यूपी में 30 जून तक लागू रहेंगी पाबंदियां, सीएम ने बैठक में खास आदेश दिए

यूपी में 30 जून तक लागू रहेंगी पाबंदियां, सीएम ने बैठक में खास आदेश दिए

यूपी में 30 जून तक लागू रहेंगी पाबंदियां, सीएम ने बैठक में खास आदेश दिए

Tricity Today | Yogi Adityanath

कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण एक महीने से भी अधिक का समय लॉकडाउन बीत जाने के बाद अब उत्तर प्रदेश में दुकानें खोलने पर विचार हो सकता है। लेकिन, सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी कोर टीम (टीम-11) के साथ बैठक में स्पष्ट आदेश दिया कि प्रदेश में 30 जून तक कहीं पर भी कोई सार्वजनिक सभा नहीं होगी। शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ अपने सरकारी आवास पर अफसरों के साथ बैठक कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस के संक्रमण पर अंकुश लगाने के प्रयास में अपनी कोर टीम के साथ रोज करीब एक घंटा तक बैठक करते हैं। इस बैठक में अभी तक की स्थिति के साथ आने की योजना पर चर्चा होती है। टीम 11 की  समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अधिकारियों से कहा कि कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए हर जिले में फोकस टीम बनाइए। किसी भी सूरत में वायरस के संक्रमण का प्रसार नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि प्रदेश मे 30 जून तक किसी भी सार्वजनिक सभा की अनुमति नहीं दी जाए। इसके बाद भी स्थिति के आधार पर आगे का निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने निर्देशित किया कि कोरोना योद्धाओं के लिए पीपीई किट्स एन-95 मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री कोरोना वायरस संक्रमण पर अंकुश लगाने के प्रयास में अपनी कोर टीम के साथ रोज करीब एक घंटा तक बैठक करते हैं। इस बैठक में अभी तक की स्थिति के साथ आने की योजना पर चर्चा होती है। टीम 11 की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अधिकारियों से कहा कि कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए हर जिले में फोकस टीम बनाइए। किसी भी सूरत में वायरस के संक्रमण का प्रसार नहीं होना चाहिए। 

उन्होंने निर्देशित किया कि कोरोना योद्धाओं के लिए पीपीई किट्स एन-95 मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित करें। केंद्र सरकार की गाइड लाइन पर उत्तर प्रदेश में छूट की सीमा को किस तरह बढ़ाया जाए, कोरोना वायरस व जमात पर और कमेटी किचन की व्यवस्थाओं पर चर्चा व समीक्षा हो रही है।

लॉकडाउन के कारण लंबे समय से बंद पड़ी दुकानों को कड़ी शर्तों के साथ खोलने पर आज की बैठक में चर्चा हो सकती है। सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ मुख्य सचिव आरके तिवारी, डीजीपी एससी अवस्थी, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी के साथ प्रमुख सचिव नवनीत सहगल तथा भुवनेश कुमार भी बैठक में हैं। इस बैठक में तय होगा कि तीन मई तक घोषित लॉकडाउन-2 में प्रदेश में दुकानें कब से खोली जाएं और दुकानों पर कौन-कौन सी पाबंदी लगाई जाए।

केंद्र सरकार ने तमाम पाबंदी के साथ हॉटस्पॉट जोन को छोड़कर अन्य जगह पर छोटी दुकानें खोलने की अनुमति दी है। इसमें भी तमाम तरह की पाबंदी है। केंद्र सरकार ने शॉपिंग मॉल्स, बड़े स्टोर तथा रेस्टोरेन्ट खोलने पर अपनी रोक बरकरार रखते हुए छोटी दुकानों को खोलने की सलाह दी है, लेकिन जिन जिलों मे कोरोना के पॉजिटिव केस नहीं है अथवा आंशिक हैं। इसके बाद का फैसला केंद्र ने राज्य सरकारों पर छोड़ दिया है।

गृह मंत्रालय का यह आदेश ऐसे समय में आया है जब मुसलमानों का पवित्र महीना रमजान शनिवार से शुरू हो रहा है। शुक्रवार मध्य रात्रि के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 15 अप्रैल को जारी आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि लॉकडाउन के दौरान देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दुकानें और स्थापना अधिनियम के तहत पंजीकृत और नगर निगम और नगर पालिका क्षेत्रों में मौजूद आवासीय परिसरों व निकट पड़ोस (गली मोहल्ले) की दुकानों के साथ ही एकल दुकानें खोलने की अनुमति होगी।

आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इन दुकानों में 50 फीसदी कर्मचारी ही काम करेंगे। उन्हें शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए मास्क पहनना होगा और लॉकडाउन की शर्तो का पालन करना होगा। 24 मार्च से बंद गली मोहल्लों की दुकानें सरकार के इस फैसले से खुल जाएंगी जिससे लाखों लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

मंत्रालय ने यह भी साफ कर दिया है कि हॉटस्पॉट और कंटेनमेंट जोन में किसी तरह की छूट नहीं दी गई है। सभी जरूरी और गैरजरूरी दुकानों को खोलने की अनुमति देने से उम्मीद है कि कारोबार एक बार फिर पटरी पर आएगा। महीने से जारी लॉकडाउन के चलते दुकानें बंद रहने से व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान हो चुका है।

गृह मंत्रालय की तरफ से जारी हुए आदेश के मुताबिक केंद्र सरकार ने आवासीय कॉलोनियों के समीप बनी दुकानों और स्टैंड-अलोन दुकानों को खोलने की इजाजत दे दी है जो नगरपालिका निगमों और नगर पालिकाओं की सीमा के भीतर आती हों। इस इजाजत के साथ गृह मंत्रालय ने कुछ शर्तें भी लागू की हैं।

इन शर्तों के मुताबिक सभी दुकानें संबंधित राज्य-केंद्र शासित प्रदेशों के स्थापना अधिनियम के तहत पंजीकृत होनीं चाहिए। दुकानों में सिर्फ आधा स्टाफ ही काम कर सकेगा। स्टाफ का मास्क लगाना अनिवार्य होगा। ग्राहक और दुकानदार को शारीरिक दूरी जैसे उपायों को भी निभाना होगा।

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