है। राजनीतिक विद्वेष के चलते सरकार के दबाव में पुलिस की ओर से यह एफआईआर दर्ज की गई है। दोनों नेता राष्ट्रीय पार्टी के जिम्मेदार पदाधिकारी हैं। उन्हें कानून की पूरी तरह जानकारी है। उनकी ओर से एक महिला कांस्टेबल के प्रति ऐसा व्यवहार करना सोच से परे है। लिहाजा पुलिस का मुकदमा झूठा है। मामले में जमानत दी जानी चाहिए। बचाव पक्ष की ओर से यह मुकदमा खारिज करने की मांग भी अदालत से की गई थी।
अदालत ने दोनों को सशर्त अग्रिम जमानत दी है
गौतमबुद्ध नगर के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रेक कोर्ट) फर्स्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अग्रिम जमानत दे दी है। हालांकि, पुलिस और अभियुक्तों पर शर्तें आरोपित की गई हैं। अदालत ने पुलिस को आदेश दिया है कि अगर जांच के दौरान अभियुक्तों को गिरफ्तार करते हैं तो 25,000 रुपये के निजी बेल बांड पर जमानत देंगे। दूसरी ओर दोनों अभियुक्तों को आदेश दिया गया है कि वह पुलिस की जांच में पूर्ण सहयोग करेंगे। किसी भी तरह से साक्ष्यों को मिटाने और छुपाने का प्रयास नहीं करेंगे। गवाहों पर दबाव नहीं डालेंगे। पुलिस जब भी जांच-पड़ताल या पूछताछ के लिए उनको बुलाएगी तो वह पूरा सहयोग करेंगे।